Ashwini Sharma : बीएचयू में पढ़ाई के दौरान मेरी अमर भइया से पहचान हुई ..अकसर वो बीएचयू की लाइब्रेरी में पढ़ाई करते मुझे मिल जाते थे..आमतौर पर वो बेहद शांत दिखते थे लेकिन जब वो महिला हॉस्टल के पास से निकलते थे या फिर किसी छात्रा को आते जाते देखते थे तो उनका असली चेहरा सामने आ जाता था..वो लड़कियों पर बिना कमेंट कसे नहीं रह पाते थे..
एक बार तो मैं साइकिल से गुजर रहा था तो मेरा ध्यान क्रिकेट खेल रहे लड़कों पर गया जो हॉस्टल के ही रहने वाले थे..वो लड़के महिला छात्राओं से भरी बस को देखकर अचानक शोर मचाने लगे..वो तब तक चीखते चिल्लाते रहे जब तक बस उनकी आंखों से ओझल नहीं हो गई..मेरी नजर उन शोर मचाऊ गैंग पर गई तो देखा अमर भइया ही कप्तानी की भूमिका में थे..वैसे अमर भइया पढ़ाकू छात्र थे जिस वजह से मैं उनका सम्मान करता था लेकिन जब से उन्हें लड़कियों को देखकर शोर मचाते देखा उनसे कटने लगा..
हालांकि कई साल बाद अमर भइया मुझसे मुंबई में टकरा गए..उन्होंने बताया कि वो किसी बड़ी कंपनी में कार्यरत हैं..उस मुलाकात के बाद अमर भइया से नहीं मिल सका क्योंकि वो विदेश में मोटी तनख्वाह पर नौकरी करने चले गए..लेकिन आज जब बीएचयू में छेड़खानी को लेकर बवाल चल रहा है तो अनायास ही अमर भइया की याद आ गई..सोच रहा हूं जब पढ़ाकू अमर भइया जैसे लोग लड़कियों के लिए मुसीबत बन सकते हैं तो फिर जो बदनाम लड़के हैं उन्हें कैसे रोका जा सकता है..
भारत समाचार चैनल में वरिष्ठ पद पर कार्यरत टीवी पत्रकार अश्विनी शर्मा की एफबी वॉल से.