कल बुधवार कुमार विश्वास को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था। इस वीडियो में दिख रहे लहूलुहान व्यक्ति ने खुद को डॉक्टर पल्लव बाजपेई बताते हुए कवि डॉ. कुमार विश्वास पर अपने सुरक्षाकर्मियों से पिटवाने का आरोप लगाया था। बाद में थाना पुलिस हुआ। कुमार विश्वास ने अपने बयान में कहा था कि वायरल वीडियो वाले पल्लव ने उनपर अटैक किया, लेकिन परत दर परत मामले की सच्चाई कुछ और निकल रही है। ताजा जानकारी है कि ये पूरा ट्विस्ट कुमार विश्वास के इर्द-गिर्द ही पनप रहा है।
पत्रकार राजीव रंजन शुक्ला ने एक्स पर लिखा है कि, ‘इस कहानी में कई ट्विस्ट हैं..कुमार विश्वास जी का सेलीब्रेटी स्टेटस है लिहाजा इनकी बात को लोग जान गए लेकिन दूसरा पक्ष की बात भी लिखनी जरुरी है। दरअसल बुधवार को कुमार विश्वास का काफिला जब अलीगढ़ के लिए निकला तो डा पल्लव बाजपेयी की कार को ओवरटेक किया गया..इस दौरान कुमार विश्वास की पीछे गाड़ी ने ओवर टेक करने की कोशिश तो पल्लव बाजपेयी की कार बीच में आ गई बस फिर क्या था..सुरक्षा कर्मी गाड़ी रोक कर डाक्टर से बहस करने लगे इस दौरान गर्मा गर्मी बढ़ी तो डाक्टर के साथ हाथापाई भी हुई।
कुमार जी के काफिले में आधा दर्जन से ज्यादा सुरक्षा कर्मी रहते हैं आप सोच सकते हैं कि अकेले डा.पल्लव कैसे हमला कर सकते हैं? हां ये बात जरुर है कि डाक्टर पल्लव भी हाईपर हो गए थे। लेकिन इस घटना के बाद कुमार विश्वास जी ये ट्विट करके आगे बढ़ गए। डाक्टर पल्लव लहुलुहान चेहरे के साथ पुलिस चौकी पहुंचे।
अब ये पुलिस जांच में भी साफ हो गया है कि कुमार विश्वास पर हमला नहीं हुआ है..दरअसल जिस VIP को सुरक्षा मिली होती है वो सड़क पर ऐसे चलता है लगता है कि सड़क के लिए यही बने हैं बाकी सब भुनगे हैं…ऐसे में आम आदमी और ज्यादा frustate होता है..ये झगड़ा उसी का नतीजा है..’
कल की इस पूरी ट्रेजडी के बाद कुमार विश्वास ने आज एक्स पर लिखते हुए कहा कि, ‘मैंने स्वयं उन सज्जन को दोनों तरफ़ से बार-बार गाड़ी बीच में जबरन व आक्रामक तरीक़े से घुसाते देखा। आगे की सुरक्षा गाड़ियों के दो कार पीछे बैठकर मुझे तो बहुत देर से पता चला कि अब वे सज्जन आगे गाड़ी लगाकर नीचे उतर कर बाक़ायदा केंद्रीय सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प रहे है। तब मैंने शीशे से देखा कि वे सज्जन बेहद अभद्र व हिंसक तरीक़े से सुरक्षाकर्मियों को धकिया रहे थे। उन्होंने दो सुरक्षाकर्मियों के गृह मंत्रालय वाले बैज झपट कर तोड़े, एक की कार्बाइन जकड़ कर उसे धक्के दिए। हो सकता है कि वे निजी कारणों से ग़ुस्से में हों या यह उनका स्वभाव हो। पर जब मैंने अपने मैनेजर को गाड़ी से उतार कर झगड़ा शांत कराने भेजा और वो दोनों पक्षों को समझाने लगा तो इन भले सज्जन ने उस को भी दो थप्पड़ का प्रसाद दिया।बाद में अलीगढ़ पहुँचकर मैंने सुरक्षाकर्मियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि “Threat Perception” चैक करना ही हमारा काम है” वैसे भी उन सज्जन के ख़िलाफ़ रिपोर्ट सुरक्षाकर्मियों ने लिखाई है और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों के ख़िलाफ़। मेरा इस पूरे प्रकरण से क्या लेना देना? पुलिस उचित कार्यवाही करेगी ही। हम से कुपित कुंठितों, बौने दुर्योधन के चिंटुओं को थोड़ा गंदगी करने का अवसर मिला है तो दिवाली पर इतना उनका सुख उन्हें मुबारक।
आख़िरी बात यह कि सड़कों पर सभी को ज़्यादा संवेदनशील और शांत रहने की आवश्यकता है। धनतेरस व सभी आगामी उत्सवों की हार्दिक शुभकामनाएँ. डॉ पल्लव के निजी कष्ट का कारक न होने के बाद भी उनसे क्षमा।’