देहरादून : दैनिक जागरण की देहरादून यूनिट में मठाधीशों की तानाशाही इतनी हावी है कि एक सप्ताह के भीतर दो कर्मठ पत्रकारों को संस्थान छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। बरसों से एक ही यूनिट में जमे मठाधीशों की संवेदनाएं शायद मर चुकी हैं।
सिटी के क्राइम रिपोर्टर संतोष तिवारी का सिर्फ इतना कुसूर था कि वह अपनी मां का इलाज कराना चाहते थे। यूनिट के कर्णधारों ने छुट्टी बढाने से साफ मना कर दिया। ज्यादा दबाव पड़ने पर संतोष ने नौकरी से इस्तीफा देकर मां की सेवा को चुना।
एक सप्ताह के भीतर ही हरिद्वार कार्यालय से एक स्ट्रिंगर बसन्त कुमार ने जागरण को अलविदा कह दिया और हरिद्वार में ही अमर उजाला ज्वॉइन कर लिया।
बताया जा रहा है बसंत संस्थान के व्हाट्सएप ग्रुपों में होने वाले अपमान से आहत थे। हरिद्वार कार्यालय से दो साल पहले एक फोटोग्राफर ने भी मठाधीशों की पोल खोलने के बाद जागरण बाय बाय कह गया था।
बताया जाता है कि संस्थान में व्हाट्सएप कल्चर कुछ ज़्यादा ही जोर पकड़ चुका है। किसी जूनियर से छोटी सी गलती होने पर सीनियर उस पर टूट पड़ते हैं जिससे निचले स्तर पर असंतोष बना हुआ है।
यूनिट में कईयों की नौकरी तो सुबह से शाम तक अपने से छोटों की गलतियां ढूंढकर उन्हें गरियाने तक ही सीमित है।