अनिल जैन-
देश के दूसरे नंबर के सेठ मुकेश अंबानी के दूसरे बेटे का प्री-वेडिंग सेलिब्रेशन चल रहा है, जिसकी खबरें टीवी चैनलों के बंटी-बबलीनुमा एंकर-एंकरानियां चहकते और किलकारियां मारते हुए परोस रही हैं.
इस मौके पर सेठजी और उनके परिवार की भव्यता व दिव्यता को लेकर तरह-तरह की कहानियाँ भी मीडिया में परोसी जा रही है. उन्हें मानवीय मूल्यों और वैष्णव परंपरा का वाहक बताया जा रहा है.
विवाह बंधन में बंध रहा बेटा ‘हाथी घोड़ा पालकी’ खेल रहा है, उसके इस खेल पर मुग्ध होकर मीडिया कह रहा है ‘जय अनंत लाल की’.
अनंत के हाथी-प्रेम की तारीफ के बहाने कुछ साहित्यकार और बुद्धिजीवीनुमा लोग भी लहालोट होते हुए सोशल मीडिया में सेठजी और उनके परिवार की बलाइयां ले रहे हैं, मंगलाचरण पाठ कर रहे हैं- इस प्रत्याशा में कि जुलाई में होने वाली शादी का न्योता मिल जाए.
लेकिन ऐसा करने वालों को निराश ही होना पड़ेगा, क्योंकि सेठजी के यहाँ मेहमानों के सम्मान में सिर्फ फिल्म और क्रिकेट वालों की ही प्रदर्शनी लगती है. वहाँ कहानी और कविता लिखने वालों से मुजरा नहीं कराया जाता है.
फ़ैक अतीक किदवई-
पिछले कुछ दिनों से देश विदेश की पीआर एजेंसी इनकी इमेज बिल्ड करने पर लगी है, धर्म, संस्कार, परंपरा का इन्हें वाहक बनाकर आम जनता को भावनात्मक रूप से जोड़ने का काम शुरू हुआ है वाक़ई कुछ नया शुरू करना है। मैं इन चार दिनों में इनके फोटो वीडियो देख देखकर समझ गया कि अचानक इनका इतना दिखना नॉर्मल तो नही है।