इमरजेंसी के दौरान जेल जाने वाले सीतापुर के वरिष्ठ पत्रकार कामरेड डॉ. गंगाराम मिश्र का निधन

Share the news

सीतापुर से केके सिंह सेंगर की रिपोर्ट

सीतापुर (यूपी) : सीतापुर जिले के मिशनरी पत्रकार कहे जाने वाले वरिष्ठ पत्रकार व देशदीप समाचार पत्र के संपादक कामरेड डॉ. गंगाराम मिश्र नहीं अब  रहे। वह 87 वर्ष के थे। आपातकाल (इमरजेंसी) के दौरान मीसा कानून में वे जेल भी गए थे। राजनीतिक क्षेत्र में भी उनकी सभी दलों में जबरदस्त पकड़ थी। शनिवार की रात हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। रविवार को  उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हुआ। वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

वह लोकदल से विधानसभा का चुनाव सीतापुर के लहरपुर विधान सभा क्षेत्र से लड़े। इसके अलावा उन्होंने नवजीवन हिन्दी दैनिक समाचारपत्र व बीबीसी न्यूज से भी जुड़कर काम किया। 1984 में सिधौली ब्लाक के ग्राम मोहिद्दीपूर में 23 लोगों की हुई सामूहिक नरसंहार की रिपोर्टिंग उनकी खासी चर्चित हुई रही थी। उनकी रिपोर्टिंग का आलम यह था कि बड़े-बड़े लोग गंगाराम जी से खौफ खाते थे। वह सीतापुर जनपद की सिधौली तहसील के ग्राम हीरपुर के निवासी थे। वह जब खाना खाने बैठते तो रिकार्ड तोड़ खाना खाते। खाना परोसने वाला परेशान हो जाता। मिठाई खाते तो वह भी जी भरकर खाते। केला खाने की कोई शर्त लगाता तो देखते – देखते वे कई दर्जन केले खा जाते। किस्से सुनाने बैठते तो सुनने वाले थक जाते।

नगर पंचायत सिधौली के प्रथम चेयरमैन डॉ. अवधेश श्रीवास्तव द्वारा कराए जाने वाले ‘महामूर्ख सम्मेलन आयोजन’ के वे संस्थापक मूर्खाधिराज थे। अपने जूतों को वे अपने सर के ऊपर रख लेते। और कहते एक जैसे दिन किसी के नहीं रहते। कभी जो पैरों तले होता है, एक दिन वह सिर पर भी तो हो सकता है।

यायावर, घुम्मकड़ व फक्कड़ पत्रकार गंगाराम मिश्र जी के राजनीतिक रिश्ते खांटी समाजवादी मुलायम सिंह यादव से लेकर जिले के सभी नेताओं से भी गहरे थे। डॉ. अम्मार रिजवी, राजा साहब महमूदाबाद , राजनेता डॉ. श्याम किशोर मिश्र, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामलाल राही आदि से उनके मधुर रिश्ते रहे। वे ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे। लेकिन कढ़े बहुत ज्यादा थे। यदि उन्होंने गांव-गिरांव को छोड़कर राजधानी की पत्रकारिता की होती तो नि:संदेह वे शिखर पर होते। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव जब मुख्यधारा की राजनीति में थे। तब वे उनके सामान्य बुलावे पर उनकी बेटी की शादी में शामिल हुए थे।  87 वर्षीय गंगाराम जी लोकतंत्र सेनानी व होम्योपैथिक चिकित्सक के रूप में भी पर्याप्त लोकप्रिय संघर्षशील व्यक्ति थे।

सिधौली तहसील के पत्रकार व साहित्यकार अनुराग आग्नेय बताते हैं कि उनकी बुलंद आवाज़ में कविता सुनना हमें हमेशा याद रहेगा। शनिवार की रात को उनका देहांत हो गया । दो दिन पूर्व वे बड़े ही जोशोखरोश के साथ मिले थे। मुझसे बोले, कि अनुराग तुम मेरे कुल के हो, पत्रकारिता को वे कुल के रूप में गिनते थे। बड़े भरे मन से उन्होंने कहा था कि भैया पत्रकारिता की अब जनाजा उठ गया है। आग्नेय, कोई दूसरा काम करो इससे भला होने वाला नहीं है। वे बताते कि मैं क्या काम करूँ? लेकिन मैं जल्दबाजी में था, उनकी पूरी बात तक नहीं सुन सका।

इस बीच मीडिया मंच रामकोट की ओर से गंगासागर तीर्थ परिसर में एक शोक सभा आयोजित कर वरिष्ठ पत्रकार डा. गंगाराम मिश्र के निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट की गई। शोक सभा में पत्रकार मंगल प्रसाद बाजपेयी, शमी अहमद, विश्वनाथ अवस्थी, के के सिंह सेंगर, रियासत अली सिद्दीकी, मोहम्मद रियाज सिद्दीकी, पंकज कश्यप, विवेक सिंह भदौरिया, संतोष कुमार, अमरेंद्र यादव, राज सिंह, नीरज यादव आदि शोक सभा में शामिल हुए।



भड़ास का ऐसे करें भला- Donate

भड़ास वाट्सएप नंबर- 7678515849



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *