अवधेश नौटियाल-
प्रेस क्लब चुनाव में हमारे चारों साथियों की जीत हुई। अपना समर्थन और अमूल्य वोट देने वाले सभी पत्रकार साथियों का ह्रदय की गहराइयों से आभार, धन्यवाद ।। जीते हुए सभी साथियों को बधाई व शुभकामनाएं….
अजय राणा
दीपक फर्सवाण
श्री निवास पंत
मनोज जयाड़ा
देहरादून । उत्तरांचल प्रेस क्लब कार्यकारिणी- 2021 के चुनाव आज चुनाव अधिकारी अभिषेक मिश्रा सहायक चुनाव अधिकारी ओ.पी. बेंजवाल व नागेंद्र नेगी की देखरेख में संपन्न हुए। चुनाव प्रातः 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक हुआ। अपराह्न 3 बजे से मतगणना आरंभ हुई।
चुनाव संपन्न होने के उपरांत चुनाव अधिकारी अभिषेक मिश्रा ने कार्यकारिणी-2021 के आठ पदाधिकारियों व सदस्य कार्यकारिणी के नौ पदों के निर्वाचित सदस्यों की घोषणा की। श्री अभिषेक मिश्रा ने बताया कि अध्यक्ष पद पर प्रदीप गुलेरिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर देवेन्द्र सिंह नेगी, कनिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर राजकिशोर तिवारी, महामंत्री पद पर गिरिधर शर्मा, संयुक्त मंत्री पद पर राजू पुशोला, संयुक्त मंत्री ( महिला आरक्षित) पद पर लक्ष्मी बिष्ट, कोषाध्यक्ष पद पर विकास गुसाई व सम्प्रेक्षक पद पर शिशिर प्रशांत निर्वाचित हुए ।
इसी तरह सदस्य कार्यकारिणी के नौ पदों के लिए हुए मतदान में
1 :- श्रीनिवास पंत 161 मत,
2 :- चांद मोहम्मद 158 मत,
3 :- भगवती प्रसाद कुकरेती 155 मत,
4 :- मनोज सिंह जयाड़ा 142 मत,
5 :- शैलेन्द्र सेमवाल 141 मत,
6 :- विनोद पोखरियाल 135 मत,
7 :- अमित कुमार शर्मा 123 मत,
8 :- दीपक फरस्वाण 119 मत
9 :- अजय राणा 118 मत
प्राप्त कर निर्वाचित हुए।
इसके साथ ही इंद्रदेव रतूड़ी और सुभाष कुमार को 111 और अनुपम सकलानी को 77 मतों से ही संतोष करना पड़ा।
श्री मिश्रा ने बताया कि कुल मत 264 थे, इसमें से 219 सदस्यों ने मत का प्रयोग किया। 3 मत निरस्त किए गए। चुनाव अधिकारी व सहायक चुनाव अधिकारियों ने सभी निर्वाचित पदाधिकारियों व सदस्यों को शुभकामनाएं दी। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद सदस्यों ने नव निर्वाचित पदाधिकारियों व सदस्य कार्यकारिणी को फूल मालाओं से लादकर स्वागत किया और साथ ही जश्न मनाकर खुशी का इजहार किया।
अरुण श्रीवास्तव
December 29, 2020 at 10:27 pm
पहले तो उत्तरांचल प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित सभी पदाधिकारियों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। हो सकता है मेरी बात, मेरी टिप्पणी बहुतों को अच्छी न लगे। बावजूद इसके, लगभग 30 साल की अखबारी नौकरी (पत्रकारिता नहीं कहूंगा क्योंकि अब पत्रकारिता रह भी नहीं गई है। डेक्स पर क्लर्की होती है तो फील्ड में दलाली यानि डिक्स पर उप संपादक प्रूफ रीडर की भूमिका में कामा, फुलस्टाप, बिंदी-मात्रा ठीक करता है, लेआउटर की तरह पेज लगाता है तो फील्ड में रिपोर्टर वैसे अब अखबारों में रिपोर्टर बचे ही कितने हैं रिपोर्टर की जगह स्ट्रिंगरों ने ले ली है) में यूनियन की क्या भूमिका होनी चाहिए क्या होती है यह कस्बों से शहरों तक और शहरों से लेकर राजधानियों तक कहीं दिखी ही नहीं। मसलन जब कोई पत्रकार नौकरी से निकाल दिया जाता है तो किस पत्रकार संगठन ने इसकी लड़ाई लड़ी?
काम के घंटे लगातार बढ़ते गये किस पत्रकार संगठन ने इसकी लड़ाई लड़ी?
काम का स्वरूप बदला गया किस पत्रकार संगठन ने इसकी लड़ाई लड़ी?
उप संपादक से प्रूफरीडर का कार्य लिया जाने लगा तो किस पत्रकार संगठन ने इसकी लड़ाई लड़ी ?
उप संपादक से जब पेज लगवाने की परम्परा शुरू हुई तो किस पत्रकार संगठन ने इसकी लड़ाई लड़ी?
अब पत्रकारों से विज्ञापन भी लाने के लिए कहा जाने लगा है किस पत्रकार संगठन ने इसकी लड़ाई लड़ी। विरोध किया।
ताजा मामला पत्रकारों गैर पत्रकारों के लिए गठित वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू कराने के लिए किस पत्रकार संगठन ने इसकी लड़ाई लड़ी?
देहरादून उत्तराखंड की राजधानी है। यहां पर एक झौव्वा पत्रकार संगठनों की इकाइयां हैं। बड़ी संख्या में मठाधीश पत्रकार भी हैं। ऐसे पत्रकारों की संख्या भी अच्छी- खासी है जो उत्तरांचल प्रेस क्लब पर किसी न किसी रूप में काबिज भी रहे। कोई एक बता दे कि उससे जुड़े संगठन ने, उसने पदाधिकारी के रूप में, व्यक्तिगत रूप में पत्रकारों व पत्रकारिता के लिए किया क्या? सिवाय सरकार से कुछ अदद सुविधाएं हासिल करने के।
अरुण श्रीवास्तव देहरादून से।