स्टिंग, ब्लैकमेल करने और अपने ही चैनल के कर्मचारी को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में जेल में बंद समाचार प्लस न्यूज चैनल के सीईओ और मालिक उमेश शर्मा को झारखंड पुलिस रांची ले गई. कल शुक्रवार शाम उमेश की रिहाई के आदेश अदालत ने दिए लेकिन जेल तक पहुंचने में रात आठ बज गए. ऐसे में जेल प्रशासन ने अगले दिन रिहा करने की बात कही. लेकिन देर रात जेल से ही उमेश को झारखंड पुलिस को सौंप दिया गया. झारखंड पुलिस रातोंरात उमेश को लेकर लेकर रांची चली गई. उमेश के साथ देहरादून पुलिस लाइन से दो दारोगा और चार सिपाहियों को भी भेजा गया है.
ज्ञात हो कि देहरादून पुलिस द्वारा अरेस्ट कर जेल भेज जाने के बाद उमेश कुमार पर रांची में भी राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करा दिया गया. इसी मुकदमे में उमेश को 24 नवंबर को संबंधित न्यायालय में पेश किया जाना है.
सब कुछ फिल्मी स्टाइल में हुआ. उमेश के वकीलों तक को भनक न लगी. कहा जा रहा है कि उमेश कुमार लंबा नप गए.
उमेश पर बीते चार नवंबर को रांची (झारखंड) के अरगोड़ा थाना में राजद्रोह का मुकदमा पंजीकृत है. यह मुकदमा वहां के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमृतेश सिंह ने दर्ज कराया है. उमेश पर आरोप है कि उसने अमृतेश से उत्तराखंड सरकार के खिलाफ झूठे सबूत मांगे थे, जिसे न देने पर मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी. इस मामले में रांची की कोर्ट से उमेश के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. वारंट में उमेश को 24 नवंबर को रांची की कोर्ट में पेश करने को कहा गया है.
29 अक्तूबर से जेल में बंद ब्लैकमेलिंग के आरोपी उमेश को 19वें दिन देहरादून सत्र न्यायालय से जमानत तो मिली लेकिन जेल से मुक्ति न मिल सकी. देहरादून में कोर्ट में जमानत पर सुनवाई के दौरान उमेश के वकीलों ने उनकी बीमारी का हवाला देते हुए हाथों हाथ रिहाई आर्डर भी कोर्ट से हासिल कर लिए थे पर बाकी औपचारिकता पूरी करते करते रात आठ बज गए जिसके बाद जेल प्रशासन ने समय समाप्त होने का हवाला देकर रिहा नहीं किया. बस, यहीं से मामला गड़बड़ होने लगा.
वकील और समर्थक जैसे ही उमेश को लेने सुद्धोवाला जेल पहुंचे, जेल प्रशासन ने उसे रिहा करने से इनकार कर दिया. इस पर वकील और उनके साथी उमेश को बाहर निकालने की जुगत में जुट गए. उमेश का रांची के मुकदमे से संबंधित बी वारंट पहले से ही मौजूद था. ऐसे में मगर जेल प्रशासन ने देहरादून पुलिस को इसकी इत्तला देकर रांची भेजने की तैयारी कर ली.
एसएसपी निवेदिता कुकरेती के आदेश पर प्रतिसार निरीक्षक सुरेंद्र सिंह बलोनी ने पुलिस लाइन से दो दारोगा और चार सिपाहियों की गारद को सुद्धोवाला जेल भेज दिया. तब तक उमेश के साथी भी शनिवार को कोशिशों की आस लगाने के बाद वहां से चले गए. इसके बाद जेल प्रशासन ने वारंट के साथ उमेश को गारद (पुलिसकर्मियों) को सौंप दिया. इसके बाद पुलिस उसे नंदा देवी एक्सप्रेस से रात करीब साढ़े ग्यारह बजे दिल्ली के लिए रवाना हुई. वहां से उसे रांची ले जाया गया. आज सुबह दस बजे तक भी उमेश के वकीलों और साथियों को इस घटनाक्रम का पता नहीं चल सका था.
इससे पहले उमेश कुमार को देहरादून की अदालत ने सशर्त जमानत दी थी. उन्हें इस शर्त पर जमानत दी गई है कि वह देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकते और पुलिस की जांच में सहयोग करेंगे. पर रिहा होने से पहले ही उमेश को झारखंड पुलिस ले गई. उमेश कुमार को पुलिस ने 28 अक्तूबर को उनके गाजियाबाद स्थित आवास से गिरफ्तार किया था. चैनल के ही पत्रकार आयुष गौड़ ने उनके खिलाफ राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. आयुष का आरोप कि उमेश कुमार ने उस पर शासन के बड़े अधिकारियों और राजनीतिक शख्सियतों के स्टिंग करने का दबाव बनाया. स्टिंग न करने पर आयुष को जान से मारने की धमकी दी.
गिरफ्तारी के दौरान उमेश कुमार के गाजियाबाद स्थित आवास से 40 लाख की नगदी, 16 हजार से ज्यादा के अमेरिकी डालर, 11 हजार से ज्यादा थाईलैंड मुद्रा, फोन, हार्ड डिस्क, आईपैड, लैपटॉप आदि बरामद हुई थी. इस बीच उमेश कुमार की ओर से डाली गई जमानत याचिका पर दो बार सुनवाई टली. इससे पूर्व पुलिस ने उन्हें सात घंटे की रिमांड पर भी लिया. रिमांड अवधि में पुलिस कुछ हासिल नहीं कर सकी. पुलिस ने दोबारा रिमांड की मांग की, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया.
रिमांड के दौरान उमेश को मालसी स्थित कोठी ले जाया गया था. बचाव पक्ष के ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एमएम लांबा ने बताया कि शुक्रवार को उनकी ओर से जमानत के लिए मजबूती के साथ पैरवी की गई. शुक्रवार को 12 बजे जमानत अर्जी पर बहस शुरू हुई जिस पर तीन बजे फैसला आया. अदालत ने 50-50 हजार के दो जमानतियों पर उमेश कुमार की सशर्त जमानत मंजूर कर ली. एक ओर जहां अदालत ने उमेश की जमानत याचिका मंजूर की तो इसी बीच, देर शाम देहरादून पुलिस के पास रांची में उमेश के खिलाफ दर्ज मुकदमे को लेकर वारंट पहुंच गया. इसके चलते देर रात तक उमेश की रिहाई नहीं हो पाई और फिर झारखंड पुलिस उन्हें रांची ले गई.