Sanjay Tiwari : झगड़ा आर्यसमाज बनाम कबीरपंथ का है। 2006 के जिस मर्डर केस में संत रामपाल आरोपी बनाये गये हैं, सतलोक आश्रम के बाहर वह झड़प आर्यसमाज के समर्थकों के साथ ही हुई थी। बाबा निजी तौर पर मर्डर में शामिल थे या नहीं, यह अदालत जाने लेकिन जो दुनिया जानती है वह यह कि आर्यसमाजवाले किसी भी कीमत पर कबीरपंथी संत रामपाल और उनके सतलोक आश्रम को बर्दाश्त नहीं कर रहे थे।
अब तक तो यह न हो सका क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। लेकिन अब इसलिए हो रहा है क्योंकि अब प्रदेश में आर्यसमाजियों की सरकार है। मुख्यमंत्री जी खुद आर्य हैं, और मुख्यमंत्री का प्रेस सलाहकार भी आर्य ही नियुक्त किया गया है। इसलिए कार्रवाई तेज कर दी गयी है। नहीं तो गैर जमानती वारंट तो दीपेन्द्र हुड्डा के नाम आज भी बनारस के कोर्ट में जारी किया रखा है। देश दुनिया की छोड़िये शायद दीपेन्द्र हुड्डा को भी इस बात का पता न हो।
वेब जर्नलिस्ट संजय तिवारी के फेसबुक वॉल से.