रजिस्ट्री वालों ने चीफ जस्टिस के सामने नहीं रखा पत्र, मीडिया से मिलती है चीफ जस्टिस को जानकारी, उन्नाव रेप पीड़िता की मां की चिट्ठी नहीं पहुंची, रजिस्ट्रार से मांगा जवाब
ऐसा लगता है उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री में सब गोलमाल चल रहा है. मुकदमों की तारीख लगाने में मनमानी से लेकर अंतरिम आदेशों में रजिस्ट्री के लोग मनमानी कर रहे हैं. अनिल अम्बानी का मामला प्रमाण है. क्या मुख्य न्यायाधीश को सम्बोधित पत्र की जानकारी चीफ जस्टिस को नहीं दी जाती? यह सारे सवाल उच्चतम न्यायालय में घटी हाल की घटनाओं से उठ रहा है। ताजा मामला उन्नाव रेप पीड़िता के पत्र का है जो उसने मुख्य न्यायाधीश को भेजा था। इसे रजिस्ट्री ने चीफ जस्टिस के सामने प्रस्तुत नहीं किया। चीफ जस्टिस को मीडिया में प्रकाशित तत्संबंधित खबर से इसकी जानकारी मिली।
उन्नाव रेप कांड में पीड़ित परिवार की तरफ से लिखी गई चिट्ठी न मिलने पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने नाराजगी जताई है। गोगोई ने रजिस्ट्रार से पूछा है कि 12 जुलाई को लिखी गई चिट्ठी उनके सामने अब तक क्यों पेश नहीं की गई? उन्होंने बताया कि उन्हें मीडिया में चल रही खबरों से इस चिट्ठी के बारे में जानकारी मिली है। रजिस्ट्रार को एक हफ्ते के भीतर जवाब देना है। चीफ जस्टिस कल एक अगस्त को उन्नाव केस की सुनवाई करेंगे।
चीफ जस्टिस ने सेक्रटरी जनरल से सफाई देने को कहा कि उन्नाव रेप पीड़ित परिवार की तरफ से (12 जुलाई) लिखा गया पत्र उनके सामने पेश क्यों नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़ित की मेडिकल रिपोर्ट भी तलब की है। चीफ जस्टिस ने ये बातें तब कहीं, जब एक वकील ने एक केस में उन्नाव मामले का जिक्र किया।
चीफ जस्टिस ने कहा कि मीडिया में खबरें चल रही हैं कि पीड़िता ने हमें पत्र भेजा, मगर हमने उसे अभी तक देखा भी नहीं है। हम जानना चाहते हैं कि पीड़िता ने अगर पत्र लिखा तो हमे क्यों नहीं मिला। हम इस गंभीर मामले पर रजिस्ट्री से रिपोर्ट चाहते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि वे इस मामले में पीड़िता के पत्र पर कल सुनवाई करेंगे। हम प्रयास करेंगे कि पीड़िता के लिए इस विध्वंसकारी माहौल में कुछ बेहतर किया जा सके। चीफ जस्टिस ने उन्नाव रेप पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी तलब की है। साथ ही चीफ जस्टिस ने उत्तर प्रदेश प्रशासन से गुरुवार तक उन्नाव रेप पीड़ित के एक्सिडेंट पर स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। चीफ जस्टिस का कहना है कि ‘इस विनाशकारी माहौल में कुछ रचनात्मक करने की कोशिश की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि देखते हैं हम इसपर क्या कर सकते हैं।
इस तरह उन्नाव रेप मामले को उच्चतम न्यायालय ने अब संज्ञान ले लिया है। इसके साथ ही मामले की सुनवाई के लिए गुरुवार का दिन तय किया है। इसके लिए वरिष्ठ वकील वी गिरी को न्याय मित्र नियुक्त किया है। गौरतलब है कि मामले में रेप पीड़िता की मां ने सीजेआई को पत्र लिखकर बताया था कि उन्हें और उनके परिवार को लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही है, ऐसे में उन्हें न्याय दिलवाया जाए।
इसके पहलेएक अन्य मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अविलंब सुनवाई के मुकदमों के सूचीबद्ध नहीं होने पर उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री की कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि रजिस्ट्री में बुनियादी रूप से कुछ गड़बड़ी है।
चीफ जस्टिस गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा था कि रोजाना ऐसे वकीलों की लंबी कतार लगी होती है जो चाहते हैं कि उनका मामला सुनवाई के लिए शीघ्र सूचीबद्ध किया जाए क्योंकि न्यायालय के आदेश के बावजूद उसे कार्यसूची से हटा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने रजिस्ट्री में भ्रष्ट तरीकों पर रोक लगाने के लिए सीबीआई और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त करने का फैसला किया है। रजिस्ट्री में गड़बड़ी की जांच अब सीबीआई के अफसर करेंगे।
इसके पहले अनिल अंबानी से जुड़े एक मामले में फ़ैसले में गड़बड़ी करने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट के दो कर्मचारी बर्खास्त कर दिया था । दोनों पर आरोप था कि उन्होंने न्यायिक आदेश में ऐसी छेड़छाड़ की जिससे ऐसी धारणा बनी कि अंबानी को मानहानि के मामले में निजी तौर पर पेश होने से छूट मिल गई थी।