मजीठिया वेतनमान मांगने पर हिसार भास्कर ने दो को सस्पेंड किया, गोली मारने की धमकी

मुन्ना प्रसाद हिसार (हरियाणा) दैनिक भास्कर में 26 वर्ष से काम कर रहे हैं। इस समय वह भास्कर में सीटीपी ऑपरेटर हैं। मुन्ना प्रसाद ने मजीठिया वेतनमान के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस कर रखा है। जब भास्कर प्रबंधन को ये बात पता चली तो उसने मुकदमा वापस लेने के लिए उन पर दबाव बना दिया। पेपर में जो छोटी-छोटी गलतियां होती रहती हैं, उन्हीं को आधार बनाकर भास्कर प्रबंधन ने मुन्ना प्रसाद और उनके एक अन्य सहकर्मी सुरेंद्र कुमार को सस्पेंड कर दिया। 

सुरेंद्र कुमार को भास्कर प्रबंधन द्वारा जारी सस्पेंशन लेटर

प्रबंधन के खिलाफ हिसार भास्कर यूनिट ने फूंका विद्रोह का बिगुल, मजीठिया के लिए सुप्रीम कोर्ट गए

मजीठिया वेज बोर्ड लागू कराने और अपना बकाया एरियर लेने के लिए दैनिक भास्कर की हरियाणा यूनिट भी एकत्र होनी शुरू हो गई है। इसकी पहल सबसे पहले हिसार यूनिट की ओर से की गई है। इसमें भिवानी ब्यूरो से प्रदीप महता, कुलदीप शर्मा, भूपेंद्र सिंह, राकेश भट्ठी, संजय वर्मा और सुखबीर ने सुप्रीम कोर्ट के वकील अक्षय वर्मा के माध्यम से भास्कर के मालिक रमेश चंद्र अग्रवाल से लेकर भिवानी के ब्यूरो प्रमुख अशोक कौशिक तक लीगल नोटिस भिजवा दिए हैं।

जी न्यूज संवाददाता शिवम भट्ट की हरियाणा में सड़क हादसे में मौत

एक दुखद खबर हरियाणा से है. जी न्यूज संवाददाता शिवम भट्ट का सड़क हादसे में निधन हो गया है. वे हिसार में रामपाल प्रकरण कवर करने गए हुए थे. सड़क हादसे में जयवीर रावत और रोहित खन्ना घायल हुए हैं. हादसा कैथल के पास हुआ. हादस आज यानि 20 नवंबर की सुबह हुआ. शिवम की उम्र लगभग 24 साल थी. शिवम कई दिनों से हिसार के बबराला में रामपाल प्रकरण को कवर कर रहे थे. कल रात रामपाल की गिरफ्तारी के बाद जी न्यूज की टीम वापस चंडीगढ़ जाने के लिए निकली.

बेचारे हिसार वाले ‘मीडिया मीठू’… वे अब भी सहला सेंक रहे हैं अपना-अपना अगवाड़ा-पिछवाड़ा…

Yashwant Singh : पहले वो पुलिस के पक्ष में बोलते दिखाते रहे क्योंकि पुलिस ने उन्हें पुचकारा था, अपने घेरे में रखते हुए आगे बढ़ाकर बबवा को बुरा बुरा कहलवाया दिखाया था… जब पुलिस को लगा कि भक्तों-समर्थकों को लतिया धकिया मार पीट तोड़ कर अंदर घुसने और बबवा को पकड़ कर आपरेशन अंजाम तक पहुंचाने का वक्त आ गया है तो सबसे पहले पुचकार के मारे तोते की तरह पुचुर पुचुर बोल दिखा रहे ‘मीडिया मीठूओं’ को लतियाना लठियाना भगाना शुरू किया ताकि उनके आगे के लतियाने लठियाने भगाने के सघन कार्यक्रम के दृश्य-सीन कैमरे में कैद न किए जा सकें… ये सब प्री-प्लान स्ट्रेटजी थी. सत्ताधारी राजनीतिज्ञों से एप्रूव्ड.

हरियाणा में आर्यसमाजियों की सरकार है, इसलिए संत रामपाल के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गयी है

Sanjay Tiwari : झगड़ा आर्यसमाज बनाम कबीरपंथ का है। 2006 के जिस मर्डर केस में संत रामपाल आरोपी बनाये गये हैं, सतलोक आश्रम के बाहर वह झड़प आर्यसमाज के समर्थकों के साथ ही हुई थी। बाबा निजी तौर पर मर्डर में शामिल थे या नहीं, यह अदालत जाने लेकिन जो दुनिया जानती है वह यह कि आर्यसमाजवाले किसी भी कीमत पर कबीरपंथी संत रामपाल और उनके सतलोक आश्रम को बर्दाश्त नहीं कर रहे थे।

संत रामपाल : ….यूं ही कोई इतना लोकप्रिय नहीं हो सकता!

मैं संत रामपाल को नहीं जानता न ही उनके दर्शन और अध्यात्म की उनकी व्याख्या से। पर वे खुद कहते हैं कि वे हिंदू नहीं हैं और खुद को ही परमेश्वर मानते हैं। हिंदुओं के लगभग सभी सेक्ट उनके खिलाफ हैं खासकर आर्य समाज से तो उनकी प्रतिद्वंदिता जग जाहिर है। वे कबीर साहब के आराधक हैं और मानते हैं कि वे इस दुनिया में आने वाले पहले गुरु थे। इसमें कोई शक नहीं कि संत रामपाल अपार लोकप्रिय हैं। उनके भक्त उनके लिए अपनी जान तक दे सकते हैं। संत परंपरा वैदिक अथवा ब्राह्मण परंपरा नहीं है। संत परंपरा श्रावक व श्रमण परंपरा तथा पश्चिम के सेमेटिक दर्शनों का घालमेल है। पर जो व्यक्ति संत की पदवी पा जाता है उसके भक्त उसको ईश्वर अथवा ईश्वर का दूत मानने लगते हैं।

हिसार में पुलिस ने दो दर्जन मीडियाकर्मियों को बर्बर तरीके से पीटा और कैमरा तोड़ा

संत रामपाल प्रकरण कवर करने हरियाणा के हिसार पहुंचे दर्जनों मीडियाकर्मियों को हरियाणा पुलिस ने बुरी तरह पीटा. कई चैनलों के रिपोर्टरों और कैमरामैनों को गंभीर चोटें आई हैं. पुलिस द्वारा आजतक के रिपोर्टर और कैमरामैन को पीटते हुए दृश्य न्यूज चैनलों पर दिखाए जा रहे हैं. ब्राडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए) ने मीडिया पर जान-बूझकर किए गए अटैक की कड़ी निंदा की है और दोषियों तो दंडित करने की मांग की है. बीईए महासचिव और वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह ने कहा है कि पुलिस ने राजनीतिक आकाओं के इशारे के बाद मीडिया पर हमला किया है ताकि पुलिस कार्रवाई को मीडिया कवर न कर सके और मौकै से मीडिया के लोगों को भगाया जा सके. ओबी वैन से लेकर मोबाइल, कैमरा तक तोड़े क्षतिग्रस्त किए गए हैं. करीब दो दर्जन पत्रकारों और कैमरामैनों को चुन चुन कर पुलिस ने निशाना बनाया है.