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दैनिक भास्कर रतलाम : मजीठिया के लिए केस लगाने वालों पर प्रबंधन की बर्बरता, एक कर्मचारी से इस्तीफा लिया

दैनिक भास्कर की अन्य यूनिटों की तरह ही रतलाम (मप्र) की यूनिट में भी मजीठिया को लेकर कर्मचारी लामबंद हो गए हैं। इससे प्रबंधन और स्थानीय अधिकारियों में खलबली मच गई है। बौखलाहट में प्रबंधन बर्बरता पर उतारू हो गया है। कार्यकारी संपादक ने तो मजीठिया के लिए केस लगाने वाले एक कर्मचारी से इस्तीफा ही ले लिया है। लेखा विभाग ने तो हद ही कर दी है, कर्मचारी के खिलाफ रिकवरी भी निकाल दी है। इस कार्रवाई ने आग में घी का काम किया है और कर्मचारियों ने प्रबंधन को ईंट का जवाब पत्थर से देने का मन बना लिया है।

दैनिक भास्कर की अन्य यूनिटों की तरह ही रतलाम (मप्र) की यूनिट में भी मजीठिया को लेकर कर्मचारी लामबंद हो गए हैं। इससे प्रबंधन और स्थानीय अधिकारियों में खलबली मच गई है। बौखलाहट में प्रबंधन बर्बरता पर उतारू हो गया है। कार्यकारी संपादक ने तो मजीठिया के लिए केस लगाने वाले एक कर्मचारी से इस्तीफा ही ले लिया है। लेखा विभाग ने तो हद ही कर दी है, कर्मचारी के खिलाफ रिकवरी भी निकाल दी है। इस कार्रवाई ने आग में घी का काम किया है और कर्मचारियों ने प्रबंधन को ईंट का जवाब पत्थर से देने का मन बना लिया है।

मजीठिया को लेकर कर्मचारियों की लड़ाई और मजबूत होती जा रही है। इससे अखबारों के मालिकान और उनके चाटुकार अधिकारी, संपादकों में जबरदस्त हड़कंप है। उनकी समझ में नहीं आ रहा कि वे क्या करें। इसलिए वे एक के बाद एक गलत कदम उठा रहे हैं। इससे उनकी बौखलाहट साफ जाहिर हो रही है। इसका उदाहरण दैनिक भास्कर रतलाम में देखने में आया है। होशंगाबाद में मुहं की खाने के बाद भी प्रबंधन उल्टी-सीधी हरकतें करने से बाज नहीं आ रहा। रतलाम में तो संपादक ने मजीठिया के लिए सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर करने वाले एक कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया है। संपादक को उक्त कर्मचारी सहित अन्य कर्मचारियों के मजीठिया के लिए केस दायर करने की भनक पहले ही लग गई थी। इसे ध्यान में रखते हुए संपादक ने उक्त कर्मचारी को देर रात अपने केबिन में बुलाया और स्पष्टीकरण मांगा। कर्मचारी ने मजीठिया के लिए केस दायर करना स्वीकार कर लिया। यह संपादक को नागवार गुजरा और उन्होंने बौखलाहट में कर्मचारी से पुरानी तारीख में इस्तीफा मांग लिया।

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पुराना इस्तीफा कर लिया स्वीकृत…
जिस कर्मचारी को नौकरी से निकाला गया है, उसने निजी कारण से पिछले साल दिसंबर में इस्तीफा दिया था। तब इसे संपादक ने स्वीकार नहीं किया था। स्टाफ की कमी बता कर काम करते रहने का अनुरोध किया। डेढ़ महीने बाद जब संपादक को पता चला उक्त कर्मचारी ने मजीठिया के लिए केस दायर किया है तो उनकी हवाइयां उड़ गईं। उन्होंने पहले तो कर्मचारी से पिछली तारीख में नया इस्तीफा देने के लिए कहा। जब कर्मचारी ने इस्तीफा देने से मना कर दिया तो संपादक ने पिछले साल दिसंबर में दिया इस्तीफा ही स्वीकार करने की जानकारी कर्मचारी के ईमेल पर भेज दी।

लेखा विभाग ने निकाल दी रिकवरी…
मजीठिया के लिए कर्मचारियों द्वारा केस दायर करने की भनक लगने के बाद से रतलाम यूनिट के सभी आला अधिकारी एक हो गए हैं। वे अपने-अपने डिपार्टमेंट के कर्मचारियों से एक-एक कर पूछताछ कर रहे हैं। अधिकारियों ने दबाव बनाकर लेखा विभाग से उस कर्मचारी की रिकवरी भी निकलवा दी गई है जिसे संपादक ने नौकरी से निकाला है।

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चिंटुओं में बौखलाहट…
भड़ास में चिंटू टाइप दलालों का खुलासा होने के बाद रतलाम यूनिट के चिंटुओं में बौखलाहट नजर आने लगी है। संपादक के एक खास चिंटू तो अब यह कहते नजर आ रहे हैं कि उन्हें इससे लेना देना ही नहीं है। चिंटू ने जब सफाई दी तो एक कर्मचारी ने तो उसे भी मजीठिया की लड़ाई में शामिल होने की सलाह दे डाली। इसी तरह एक अन्य चिंटू तो अपनी चालढाल से यह दर्शाने का प्रयास कर रहा है कि वह कर्मचारियों का हितैसी है।
 
ब्यूरो प्रमुखों को मुख्यालय बुला लिया…
रतलाम में दैनिक भास्कर के अधिकारी का तो जैसे मतिभ्रम ही हो गया है। गुरुवार को संपादक ने अपने दो ब्यूरो के प्रमुखों को रतलाम मुख्यालय दौड़ लगवा दी। नौकरी सलामत रहे इसलिए बेचारे ब्यूरो प्रमुखों ने मुख्यालय जाकर संपादक के केबिन में हाजिरी लगाई। संपादक ने दोनों से काफी देर तक अपने केबिन में गुप्त मंत्रणा की। इसके बाद दोनों ब्यूरो प्रमुख लौट गए। सूत्र बताते हैं कि ब्यूरो प्रमुखों से संपादक ने कहा है कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से भी पूछताछ करें। उनसे यह भी कहा है कि अगर आवश्यकता पड़ी तो उन्हें काम करने के लिए रतलाम बुलाया जा सकता है। दोनों ब्यूरो प्रमुखों ने आज्ञाकारी पुत्रों की तरह इसके लिए हामी भी भरी है।

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