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धार्मिक सत्संग पर हमले की खबर – देखें, अखबारों ने कैसे एक से लेकर सात कॉलम तक में परोसा

ऊपर प्रकाशित पीटीआई की खबर और शीर्षक का अनुवाद इस प्रकार होगा।
पंजाब में विस्फोट से तीन मरे

अमृतसर : शहर की सीमा पर इतवार को एक धार्मिक सत्संग के दौरान ग्रेनेड फटने से तीन लोगों की मौत हो गई और 20 जने जख्मी हो गए। पुलिस इसे “आंतकवादी कार्रवाई” मान रही है। पुलिस ने कहा कि अमृतसर के राजा सांसी हवाई अड्डे के पास अदलीवाल गांव में चेहरा ढंके दो मोटरसाइकिल सवारों ने एक निरंकारी भवन पर ग्रेनेड फेंका था। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने आईएसआई समर्थित खालिस्तानी या कश्मीरी आतंकवादियों का हाथ होने का संदेह जताया है। उन्होंने कहा कि वे आंतक की ताकतों को राज्य को मुश्किल से मिली शांति नहीं भंग करने देंगे। इसके साथ एएफपी की एक फोटो का कैप्शन है, अमृतसर शहर की सीमा पर स्थित निरंकारी भवन में ग्रेनेड हमले के शिकार के रिश्तेदार।

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द टेलीग्राफ में पहले पन्ने पर प्रकाशित इस खबर के साथ सूचना है, रिपोर्ट्स पेज चार पर। अंदर सात कॉलम में छपी खबरों का फ्लैग शीर्षक है, “अमृतसर के पास निरंकारियों की सभा में मोटरसाइकिल सवारों के ग्रेनेड हमले के बाद पुलिस आंतकवादी कोण की जांच कर रही है”। दो कॉलम में ऊपर लिखी गई खबर इसी शीर्षक के साथ विस्तार से है। तीन कॉलम में ऊपर नीचे दो फोटो और बाकी दो कॉलम में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह की फोटो के साथ खबर का शीर्षक है, “मुख्यमंत्री को पाकिस्तानी हाथ का शक”। एक फोटो निरंकारी भवन की है जिसके बाहर पुलिस वाले खड़े हैं। दूसरी फोटो का कैप्शन है, “ग्रेनेड हमले के शिकार एक व्यक्ति के रिश्तेदार”। कुल मिलाकर, धार्मिक तनाव फैला सकने वाली एक घटना की विस्तृत सूचना और विवरण के साथ संतुलित या आदर्श ढंग से जानकारी दी गई है। आइए देखें, बाकी अखबारों ने इसे कैसे छापा है।

हिन्दुस्तान टाइम्स में यह खबर फोटो के साथ चार कॉलम में लीड है। शीर्षक है, “ग्रेनेड हमले में पंजाब की प्रार्थना सभा में तीन मरे”। उपशीर्षक है, “आतकवादी हाथ? मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने अमृतसर में निरंकारी सभा को निशाना बनाया”। रायटर की वही फोटो है जो टेलीग्राफ ने छापा है और कैप्शन है, “अमृतसर के राजासांसी क्षेत्र में रविवार को प्रार्थना सभा वाली जगह को गार्ड करती पुलिस”।

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टाइम्स ऑफ इंडिया में भी यह खबर फोटो के साथ चार कॉलम में छपी है। मुख्य शीर्षक है, “निरंकारी सत्संग पर ग्रेनेड हमले में तीन मारे गए”। एक कॉलम तीन लाइन में उपशीर्षक है, “19 जख्मी, आईएसआई लिंक से इनकार नहीं : पंजाब मुख्य़मंत्री”। फोटो विलाप करते परिजनों की है।

इंडियन एक्सप्रेस में यह खबर सेकेंड लीड है। दो कॉलम की लीड के साथ चार कॉलम में निरंकारी भवन के बाहर तैनात पुलिस वालों की फोटो के नीचे चार कॉलम में इस खबर का शीर्षक है, “मुख्यमंत्री ने कहा, आईएसआई समर्थिक खालिस्तानी/कश्मीरी आतंकवादी समूह की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता”। दूसरी फोटो दो कॉलम में विलाप करते परिजनों की है। कैप्शन है, “हमले में मारे गए एक पीड़ित के रिश्तेदार”।

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दैनिक हिन्दुस्तान में यह खबर सात कॉलम में है। फ्लैग शीर्षक है, “आतंकी वारदात से दहशत, बाइक से आए दो हमलावरों ने सत्संग में ग्रेनेड फेंका, सेनाध्यक्ष खुफिया एजेंसियों ने पहले ही किया था आगाह”। मुख्य शीर्षक है, “अमृतसर में निरंकारियों पर हमला, तीन मरे”। तीन कॉलम में विलाप करते परिजनों की फोटो है।

नवोदय टाइम्स में यह छह कॉलम में है पर “अमृतसर में ग्रेनेड हमला” शीर्षक छोटा होने के कारण फौन्ट बड़ा है। उपशीर्षक है, “निरंकारी भवन पर निशाना; 3 मरे, 22 घायल”। दो कॉलम में फोटो के ऊपर लिखा है, “पंजाब सहित पड़ोसी राज्य में हाई अलर्ट”। अखबार ने पहले पेज पर इस खबर को काफी जगह दी है और सभी पहलुओं व दूसरे संबंधित खबरों को भी पहले पेज पर ही रखा है। हालांकि बिलखते परिजन या घायल की तस्वीर पहले पेज पर नहीं है। ग्रेनेड हमले से बने गड्डे की तस्वीर जरूर है।

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नवभारत टाइम्स में भी यह खबर छह कॉलम में है और दो लाइन की काली रिवर्स हेडिंग, “अमृतसर में आतंकी हमला, 250 निरंकारी श्रद्धालुओं की भीड़ पर ग्रेनेड फेंका, 3 मौतें”, डरावनी है। डेढ़-डेढ़ कॉलम में दो लाइन में चार प्रमुख सूचनाएं शीर्षक के साथ रीवर्स में हैं। पुलवामा में सीआरपीएफ कैम्प पर आतंकवादी हमले की खबर भी इसी के साथ छपी है। अखबार ने पहले पन्ने पर डेढ़ कॉलम में स्ट्रेचर पर लेटे एक घायल की तस्वीर भी छापी है। कैप्शन है, “मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने हमले में घायल हुए लोगों के मुफ्त इलाज किए जाने का ऐलान किया है”।

राजस्थान पत्रिका में यह खबर पहले पेज पर तीन कॉलम में है। फ्लैग शीर्षक है, “पंजाब : पुलिस ने कहा आतंकी साजिश का शक, एनआईए करेगी जांच”। मुख्य शीर्षक है, “चार दिन से आतंकी हमले के अलर्ट के बीच धार्मिक डेरे पर ग्रेनेड हमला , 3 की मौत।” दो कॉलम में फोटो का कैप्शन है, आदलिवाल गांव में हमले के बाद घटनास्थल के बाहर खौफ का मौहल।”

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अमर उजाला में यह खबर दो लाइन के शीर्षक के साथ छह कॉलम में लीड है। शीर्षक है, “अमृतसर में निरंकारी भवन में सत्संग के दौरान आतंकी हमला, तीन की मौत”। उपशीर्षक है, “हाई अलर्ट के बावजूद वारदात : बाइक से आए थे दहशतगर्द, सीएम ने कहा – खालिस्तानी-कश्मीरी आतंकियों का हाथ”। अखबार ने बिलखते परिजनों की फोटो के साथ “पांच-पांच लाख मुआवजे की घोषणा” और “हमले के बाद दहशत में परिजन और श्रद्धालुओं को सुरक्षित डेरे के बाहर निकालते पुलिसकर्मी” कैप्शन वाले फोटो के नीचे खबर छापी है, “निरंकारियों से टकराव के बाद फैला था उग्रवाद”।

दैनिक भास्कर आज नो निगेटिव खबरों वाला अखबार होता है। पर उसमें भी यह खबर लीड है। निगेटिव न्यूज के ठप्पे के साथ। इसके साथ बताया गया है, सिर्फ वही नकारात्मक खबर जो आपको जानना जरूरी है। आप भी जानिए, ये रही फोटो।

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वरिष्ठ पत्रकार और अनुवादक संजय कुमार सिंह की रिपोर्ट। संपर्क : [email protected]

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