Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

केन्द्र सरकार लाना चाहती है नया संचार अधिनियम, ट्राई की जगह संचार आयोग बनाने पर विचार

केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार दूरसंचार व ब्रॉडकास्ट क्षेत्र के नियामक, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की जगह एक नया सुपर नियामक लाने पर विचार कर रही है। मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, इस नियामक का नाम संचार आयोग (कम्युनिकेशंस कमीशन) होगा और इसमें ट्राई की सभी शक्तियां और अधिकार होंगे। इस नियामक के पास पर्यावरण मंत्रालय द्वारा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और दूरसंचार विभाग (डॉट) को दी जानेवाली कुछ मंजूरियों के साथ-साथ वे तमाम शक्तियां होंगी जो सेंसर बोर्ड जैसी संस्थाओं के पास हैं।

<p>केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार दूरसंचार व ब्रॉडकास्ट क्षेत्र के नियामक, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की जगह एक नया सुपर नियामक लाने पर विचार कर रही है। मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, इस नियामक का नाम संचार आयोग (कम्युनिकेशंस कमीशन) होगा और इसमें ट्राई की सभी शक्तियां और अधिकार होंगे। इस नियामक के पास पर्यावरण मंत्रालय द्वारा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और दूरसंचार विभाग (डॉट) को दी जानेवाली कुछ मंजूरियों के साथ-साथ वे तमाम शक्तियां होंगी जो सेंसर बोर्ड जैसी संस्थाओं के पास हैं।</p>

केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार दूरसंचार व ब्रॉडकास्ट क्षेत्र के नियामक, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की जगह एक नया सुपर नियामक लाने पर विचार कर रही है। मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, इस नियामक का नाम संचार आयोग (कम्युनिकेशंस कमीशन) होगा और इसमें ट्राई की सभी शक्तियां और अधिकार होंगे। इस नियामक के पास पर्यावरण मंत्रालय द्वारा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और दूरसंचार विभाग (डॉट) को दी जानेवाली कुछ मंजूरियों के साथ-साथ वे तमाम शक्तियां होंगी जो सेंसर बोर्ड जैसी संस्थाओं के पास हैं।

सूत्रों की मानें तो टेलिकॉम व ब्रॉडकास्ट क्षेत्र के ट्राइब्यूनल, दूरसंचार विवाद निपटान व अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) की जगह भी एक संचार अपीलीय ट्राइब्यूनल लाया जा सकता है। इसके साथ ही, सरकार एक संचार अधिनियम लाना चाहती है जो इंडिया टेलिग्राफ एक्ट और ट्राई एक्ट समेत तमाम मौजूदा कानूनों की जगह ले लेगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

रिपोर्ट में कहा गया है कि संचार अधिनियम में छह सदस्यीय नियामक का प्रस्ताव है। इसका एक चेयरमैन होगा जिसका कार्यकाल पांच साल का होगा। आयोग के सदस्यों को टेलिकॉम, ब्रॉडकास्टिंग, फाइनेंस, मैनेजमेंट, एकाउंटेंसी और कानून या उपभोक्ता संरक्षण मामलों जैसे क्षेत्रों से लिया जाएगा। मौजूदा व्यवस्था में ट्राई में तीन साल के कार्यकाल वाला चेयरमैन होता है और उसके साथ दो पूर्णकालिक व दो अंशकालिक सदस्य होते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement