दिल्ली : ‘नया मीडिया मंच’ सातवें समारोह को संबोधित करते हुए प्रवक्ता डॉट कॉम के संपादक संजीव सिन्हा ने कहा कि इंटरनेट राजनीतिक परिवर्तन और लोकतांत्रीकरण की प्रक्रिया को तेज कर रहा है। सोशल मीडिया ने जनअभिव्यक्ति को सहज-सरल बना दिया है। सवाल खड़ा करने और असहमति व्यक्त करने का यह अच्छा मंच है। अब युवा आंदोलन के तेवर बदले हैं। जिंदाबाद-मुर्दाबाद करने का तौर-तरीका बदला है। देश के नाम से लेकर राष्ट्रगीत, राष्ट्रभाषा, राष्ट्रीयता सब पर विवाद है। युवाओं को आगे आकर सब पर सोचना होगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय के ग्वेयर हाल में आयोजित प्रोग्राम में ‘युवा और सोशल मीडिया’ जैसे विषय पर सारगर्भित और विस्तार से परिचर्चा हुई। कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के तमाम छात्र और लेखकों, पत्रकारों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान मंचस्थ वक्ता गण और छात्रों के बीच कई सवाल-जवाब हुए।
रायपुर के ‘दीपकमल’ के संपादक पंकज झा ने अपने संबोधन में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आईटी 66ए संबंधी फैसले को अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए सही कदम बताया। माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय में जनसंचार विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. सौरभ मालवीय ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व विज्ञान की प्रगति और संचार माध्यमों के कारण ऐसे दौर में पहुँच चुका है कि मीडिया अपरिहार्य बन गया है। राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं की तरफ देख रहा है एवं सोशल मीडिया युवाओं के लिए एक बेहतरीन उपकरण बनकर सामने आया है।
सामाजिक कार्यकर्ता अमरनाथ झा ने कहा कि पहले अख़बार में खबर दबा दी जाती थी लेकिन आज सोशल मीडिया पर आप अपनी खबर अपनी बात रख सकते हैं। मौजूदा समय में कोई खबर को दबा नहीं सकता। सीनियर टीवी पत्रकार पूजा शुक्ला ने सोशल मीडिया को वक्त की जरूरत बताया। इस मौके पर आईबीएन7 के राज्य ब्यूरो प्रमुख शलभ मणि त्रिपाठी ने बताया कि सोशल मीडिया आपकी ताकत का एहसास दिलाता है। उसे अपने हथियार के रूप में सकारात्मक इस्तेमाल करें। उन्होंने ‘नया मीडिया’ के भविष्य को उज्जवल बताया।
इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी, अल्का सिंह, आल इण्डिया रेडियो के प्रकाश नारायण सिंह, अंजली मिश्रा, प्रथक बटोही, धीरेन्द्र नाथ मिश्र आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम के कन्विनर प्रभांशु ओझा, उत्सव सिंह तथा अमित सिंह थे। संचालन शिवानन्द द्विवेदी ने किया और अमरनाथ झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।