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यह टेलीविजन पत्रकारिता का वीभत्स चेहरा है!

Anil Jain : यह टेलीविजन पत्रकारिता का वीभत्स चेहरा है! बाबा रामरहीम अपने काफिले के साथ निकल चुके हैं….बाबा कोर्ट में पहुंचने वाले हैं….बाबा कोर्ट परिसर में प्रवेश कर चुके हैं…! सुपारीबाज टीवी चैनलों के तमाम बेशर्म और मूर्ख एंकर/रिपोर्टर बलात्कार और हत्या के आरोपी एक लंपट बाबा को इसी तरह का संबोधन दे रहे हैं। इसी तरह का सम्मानजनक संबोधन चार दिन पहले मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी कर्नल पुरोहित को भी जमानत मिलने पर दिया जा रहा था।

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Anil Jain : यह टेलीविजन पत्रकारिता का वीभत्स चेहरा है! बाबा रामरहीम अपने काफिले के साथ निकल चुके हैं….बाबा कोर्ट में पहुंचने वाले हैं….बाबा कोर्ट परिसर में प्रवेश कर चुके हैं…! सुपारीबाज टीवी चैनलों के तमाम बेशर्म और मूर्ख एंकर/रिपोर्टर बलात्कार और हत्या के आरोपी एक लंपट बाबा को इसी तरह का संबोधन दे रहे हैं। इसी तरह का सम्मानजनक संबोधन चार दिन पहले मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी कर्नल पुरोहित को भी जमानत मिलने पर दिया जा रहा था।

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कहा जा रहा था कि कर्नल पुरोहित जेल से निकलकर सीधे अपनी सैन्य यूनिट में जाएंगे। लग ही नहीं रहा था कि टीवी चैनल आतंकवादी वारदात के एक आरोपी के मामले की रिपोर्टिंग कर रहे हैं। ऐसा लग रहा था जैसे कोई खिलाडी ओलिंपिक पदक जीतकर लौट रहा हो। इस तरह की रिपोर्टिंग पत्रकारिता के सांप्रदायिक और जातिवादी चेहरे को भी बेनकाब करती है।

पत्रकार अनिल जैन की एफबी वॉल से.

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