सुप्रीम कोर्ट में 3 तलाक को डिफेंड करते हुये कपिल सिब्बल ने इसे आस्था का विषय बता दिया। और तो और, इसे अयोध्या और भगवान राम से जोड़कर उदाहरण भी दे डाला। लेकिन माननीय नेताजी और बड़े वाले वकील साहब, यह भी बताइये कि श्री राम, अयोध्या में जन्में थे, इससे किसी स्त्री पर शादी टूटने का क्या खतरा? इससे किसी गृहस्थी के बर्बाद होने का क्या खतरा? इससे किसी औरत के जीवन से खिलवाड़ का क्या खतरा?
सुनिये जनाब… खतरा तब होता है जब शौहर कहता है मैं सन्तरा खाकर ऊब गया हूं, अब मुझे सेव खाना है। इसलिये तुमको तलाक दे रहा हूं। खतरा तब होता है जब नमकीन न लाने पर शौहर तलाक…तलाक…तलाक कहता है। खतरा तब होता है जब एक बेगम अपना दर्द, घुटन, पीड़ा बयां नहीं कर पाती क्योंकि उसके पक्ष में दलीलें देने वाला कोई नहीं होता। खतरा तब होता है जब आस्था से हटकर अय्याशी का विषय बन चुके ऐसे किसी कृत्य को वापस से घुमाकर आस्था बना दिया जाता है।
औरत जो स्वयं पुरुष को जन्म देती है। भूमिका बदलने पर जब उसका यह हाल होता है तब खतरा होता है। न केवल किसी धर्म पर, अपितु पूरे संसार पर क्योंकि औरत की बद्दुआ खाली नहीं जाती। और इतिहास गवाह है बड़े बड़े राजपाट लुट गये तो चंद नोट कमाकर खुदा बनने की राह पर चलते लोगों की क्या औकात?
आशीष चौकसे
पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक और ब्लॉगर
[email protected]
इसे भी पढ़ें…