बिना सरकारी संरक्षण के इतना नहीं फलफूल सकता था हलाल का धंधा

Share the news

अजय कुमार, लखनऊ

खाद्य पदार्थों की गुणवता का पैमाना अब सिर्फ एफएसएसएआई सर्टिफिकेट नहीं रह गया है.एफएसएसएआई का मतलब फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया है,जो स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है, एफएसएसएआई रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस किसी भी ऐसे व्यक्ति या संगठन के लिए अनिवार्य है जो किसी भी प्रकार के फ़ूड बिज़नेस से जुड़ा है.प्रत्येक खाद्य व्यवसाय संचालक का कार्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रत्येक ग्राहक के लिए संतुष्टि प्रदान करने के लिए खाद्य गुणवत्ता मानकों को बनाए रखना है. नियंत्रण प्रक्रियाओं के निर्माण में, भारतीय फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है,लेकिन लगता है कि यह गुजरे जमाने की बात हो गई है.अब तो इस पर हलाल का ठप्पा भी लगा होना जरूरी है. इस हलाल के ठप्पे को सरकार भले नहीं मान्यता देती हो,लेकिन इस्लाम के नाम पर यह काला धंधा खूब फलफूल रहा था.इसका करोबार हजारों करोड़ तक पहुंच गया था और इसका पैसा कुछ धार्मिक ट्रस्टों और संस्थाओं के खाते में जा रहा था,जिसकी कहीं कोई लिखा पढ़ी नहीं होती थी,यह पैसा कहां खर्च होता था,इसकी भी किसी को जानकारी नहीं थी. 
उत्तर प्रदेश में हलाल का एक काला धंधा खूब फलफूल रहा था,लेकिन अब इस पर योगी सरकार की बुरी नजर लग गई है. गत दिनों उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने खाद्य पदार्थो सहित अन्य कई सामानों पर पर हलाल सर्टिफिकेट देने वालों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए इस धंधे पर पूरी तरह से शिकंजा कस दिया.योगी सरकार के एक्शन लेते ही रातों-रात हलाल का ठप्पा लगा सामान बाजारों से गायब हो गया,क्योंकि हलाल का ठप्पा लगा सामान बेचने वालों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी थी,जिसमें उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान था.मगर सवाल यह भी खड़ा होता है कि यदि हलाल सार्टिफिकेट बांटने का गोरख धंधा लम्बे समय स चल रहा था तो यूपी पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों और खाद्य विभाग को इसकी भनक कैसे नहीं लग पाई.निश्चित ही हलाल का धंधा बिना सरकारी संरक्षण के इतना फलफूल नहीं सकता था.जरूरत ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी है जो इस तरफ से आंखें मूंदे बैठे थे. क्योंकि हलाल पर जो भी कार्रवाई हो रही है,वह लखनऊ के हजरतगंज थाने में लिखाई गई एक व्यक्ति के एफआईआर लिखाने के बात शुरू हुई है.

बहरहाल, योगी सरकार द्वारा हलाल प्रमाण पत्र मामले में कार्रवाई किए जाने के साथ यूपी और उनसे लगे राज्यों में हलाल और हराम को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है.कोई हलाल के तार आतंकवाद और अन्य मतांतरण को बढ़ावा देने वाली घटनाओं से जोड़ कर देखा रहा है तो किसी को इसमें साम्प्रदायिता की बू आ रही है.इस पर राजनीति भी खूब हो रही है.वहीं हलाल के धंधे में लगे लोगों को लगता है कि सरकार ने बिना सोचे समझे हलाल पर प्रतिबंद्ध लगाकर एक झटके में निर्यात को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. हालांकि, हलाल का मामला यूपी तक ही सीमित नहीं है.छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में हलाल का ठप्पा लगाये जाने का खेल चल रहा है.हिंदू जनजागृति समिति लगभग दो साल से इसके खिलाफ अभियान चला रही है.इसको लेकर जमशेदपुर में समिति की सेमिनार-गोष्ठी भी हो चुकी है.आज भीकई राज्यों में हलाल सर्टिफिकेट के मिठाई-नमकीन सहित कॉस्मेटिक के उत्पाद बिक रहे हैं.

गौरतलब हो यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कथित हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर रोक लगाने का बड़ा फैसला लिया है.खाद्य सुरक्षा आयुक्त की ओर से 18 नवंबर 2023 को इस आशय का आदेश जारी किया जा चुका है. लखनऊ में 17 नवम्बर 2023 को हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी और जमीयत उलेमा-ए-हिन्द सहित कुछ अन्य संस्थाओं एवं लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई थी,जिसमें हलाल सर्टिफिकेट को हिन्दू आस्था पर आघात बताते हुए इससे जुड़े लोगों पर कार्रवाई करने की माँग की गई थी. केस दर्ज होने के बाद उत्तर प्रदेश शासन ने अगले दिन 18 नवम्बर को हलाल के बजाय एफएसएसआई एवं एफएसएसएआई के प्रमाण पत्र को मानकों के लिए उचित बताया था. इस केस में दर्ज हुई एफआईआर में हलाल इंडिया के चेन्नई और मुंबई कार्यालय के साथ जमीयत उलेमा ए हिन्द के दिल्ली और मुंबई ऑफिस को नामजद किया गया था. इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेट को बढ़ावा देने वाली कुछ अज्ञात कम्पनियाँ, राष्ट्र विरोधी साजिश रचने वाले कुछ अन्य अज्ञात लोग, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे अज्ञात समूह और जनआस्था से खिलवाड़ करने के साथ दंगे करवाने की साजिश रच रहे कुछ अज्ञात लोगों को नामजद किया गया है.

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *