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उत्तर प्रदेश

आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने अखिलेश यादव के संरक्षण में हुए एक बड़े घोटाले का किया भंडाफोड़

Surya Pratap Singh : उद्योग मंत्री/ मुख्य मंत्री के संरक्षण में उत्तर प्रदेश में UPSIDC बना एक घोटालों का अड्डा…. मुख्यमंत्री/उद्योग मंत्री अखिलेश की नाक के नीचे UPSIDC में रु. २०,००० करोड़ का भूमि घोटाला हुआ हैं….मनमाने ढंग से साक्षात्कार के माध्यम से भू आवंटन किया गया है …. साक्षात्कार का मतलब रिश्वत की सौदागिरी !!!
मुख्यमंत्री/ उद्योग मंत्री अखिलेश यादव ने अपने मित्र के नाम पर ‘स्टील प्लांट’ लगाने के लिए UPSIDC के सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में 111 ऐक़ड भूमि बिना किसी टेंडर पर वर्ष २०१३-२०१४ में औने-पौने मूल्य/बहुत सस्ते में वर्ष २०१४ में आवंटित की गयी है ….. जिसकी जाँच आने वाली सरकार क्या जाँच कराएगी ? मेरे इस सम्बंध में निम्न प्रश्न हैं:

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Surya Pratap Singh : उद्योग मंत्री/ मुख्य मंत्री के संरक्षण में उत्तर प्रदेश में UPSIDC बना एक घोटालों का अड्डा…. मुख्यमंत्री/उद्योग मंत्री अखिलेश की नाक के नीचे UPSIDC में रु. २०,००० करोड़ का भूमि घोटाला हुआ हैं….मनमाने ढंग से साक्षात्कार के माध्यम से भू आवंटन किया गया है …. साक्षात्कार का मतलब रिश्वत की सौदागिरी !!!
मुख्यमंत्री/ उद्योग मंत्री अखिलेश यादव ने अपने मित्र के नाम पर ‘स्टील प्लांट’ लगाने के लिए UPSIDC के सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में 111 ऐक़ड भूमि बिना किसी टेंडर पर वर्ष २०१३-२०१४ में औने-पौने मूल्य/बहुत सस्ते में वर्ष २०१४ में आवंटित की गयी है ….. जिसकी जाँच आने वाली सरकार क्या जाँच कराएगी ? मेरे इस सम्बंध में निम्न प्रश्न हैं:

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1. क्या इस भूमि के आवंटन से पूर्व क्या कोई स्कीम निकाली गयी थी …विज्ञापन दिया गया था या नहीं? यदि नहीं तो क्यों? किसके अलिखित निर्देश पर यह भूमि आवंटित की गयी ?

2. क्या कोई open auction के लिए टेंडर निकला गया था। यदि नहीं, तो क्यों?

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3. भूमि का क्या कोई रिज़र्व प्राइस रखा गया था ? यदि नहीं तो क्यों? यदि रिज़र्व प्राइस रखा गया था तो इसका आधार क्या था ?

4. क्या कलेक्टर द्वारा निर्धारित मूल्य पर या मार्केटिंग प्राइस पर आवंटन किया गया था?

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5. आवंटन से पूर्व किस स्तर से स्वीकृति ली गयी। क्या मंत्री परिषद का अनुमोदन किया गया था ? यदि नहीं तो क्यों? आवंटन आदेश पर किसके हस्ताक्षर हैं?

6. आवंटन के लिए क्या कोई कमेटी बनायी गयी थी और उसके सदस्य कौन-२ थे ?

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7. कितना नुक़सान UPSIDC को हुआ? इसका ज़िम्मेदार कौन?

इसी प्रकार दूसरा बड़ा घोटाला मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कहने पर ‘भसीन ग्रूप’ को Grand Venezia/Grand Venice Mall के लिए 10.5 ऐक़ड़ इंडस्ट्रीयल भूमि को वर्ष २०१४ में commercial में परिवर्तित करके भूमि आवंटन किया गया है। इस १.५ million sq. mt. में बन रहे मॉल के लिए निर्माण कार्य/नक़्शा पारित करने में बड़ा घुटाला हुआ है ..यह मॉल UPSIDC area near Kasna Site IV, Greater Noida में स्थित है। इसके कई फ़्लोर मुख्यमंत्री, उनके मित्रों व कई नौकरशाहों ने अपने नाम आवंटित कराए हैं। इस के sales rate Rs. १५,०००- २०,००० per sq ft. है। इसकी उच्च स्तरीय जाँच में सब सामने आ जाएगा। इस सम्बंध में निम्न प्रश्न हैं:

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1. Industrial area में भू उपयोग परिवर्तन कर भसीन ग्रूप की दी गयी १०.५ ऐक़ड भूमि का land use change कर commercial किन परिस्थितियों में किया गया?

2. आवंटन का आधार क्या था? किस स्तर का अनुमोदन लिया गया? क्या मंत्री परिषद का अनुमोदन लिया गया?

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3. इस १०.५ acre भूमि का open auction क्यों नहीं किया गया? नियमों का उल्लंघन कर इंडस्ट्रीयल भूमि का commercial स्वरूप क्यों किया गया? नियम विरुद्ध 40 लाख sq.ft. buildup किस दबाव में स्वीकृत कर दिया गया….

4. कितने नेताओं व IAS अधिकारियों के व उनके परिवारों के नाम कितने floors आवंटित हैं ? नेता-नौकरशाह-रियल इस्टेट माफ़िया का गठजोड़ का नमूना है, यह मॉल।

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5. नॉएडा क्षेत्र से मिले होने के कारण इस भूमि के मूल्य व नॉएडा अथॉरिटी द्वारा सेक्टर-१८ में आवंटित भूमि के मूल्य में कितना अंतर था और क्यों?

6. कन्स्ट्रक्शन area में कितनी अतिरिक्त छूट दी गयी व कितनी बार नक़्शे व भू उपयोग परिवर्तनों में छूट दी गयी?

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7. २० फ़्लोर कन्स्ट्रक्शन की अनुमति किन नियमों के तहत दी गयी है।

UPSIDC में भ्रष्ट इंजीनियरों की फ़ौज है जिनके ख़िलाफ़ CBI तक की जाँच चल रही है … जेल तक जा चुके हैं… ED द्वारा प्रापर्टी भी जप्त की गयी है फिर भी ये भ्रष्ट इंजीनियर प्रमोशन देकर joint MD तक बना दिए गए, सभी अधिकार MD लोगों ने प्रतिनिधायित कर दिए गए…. हाई कोर्ट व सप्रीम कोर्ट के अनेक आदेशों को ठेंगा दिखाया गया है। IAS ऑफ़िसर तक निलम्बित हुये हैं… लेकिन मुख्यमंत्री जो स्वमं उद्योग मंत्री है ने आँखे बंद कर रखी हैं… आख़िर क्यों ?

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Troinka सिटी ग़ाज़ियाबाद में भी बड़े पैमाने पर भू आवंटन व land use change पैसे लेकर किए गए हैं। planstic city औरैया, कन्नौज में स्थापित फ़ूड पार्क, Trans-Ganga कानपुर , theme पॉर्क आगरा व इलाहबाद में नव स्थापित इंडस्ट्रीयल पार्क में निर्माण व भू आवंटन में भी घोटाले की पटकथा रची गयी है। सड़के व अन्य निर्माण एक ही स्थान पर बिना काम किए भुगतान प्राप्त किए गए….UPSIDC के प्रदेश सभी industrial areas में भूमि आवंटन व लैंड यूज़ परिवर्तन में घोटाले हुए हैं… क्या-२ बताऊँ?

अतः मैं माँग करता हूँ कि UPSIDC के उक्त घोटालों की CBI से जाँच करायी जाए ….. नेता-आईएएस अधिकारियों-इंजीनियरस-Real Estate माफ़िया के घोटाले की उच्च स्तरीय जाँच कराना आने वाली सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी….देखते हैं क्या आने वाली सरकार इन घोटालों की जाँच कराती या नहीं…. या फिर बातें है बातों का क्या ..वाली कहावत चरितार्थ होती है ….उत्तर प्रदेश में बड़े-२ घोटाले मुख्यमंत्रियों के संरक्षण में होते रहे हैं न कोई जाँच हुई और न कोई अभी जेल गया …. ये जनता के साथ विश्वासघात है, कोरा विश्वासघात…..

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यूपी के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह की एफबी वॉल से.

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