Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

सहारनपुर कांड : आठ प्रदेशों के सामाजिक संगठनों की 28 प्रतिनिधियों वाली समिति ने जांच रिपोर्ट पेश की, आप भी पढ़ें

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद में शब्बीरपुर गाँव के दलितों पर हमले, आगजनी तथा तोड़फोड़ की घटना 5 मई, 2017 को घटित हुयी जिस में 14 दलित बुरी तरह से घायल हुए थे, लगभग 60 घर जलाये गए तथा लूटपाट की गयी. इस घटना की जांच 8 राज्यों: दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु तथा उत्तर प्रदेश के सामाजिक संगठनों के 28 प्रतिनिधियों के जांच दल द्वारा दिनांक 14 व 15 मई को सहारनपुर जाकर की गयी. जाँच से निम्नलिखित तथ्य प्रकाश में आये :

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद में शब्बीरपुर गाँव के दलितों पर हमले, आगजनी तथा तोड़फोड़ की घटना 5 मई, 2017 को घटित हुयी जिस में 14 दलित बुरी तरह से घायल हुए थे, लगभग 60 घर जलाये गए तथा लूटपाट की गयी. इस घटना की जांच 8 राज्यों: दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु तथा उत्तर प्रदेश के सामाजिक संगठनों के 28 प्रतिनिधियों के जांच दल द्वारा दिनांक 14 व 15 मई को सहारनपुर जाकर की गयी. जाँच से निम्नलिखित तथ्य प्रकाश में आये :</p>

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद में शब्बीरपुर गाँव के दलितों पर हमले, आगजनी तथा तोड़फोड़ की घटना 5 मई, 2017 को घटित हुयी जिस में 14 दलित बुरी तरह से घायल हुए थे, लगभग 60 घर जलाये गए तथा लूटपाट की गयी. इस घटना की जांच 8 राज्यों: दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु तथा उत्तर प्रदेश के सामाजिक संगठनों के 28 प्रतिनिधियों के जांच दल द्वारा दिनांक 14 व 15 मई को सहारनपुर जाकर की गयी. जाँच से निम्नलिखित तथ्य प्रकाश में आये :

Advertisement. Scroll to continue reading.

घटनाक्रम

दिनांक 5 मई को सहारनपुर जनपद के सिमलाना गाँव में राजपूतों द्वारा महाराणा प्रताप जयंती का आयोजन किया गया था जिस में स्थानीय प्रशासन द्वारा केवल जनसभा करने की अनुमति दी गयी थी तथा किसी भी प्रकार का जुलूस निकलने की मनाही थी. शब्बीरपुर गाँव में चमारों की लगभग 1000 तथा राजपूतों की 2000 की आबादी है. दलितों के पास ज़मीन है तथा वे अपेक्षतया साधन संपन्न हैं और राजनीतिक तौर पर काफी सक्रिय हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

उस दिन ग्राम शब्बीरपुर के कुछ राजपूत लड़कों द्वारा बिना किसी अनुमति के डीजे आदि के साथ हाथ में तलवारें लेकर जुलूस निकाला गया. जब यह जुलूस दलित आबादी के पास पहुंचा तो उन्होंने जोर जोर से डीजे बजाना तथा महाराणा प्रताप की जय के साथ साथ आंबेडकर मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. इस पर दलितों ने आपत्ति की तथा पुलिस को सूचना दी. इस पर पुलिस ने आ कर डीजे बंद करवा दिया तथा जुलुस को आगे बढ़ा दिया.

इसके थोड़ी देर बाद वही लड़के 25-30 मोटर साईकलों पर दलित आबादी की तरफ वापस आये तथा वहां उपस्थित पुलिस तथा दलितों से झगड़ने लगे कि आप लोगों ने हमारा डीजे क्यों रुकवा दिया है. उस समय उनके हाथों में तलवारें, डंडे तथा असलाह आदि थे और वे दलित घरों पर हमलावर हुए. उन्होंने रविदास मंदिर में लगी संत रविदास की मूर्ती तोड़ी. इस पर दलितों ने आत्मरक्षा में छत्तों से ईँट पत्थर आदि फेंकने शुरू कर दिए. इस पर उपस्थित पुलिस ने उन्हें खदेड़ कर वापस धकेल दिया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

ज्ञात हुआ है इस हमले के दौरान एक राजपूत लड़के (सुमित) की संदेहजनक परिस्थितियों में मौत हो गयी थी जिसकी मौत का कारण दम घुटना पाया गया था. घटनास्थल पर इस प्रकार की कोई भी परिस्थिति नहीं थी जिससे से यह कहा जा सके कि उस लड़के को दलितों ने ही मारा था. उसके शारीर पर किसी भी प्रकार की चोट नहीं पायी गयी थी तथा मृत्यु का कारण दम घुटना पाया गया था. उस समय हमलावर भीड़ उक्त लड़के को मोटर साईकल पर बैठा कर अपने साथ ले गयी थी और इस के बारे में हमलावरों ने जयंती सभा स्थल पर वापस जा कर यह अफवाह उड़ा दी कि दलितों ने दो राजपूत लड़कों को मार दिया है.

इस पर डेढ़ दो हज़ार की भीड़ मोटर साईकलों पर सवार होकर हाथ में तलवार, भाले तथा बंदूकें लेकर दलित आबादी पर हमलावर हुयी. उन्होंने दलित आबादी में पहुँच कर घूरे, खलिहान तथा घर, मोटर साईकलें, कपड़े, अनाज जलाना तथा सामान तोडना शुरू कर दिया. इस हमले से डर कर अधिकतर दलित घर छोड़ कर खेतों की तरफ भाग गए. इस बीच हमलावरों ने चुन चुन कर दलितों के घरों में तोड़फोड़ की, औरतों, बच्चों और बूढों को बुरी तरह से तलवार, लाठी तथा डंडे आदि से घायल किया, औरतों तथा लड़कियों के साथ बदतमीज़ी की, उनके कपड़े फाड़े तथा बचने के लिए भाग रही औरतों तथा लड़कियों का पीछा किया. हमलावरों ने जानवरों तक को भी नहीं बखशा तथा गाय और भैसों आदि को भी तलवारों से घायल किया. हमलावरों का यह तांडव दो तीन घंटे तक चलता रहा.

Advertisement. Scroll to continue reading.

वहां पर मौजूद पुलिस कम संख्या में होने के कारण हमलावरों को रोकने के लिए कोई भी कार्रवाही नहीं कर सकी. हमलावरों ने फायर ब्रिगेड तथा एम्बुलेंस को भी घटनास्थल पर पहुँचने नहीं दिया. बाद में जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक ने फोर्स सहित पहुँच कर हमलावरों को तितर बितर किया. यदि ऐसा नहीं होता तो शायद वहां पर और भी संगीन वारदात हो सकती थी. उसी भीड़ ने वापसी पर पास में महेश गाँव में भी चुन चुन कर चमार जाति के लोगों की दुकानों को भी जलाया.

जाँच के दौरान ज्ञात हुआ है कि शब्बीरपुर में दलितों और कुछ राजपूतों में पहले से ही थोडा तनाव था. एक तो उस गाँव में ग्राम प्रधान की सामान्य सीट पर दलित ग्राम प्रधान ही जीत होना था. दूसरे पिछली आंबेडकर जयंती पर दलित रविदास मंदिर के प्रांगण में आंबेडकर की मूर्ति लगाना चाहते थे जिसके के लिए मूर्ति बनवा ली गयी थी और चबूतरा भी बना लिया गया था परन्तु गाँव के कुछ राजपूतों ने प्रशासन से बिना अनुमति के मूर्ति लगाने की शिकायत करके उसकी स्थापना रुकवा दी थी. इस पर दलितों ने प्रशासन से अनुमति लेने के लिए प्रार्थना पत्र दे दिया था जिसके पक्ष में कुछ राजपूतों ने भी संस्तुति की थी. अभी यह मामला विचाराधीन ही था कि उक्त घटना घट गयी. दरअसल इस घटना की शुरुआत कुछ शरारती तत्वों द्वारा जबरदस्ती जुलूस निकाल कर तथा दलित आबादी के पास आंबेडकर के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगा कर की गयी थी. लगता है पुलिस प्रशासन को इस प्रकार की किसी घटना का कोई भी पूर्वानुमान नहीं था.

Advertisement. Scroll to continue reading.

कार्रवाही

पुलिस ने अभी तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमे 8 दलित हैं तथा 9 राजपूत हैं. घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है. गंभीर रूप से घायल एक लड़का जौली ग्रांट अस्पताल में भर्ती है. इस सम्बन्ध में कुल 6 मुकदमें दर्ज किये गए हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

हमारा जांच दल स्थानीय जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक से भी मिला तथा उनसे अब तक की गयी कार्रवाही की जानकारी प्राप्त की एवं उन्हें अपने सुझाव भी दिए. जिलाधिकारी ने बताया कि सभी घायलों को चोटों की गंभीरता के अनुसार आर्थिक सहायता दे दी गयी है, दलितों के घरों में हुए नुक्सान का आंकलन कर लिया गया है और घटना से प्रभावित दलितों को एससी/एसटी एक्ट के अंतर्गत भी मुयाव्ज़ा देने की कार्रवाही चल रही है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में शामिल सभी राजपूत हमलावरों की पहचान कर ली गयी है और उनकी शीघ्र ही गिरफ्तारियां की जाएँगी. हम लोगों ने उन्हें निर्दोष लोगों को बचाने का अनुरोध भी किया.

आंबेडकर जुलूस प्रकरण

Advertisement. Scroll to continue reading.

जांच दल की एक टीम ने सहारनपुर शहर से सटे ग्राम सड़क दूधली जाकर 20 अप्रैल को भाजपा सांसद राघव लखनपाल शर्मा द्वारा जबरदस्ती आंबेडकर जुलूस निकलवा कर दलितों और मुसलामानों को लड़वाने के प्रयास की भी जांच की. जांच से पाया गया की शर्मा द्वारा उक्त कृत्य आगामी स्थानीय निकाय के चुनाव में अपने भाई को मेयर का चुनाव लड़ाने के ध्येय से दलित-मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण करने के इरादे से किया गया था जिसमे दलितों ने उनका साथ नहीं दिया. पुलिस द्वारा जुलूस रोक देने पर उक्त सांसद द्वारा पुलिस अधीक्षक के आवास पर स्थित कार्यालय में घुस कर तोड़फोड़ की गयी थी परन्तु उसके लिए आज तक उसके विरुद्ध कोई भी कार्रवाही नहीं की गयी है. इस मामले में पुलिस द्वारा मुस्लिम तथा दूसरे पक्ष के 5-5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

भीम सेना प्रकरण :

Advertisement. Scroll to continue reading.

जांच दल द्वारा 9 मई को भीम सेना के सदस्यों द्वारा शब्बीरपुर में दलितों पर हुए हमले को लेकर मीटिंग तथा प्रशासन से झड़प के सम्बन्ध में भी जानकारी प्राप्त की गयी. जांच के दौरान ज्ञात हुआ कि 9 मई को भीम सेना ने शब्बीरपुर के मामले में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाही करने तथा दलितों को मुयाव्ज़ा आदि देने की मांग को लेकर रविदास छात्रावास में मीटिंग बुलाई थी परन्तु पुलिस द्वारा उन्हें उक्त मीटिंग नहीं करने दी गयी तथा उन्हें गाँधी मैदान जाने के लिए कहा गया. वहां पर भी पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक खदेड़ दिया जिस पर वे शहर में बिखर गए. उन्होंने शहर में प्रवेश करने वाली सड़कों पर जाम लगा दिया जिसे खुलवाने के प्रयास में प्रशासन के साथ झडपें हुयीं जिसमे कुछ अधिकारियों को चोटें भी आयीं तथा कुछ वाहन भी जला दिए गए. वास्तव में यह टकराव दुर्भाग्यपूर्ण था और नहीं होना चाहिए था. पुलिस ने इस सम्बन्ध में भीम सेना के लोगों के विरुद्ध कई मामले दर्ज किये हैं और अब तक 31 गिरफ्तारियां की गयी हैं और प्रशासन भीम सेना के पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाही करने के साक्ष्य जुटा रहा है. इस सम्बन्ध में हम लोगों ने पुलिस अधीक्षक से केवल दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध ही कानून के अनुसार कार्रवाही करने तथा निर्दोषों को प्रताड़ित न करने का अनुरोध किया.

जांच के निष्कर्ष:

Advertisement. Scroll to continue reading.

जांच से पाया गया कि ग्राम शब्बीरपुर में घटना का मुख्य कारण गाँव के कुछ शरारती तत्वों द्वारा बिना अनुमति के जुलूस निकालने, दलित आबादी में जाकर आंबेडकर विरोधी नारे लगाने एवं डीजे बजा कर दलितों को आतंकित करने, डीजे को रोके जाने पर दलित बस्ती पर हमला करने और दलितों द्वारा दो राजपूत लड़कों को मारे जाने की अफवाह फ़ैलाना था जिस कारण सभा स्थल से भीड़ ने आ कर दलितों पर हमला किया.

