Abhishek Srivastava : मैं रजत शर्मा को ‘शिक्षा और साहित्य’ के लिए मिले पद्म पुरस्कार का तहे दिल से स्वागत करता हूं। प्रधानजी से मेरा अनुरोध है कि अगले पद्म पुरस्कारों में सामाजिक परिवर्तन के लिए ज़ी न्यूज़ के सुधीर चौधरी, साहित्य के लिए डॉ. नरेश त्रेहान, चिकित्सा के लिए कुमार विश्वास, अमन-चैन के लिए श्री प्रवीण तोगडि़या, विज्ञान के लिए साक्षी महाराज आौर पत्रकारिता के लिए सुश्री स्मृति ईरानी के नामों पर विचार किया जाए। इसके अलावा हिंदी भाषा में साहित्य अकादमी का पुरस्कार चेतन भगत और अमीश त्रिपाठी को संयुक्त रूप से दिया जाए तथा अंग्रेज़ी में साहित्य अकादमी का पुरस्कार श्री सुधीश पचौरी को दिया जाए। अगर संभव हो तो मैग्सेसे पुरस्कार के लिए भारत की ओर से राष्ट्रीय गोरक्षा समिति को नामित किया जाए तथा शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए भारत सरकार की ओर से श्री अजित डोभाल का नाम प्रस्तावित किया जाए। दरअसल, मेरी हार्दिक इच्छा है कि दुनिया के तमाम पुरस्कारों पर से तमाम लोगों का भरोसा धीरे-धीरे उठ जाए।
Krishna Kant : हम नसीब वाले हैं कि ऐसा महान साहित्यकार और शिक्षाविद हमारे समय में पैदा हुआ. मैं इनके सभी डेढ़ दर्जन उपन्यास, पच्चीस कहानी संग्रह पढ़ चुका हूं. इनके जिस उपन्यास पर नोबेल मिला है, वह मेरे तकिए के नीचे रहता है. जिस किताब पर साहित्य अकादमी मिला, वह भी पूरी दुनिया में 30 भाषाओं में अनूदित हुई. यह विराट हिंदू साहित्य के क्षेत्र में भारतीय दोस्तोवस्की है. विज्ञान और शिक्षा पर इनकी किताब भी अब तक पांच करोड़ लोग प्रतिदिन पढ़ते हैं जिसमें नाग—नागिन सहवास, भूतनी का प्याज मांगना, शिव की लीला का साक्षात होना, रावण की कब्र का पता आदि विराट हिंदू ज्ञान उल्लिखित है. इनके रचे साहित्य पढ़कर भारत जरूर विश्वगुरु बनेगा. मोदी जी को भी दंडवत जिन्होंने इस महान विभूति की प्रतिभा को पहचान लिया.
Md Zafar Imam : रजत शर्मा (इंडिया टीवी )को पदमभूषण पदक से सम्मानित किया गया है प्लीज कोई किसी पार्टी की दलाली में मिला इनाम मत कहना ..
Jyotika Patteson : शिक्षा के लिए रजत शर्मा जी ने क्या कार्य किया है जो इस पुरस्कार से नवाजे गये….. मुझे तो जानकारी नही है यदि आप लोगों को मालूम हो तो जरूर अवगत कराये… ज्ञान का विस्तार होगा….
नवीन रमण : रजत शर्मा जैसों का शुक्र गुजार हूँ कि इन जैसों ने न्यूज चैनल देखने बन्द करवा दिए। कितना टाइम बच जाता है फेसबुक के लिए और किताबें पढ़ने के लिए। सरकार जी इन्हें कोई भी भूषण दे दो रहेंगे ये बिना आभूषण के ही।
Dilip C Mandal : BREAKING NEWS यह है कि रजत शर्मा एक्जाम में कॉपी खाली छोड़कर गुस्से में घर लौट गए क्योंकि सवाल पूछा गया था कि साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में रजत शर्मा के योगदान पर 3 लाइन की टिप्पणी लिखें. ऐसे मुश्किल सवाल के जवाब में 3 लाइनें लिखना कोई आसान काम है क्या?
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एक्जाम में इस सवाल के जवाब में 0/10 नंबर पाने वाले बच्चे की कॉपी से. सवाल – शिक्षा और साहित्य के क्षेेत्र में रजत “पद्मभूषण” शर्मा के योगदान पर टिप्पणी लिखें. (10 नंबर). उत्तर- रजत शर्मा ने…धत्त! क्या लिखूं? (क्या आप इस सवाल का जवाब लिखने में बच्चे की मदद कर सकते हैं? वह अपना टिफिन आपके साथ शेयर करने के लिए तैयार है. बच्चा अभी तक कनफ्यूज है कि अगले साल यही सवाल आ गया, तो क्य़ा लिखेगा. क्लास के मास्टर यह सवाल पूछने पर पीटते हैं.)
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हंसना मना है. सख्त मना है. BLOCK कर दूंगा. पद्मभूषण शर्मा पर हंसना बिल्कुल मना है. “सीछा और सहीत्य” के लिए मिला है, इस बात पर हंसना और भी मना है. चाहें तो रो लीजिए. यह भारतीय गणराज्य का तीसरा सबसे बड़ा सम्मान है. आप लोग भी उनसे “सिछा” लीजिए. गूगल पर सर्च करने से ये “सिछा” मिल रही है.
Dayanand Pandey : इंडिया टीवी पर भूत प्रेत समेत दुनिया भर के अंध विश्वास परोसने वाले, टीवी जैसे सशक्त माध्यम से देश के लोगों की मानसिकता को प्रदूषित करने वाले, भाजपा का नित-नया गुणगान करने वाले, कभी विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता रहे और वित्त मंत्री अरुण जेटली के चिंटू, पत्रकारिता में दल्लागिरी के बादशाह और जाने क्या-क्या श्रीमान रजत शर्मा को कल मोदी सरकार ने पद्म भूषण से नवाजा। लेकिन उनके धत कर्म सो काल्ड पत्रकारिता के लिए नहीं बल्कि साहित्य और शिक्षा के लिए। अब साहित्य और शिक्षा में रजत शर्मा का क्या योगदान है, कोई मुझे बता सके तो मैं उसको खूब बड़ा-सा सैल्यूट करना चाहूंगा! दिलचस्प यह कि जनाब अपने पद्म भूषण की खबर को कल रात नौ बजे के प्राइम टाइम बुलेटिन में पहली और मुख्य खबर बना कर आत्म प्रशंसा की तमाम क्लिपिंग दिखा कर अपनी दुम ऊंची करते रहे। इतनी कि भारत रत्न मदन मोहन मालवीय की खबर दूसरे नंबर पर आई और कश्मीर में बाढ़ की मुख्य खबर तीसरे नंबर पर चली गई।
Mukesh Yadav : पद्म भूषण रजत शर्मा!! : रजत शर्मा को ‘भाड़े का रत्न’ पुरस्कार मिलना चाहिए था! अपने सम्मान की खातिर ‘शिक्षा’ और ‘साहित्य’ को भी डूब मरना चाहिए!
पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट अभिषेक श्रीवास्तव, कृष्ण कांत, मोहम्मद जफर इमाम, ज्योतिका पैटरसन, नवीन रमण, दिलीप मंडल, दयानंद पांडेय, मुकेश यादव के फेसबुक वॉल से.
Comments on “हम नसीब वाले हैं कि रजत शर्मा जैसा महान साहित्यकार और शिक्षाविद हमारे समय में पैदा हुआ!”
Modi ka chamcha. Modi ki joothan chatne wala ek number ka bewkoof patrakaar.