भोपाल। प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद से ही माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय सुर्खियों में है. कुलपति का इस्तीफा देना और नये कुलपति की नियुक्ति होने के बाद अब यह विश्वविद्यालय अपने ही शिक्षकों पर हुई एफआईआर को लेकर खबरों में है. लेकिन इन सब के बीच सबसे अहम मुद्दा पीछे छूट गया है. वो है यहां के छात्रों की पढ़ाई का. इस पर कोई चर्चा नहीं कर रहा है.
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के छात्रों की पढ़ाई के लिए यह समय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. लेकिन सियासत करने वाले लोगों को इससे कोई मतलब नहीं है. चुनावी समर में ये लोग बच्चों का भविष्य दांव पर लगाकर अपनी सियासी रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं. विश्वविद्यालय के 20 प्रोफेसरों पर ईओडब्ल्यू द्वारा की गई एफआईआर के बाद कैंपस में सन्नाटा पसरा है, कक्षाएं खाली हैं. छात्र आते हैं और चले जाते हैं. यही नहीं, विश्वविद्यालय में पिछले दो दिनों से न तो बिजली है और न ही पीने के पानी की व्यवस्था. ऐसे में इन छात्रों की सुनने वाला भी कोई नहीं है.
अगले महीने विश्वविद्यालय में परीक्षाएं हैं, ऐंसे में छात्रों का कहना है कि उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. इस पूरी सियासी लड़ाई में अगर सबसे ज्यादा कोई प्रभावित हुआ है तो वह यहां के छात्र हैं. छात्रों ने अपने आखिरी सेमेस्टर की शुल्क भी जमा कर दी है. लेकिन, पढाई का कोई अता पता नहीं है, ये छात्रों का ध्यान भटकाने का काम किया जा रहा है.
छात्रों का कहना है अगर जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह प्रदर्शन करेंगे. ये समय कॉलेज में कंपनियों के कैंपस भी आते हैं. लेकिन जिस तरह का माहौल विश्वविद्यालय में बना हुआ है, उससे छात्रों के करियर पर बुरा असर पड़ रहा है. अब देखना होगा कि छात्रों के हित के लिए काम किया जाएगा या यूं ही यूनिवर्सिटी राजनीतिक रोटियां सेकनी के अड्डा बनी रहेगी.