पुलिस द्वारा इस प्रकार की घटना का पूर्वानुमान न लगा पाना तथा हमलावरों के सामने अपनी कम संख्या के कारण कोई भी रोकथाम की कार्रवाही न कर पाने के कारण दलित बस्ती पर इतना वीभत्स हमला संभव हो सका.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस घटना के पीछे 20 अप्रैल को ग्राम सड़क दूधली में भाजपा के सांसद राघव लखनपाल शर्मा द्वारा आंबेडकर जुलूस निकाल कर दलित-मुस्लिम दंगा करवाने की साजिश के विफल होने तथा सांसद के विरुद्ध कोई भी कार्रवाही न होने के कारण हिंदुत्व की ताकतों का मनोबल बढ़ गया है जिस कारण उन्होंने बिना अनुमति के जुलूस निकाला और दलितों द्वारा विरोध करने पर उनकी बस्ती पर हमला किया गया. जांच दल का यह निश्चित मत है कि यदि इस मामले में सांसद के विरुद्ध सखत कार्रवाही हो गयी होती तो शब्बीरपुर काण्ड नहीं होता.

दलितों तथा अन्य लोगों से बातचीत करके जांच दल इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उत्तर प्रदेश में जोगीराज की स्थापना के बाद हिंदुत्व की ताकतों का मनोबल बहुत बढ़ गया है और अब वह मुसलामानों के बाद दलितों की मुखर उपजाति को निशाना बना रही हैं ताकि उन्हें प्रताड़ित करके अपनी शरण में लाया जा सके.

Advertisement. Scroll to continue reading.

संस्तुतियां:

शब्बीरपुर में दलित बस्ती पर हमला करने वाले लोगों की जल्दी से जल्दी गिरफ्तारी की जाये.

Advertisement. Scroll to continue reading.

दलितों के जानमाल के नुक्सान का सही आंकलन करके उन्हें जल्दी से जल्दी मुयाव्ज़ा दिया जाये.

उक्त हमले में घायल हुए दलितों का अच्छा इलाज करवाया जाये.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस घटना में प्रभावित दलितों को एससी/एसटी एक्ट के अंतर्गत मुयाव्ज़ा शीघ्र दिया जाये.

दलितों / अल्पसंख्यकों पर हमले करने वाली साम्पदायिक ताकतों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाही की जाये और प्रदेश में बढ़ती गुंडागर्दी को रोका जाये.

Advertisement. Scroll to continue reading.

दलितों में ऐसे हमलों के कारण व्याप्त असुरक्षा की भावना को दूर करने के लिए दलित उत्पीड़न के मामलों में दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाही की जाये.

उत्तर प्रदेश में दलित उत्पीड़न के लिए कुख्यात जनपदों को चिन्हित करके रोक थाम की कार्रवाही की जाये. 

Advertisement. Scroll to continue reading.

दलितों के उत्पीड़न की घटनाओं एवं कार्रवाही के अनुश्रवण के लिए एससी/एसटी एक्ट नियमावली  के अंतर्गत जिला तथा प्रदेशस्तरीय अनुश्रवण कमेटियों को सक्रिय किया जाये तथा इसकी मुख्य मंत्री स्तर से मानीटरिंग की जाये.

जाँच दल भीम सेना के पदाधिकारियों तथा सदस्यों से भी अपील करता है कि उन्हें अपना विरोध प्रदर्शन तथा मांगे शंतिपूर्ण एवं लोकतान्त्रिक तरीके से ही रखनी चाहिए तथा किसी भी प्रकार की हिंसा, तोड़फोड़ तथा भड़काऊ गतिविधियों से बचना चाहिए.

Advertisement. Scroll to continue reading.

जांच दल प्रशासन से भी अपील करता है कि शब्बीरपुर के मामले में केवल सही दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध ही कार्रवाही की जाये. इसी प्रकार भीम सेना के मामले में भी इसके सभी सदस्यों को प्रताड़ित न करके केवल साक्ष्य के अनुसार दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध ही कार्रवाही की जाये.  

एस.आर.दारापुरी
भूतपूर्व आईपीएस अधिकारी एवं 
सदस्य, उत्तर प्रदेश, जन मंच
मोब: 9415164845

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement