
Palash Biswas : अभी अभी कोलकाता से जनसत्ता के हमारे साथी जयनारायण प्रसाद का फोन आया। मुझे यह पता चला कि कोलकाता में जनसत्ता, इंडियन एक्सप्रेस और फाइनेंसियल एक्सप्रेस के सम्पादकीय में कोई नहीं है, पर तीनों अखबार निकल रहे हैं।
इंजीनियर दिल्ली से भेजे पीडीएफ छाप रहे हैं। स्थाई साथियों के रिटायर करते ही एकमात्र बचे रिपोर्टर प्रभाकर मणि तिवारी का लखनऊ तबादला कर दिया गया तो उन्होंने त्यागपत्र भेज दिया है। ठेके वालों का भी नोयडा तबादला कर दिया गया तो उन्होंने भी नौकरी छोड़ दी।
यह सब सुन कर मन बहुत खराब हो गया है। इस अखबार में हमने ज़िन्दगी बिता दी कि यह भारतीय पत्रकारिता और जनसुनवाई का एकमात्र मंच है। पर आज जो खबर फोन पर मुझे पता चली वह जनसत्ता से जुड़े हर साथी के लिये किसी सदमे से कम नहीं है।
प्रभाष जोशी होते तो क्या सोचते कहते….
वरिष्ठ पत्रकार पलाश बिश्वास की एफबी वॉल से.