प्रभात ख़बर में एक के बाद एक निशाने पर लिये जा रहे हैं लोग, चार ने छोड़ा प्रभात खबर, दो लंबी छुट्टी पर गये, एक हो गया बीमार.
जमशेदपुर प्रभात ख़बर में संपादकीय के लोगों पर काम का दबाव अधिक है। एक के बाद एक करके लोगों के अखबार छोड़कर जाने से यह तो साफ हो गया है कि यहां सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. बीते एक साल से भी कम समय में चार लोग जमशेदपुर यूनिट को छोड़कर जा चुके हैं, दो लोग लंबे अवकाश पर चल रहे तो एक बीमार होकर किसी तरह नौकरी कर रहे हैं.
फिलहाल प्रभात खबर समेत जमशेदपुर झारखंड के मीडिया जगत में आज-कल ब्रजेश मिश्रा का संस्थान का प्रणाम बोलना जबदस्त चर्चा का विषय बना हुआ है. ब्रजेश मिश्रा प्रभात खबर के साथ दूसरी पारी खेल रहे थे. लेकिन उनकी यह पारी बमुश्किल साल-डेढ साल ही चल रही.
ब्रजेश मिश्रा ने शिक्षा की खबरों में अखबार को मुकाम दिलाया और प्रभात खबर की साख युनिवर्सिटी से लेकर स्कूल की खबरों में बढ़ी हालांकि उन्हें अचानक से रिपोर्टिंग से हटाकर डेस्क पर भेज दिया गया. हिन्दी साहित्य पर गहरा ज्ञान और व्यापक अनुभव रखने वाले ब्रजेश मिश्रा को खबर लिखने पर अघोषित पाबंदी लगा दी गयी और उन्हें जबरन डेस्क पर यह कहकर बनाये रखा गया कि उनकी ज्वाइनिंग ही डेस्क के लिए हुई थी.
पूर्व के संपादक ने अपने चहेतेपन में उन्हें रपोर्टिंग की जिम्मेदारी दे रखी थी, उसे दुरुस्त कर उन्होंने फिर से डेस्क पर भेज दिया गया है. हालांकि ब्रजेश कुमार मिश्र ने इसका कड़े शब्दों में प्रतिउत्तर देते हुए डीएनई से लेकर संपादकीय प्रभारी को भी लगातार आइना दिखाया और अचानक सेवामुक्ति का नोटिस देकर यह साफ कर दिया कि योग्यता वालों को चापलूसी व चिरौरी करने की जरूरत नहीं है. ऐसे लोग अपना रास्ता खुद बनाते हैं और वह अचानक इस्तीफा देकर चलते बने.
सूचना है कि अब वह मजेठिया वेज के अनुसार बकाया वेतनमान लेने के लिए कानूनी विकल्प की तैयारी कर रहे हैं.