रांची: झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने हजारीबाग के पत्रकार विवेक सिंह पर 23 अक्टूबर की रात हुये जानलेवा हमले एवं आंचलिक पत्रकारों के विरुद्ध समाचार संकलन को लेकर दर्ज किए गए झूठे मुकदमों को लेकर आज झारखण्ड के पुलिस महानिदेशक श्री एमवी राव से मिलकर मांगपत्र सौंपा।
मांगपत्र के माध्यम से पुलिस महानिदेशक से यह मांग की गई है कि विवेक सिंह पर हमले के बाद एसएसपी हजारीबाग ने स्वयं घटनास्थल पर पहुंच कर पूरी जानकारी ली थी घटना के लगभग 10 दिन बीत जाने के बावजूद अबतक हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है।
झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए तकनीकी विशेषज्ञ की टीम रांची से भेजकर जल्द हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की। संगठन ने हजारीबाग पुलिस की तकनीकी सेल की विफलता को सामने रखते हुए यह कहा कि पत्रकार जितेंद्र सिंह चौहान का मोबाइल हैक कर लगभग 2 वर्ष पूर्व एक षड्यंत्र के तहत शरारती तत्व द्वारा प्रधानमंत्री के विरुद्ध अनर्गल पोस्ट किया गया था, लगभग 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी उस मामले में भी कोई गिरफ्तारी नहीं हो पायी है।
पुलिस महानिदेशक ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया है कि वे दोषियों की गिरफ्तारी को सुनिश्चित करेंगे ताकि कानून पर आम लोगों का विश्वास क़ायम रह सके। संगठन की ओर से राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन ने पुलिस महानिदेशक के समक्ष आंचलिक पत्रकारों के विरुद्ध समाचार संकलन को लेकर अधिकारियों द्वारा षड्यन्त्र रच झूठे मुकदमे दर्ज करने के कई मामलों को रखा, जिसे डीजीपी महोदय ने गंभीरता से लेते हुए संगठन से ऐसे सभी मामलों की सूची तैयार कर देने के लिए कहा है।
शाहनवाज हसन ने कहा कि ऐसे अधिकांश मामले थाना एवं प्रखंड/अंचल स्तर के होते हैं। राशन की कालाबाजारी, मनरेगा की लूट, थाना के द्वारा गलत मामला दर्ज करने की खबर को प्रकाशित करने पर पत्रकारों को झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाता है। संगठन ने झारखण्ड के समस्त जिलों में पत्रकारों के विरुद्ध शिकायत मिलने पर उस पर कार्यवाई करने से पूर्व डीआईजी स्तर के पदाधिकारी की जांच को अनिवार्य करने की मांग की। झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र सिंह, राष्ट्रीय सचिव चंदन मिश्र, जिला अध्यक्ष रांची आलोक सिन्हा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ललन पाण्डे, उर्दू समाचार पत्र से नईमुल्लाह खान एवं मनोज कपरदार मुख्य रूप से शामिल थे।