Samar Anarya : कविता कृष्णन ने सिखाया अपने संगठन को नया नारीवाद। यौन उत्पीड़न करो और पीड़ित शिकायत करने की हिम्मत करे तो मार के उसका हाथ तोड़ दो कि फिर कोई कभी हिम्मत न करे. यही सीख लेकर आइसा नेताओं के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत करने वाली छात्रा को आइसा कार्यकर्ताओं ने पीटा। शर्मनाक है यह. वामपंथ के नाम पर सबसे बदनुमा धब्बा। देखें खबर… http://goo.gl/yGnxtW
कथित कामरेड कविता कृष्णन : पाखंडी नारीवाद का पर्दाफाश
Samar Anarya : भगवा सलाम श्रीमती कविता कृष्णन और उनकी राजनीति को… जो मामला कामरेड खुर्शीद अनवर के खिलाफ कभी पुलिस तक न गयी, शिकायत में मधु किश्वर का बनाया वीडिओ बंटवा के तो अपने कामरेडों पर यौन उत्पीड़न करने के बाद शिकायत करने की हिम्मत करने वाली लड़कियों पर हमला कर परवान चढ़ती है. आज के नवभारत टाइम्स में प्रतिबद्ध साथी Shahnawaz Malik की स्टोरी…
JNU : झड़प में तीन लड़कियां घायल, इनमें आइसा की दो वर्कर और एनएसयूआई की एक एक्टिविस्ट
शाहनवाज मलिक, नई दिल्ली
जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज में जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान मारपीट हुई है। इसमें आइसा की दो वर्कर और एनएसयूआई की एक एक्टिविस्ट घायल हुई हैं। दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे के खिलाफ वसंत विहार पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाई है। एनएसयूआई की चोटिल कार्यकर्ता वही हैं, जिन्होंने जेएनयूएसयू के एक्स प्रेजिडेंट अकबर चौधरी और जॉइंट सेक्रेटरी सरफराज हामिद के खिलाफ जीएसकैश में शिकायत दर्ज करवाई थी। गुरुवार तक जेएनयू के 13 स्कूलों में कनविनर रिपोर्ट पेश की जा चुकी थी। शुक्रवार को कनविनर रिपोर्ट पेश करने के लिए स्कूल ऑफ लैंग्वेज में आखिरी मीटिंग बुलाई गई। वहीं आइसा और एनएसयूआई के बीच भिड़ंत हो गई। एनएसयूआई कार्यकर्ता का आरोप है कि आइसा के वर्करों ने उनपर बदले की भावना से हमला किया है। रात 8:30 बजे आइसा की शहला राशिद ने उनपर फब्तियां कसीं। फिर शहला, विशाखा, चिंटू कुमारी समेत आठ वर्करों ने बाल पकड़कर उनकी पिटाई की। उनके हाथ और पांव में चोट लगी है। शिकायतकर्ता के मुताबिक उन्होंने फौरन पीसीआर और एंबुलेंस को कॉल किया। एम्स ट्रॉमा सेंटर में रात 12 बजे उनका मेडिकल हुआ। शनिवार की सुबह वसंत विहार पुलिस स्टेशन ने आइसा के 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। आरोपियों में चिंटू कुमारी, विशाखा सिंह, रितिका, शहला राशिद, आशुतोष कुमार, अनंत, शशिभूषण आजाद और ओम प्रसाद शामिल हैं। कथित हमले के बाद एबीवीपी ने रात 10 बजे वसंत विहार थाने के बाहर आइसा के खिलाफ प्रोटेस्ट भी किया। एबीवीपी सचिव अभिजीत पांडेय ने कहा है कि लगातार यूनियन इलेक्शन जीत रही आइसा के खिलाफ इस बार इंटी इनकमबेंसी का माहौल है। इस बात से भड़के वर्कर मारपीट पर उतारू हो गए हैं। वहीं आइसा ने एनएसयूआई शिकायतकर्ता के आरोपों को झूठा करार दिया है। ओम प्रसाद के मुताबिक चिंटू कुमारी और शहला राशिद पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने हमला किया।
Samar Anarya : आइसा वाले GSCASH का हवाला दे रहे हैं? तब कहाँ चली गयी थी ये नैतिकता जब प्रेजिडेंट और ज्वाइंट सेक्रेटरी ने सरे नियम तोड़ते हुए ‘हमारे ऊपर आरोप है’ वाला पोस्टर जारी कर दिया था. वाह. प्रेजिडेंट और सह सचिव GSCASH के सारे नियम तोड़ पोस्टर जारी कर दें, शिकायतकर्ता पर दबाव बनाने की कोशिश करें और आइसा वाले कहें कि माफ़ी मांग ली गलती के लिए तो क्या इससे बात खत्म? प्रेजिडेंट साहब को नियम पता नहीं थे? या टाडा ने समझाया था कि इससे लड़की डर जायेगी।
क्या खूब हैं कविता कृष्णन के कुत्सित कुतर्क : यौन उत्पीड़क इनकी पार्टी का हुआ तो उसके सौ खून माफ!
Madan Tiwary : साम्यवादियो को आत्मनिरिक्षण की जरुरत है। कविता कृष्णन ने जेएनयू के आइसा (माले का छात्र संगठन) के दो छात्र नेताओं पर लगे छेड़खानी के आरोप में उनका बचाव किया था.. परिणाम लंपटों की हिम्मत बढ़ गई.. उन्होंने आरोप लगाने वाली लड़की के साथ मारपीट की… मामला थाने पहुंचा और केस भी दर्ज हुआ। देखें खबर… http://goo.gl/yGnxtW
Yashwant Singh : ये वही क्रांतिकारी छात्र संगठन है जिसकी सबसे बड़ी नेता कविता कृष्णन कही जाती हैं और ये कविता कृष्णन टीवी चैनलों पर नारीवाद के पक्ष में लेक्चर देती हुई पाई जाती हैं… वो कहते हैं न, खुद के घर नहीं दाने, अम्मा चलीं भुनाने… चैनल वाले कविता कृष्णन जैसे हिप्पोक्रेट्स को मंच क्यों देते हैं जिनके हाथ खुद महिला शोषण-उत्पीड़न में रंगे हुए हैं… कम से कम यह खबर तो यही साबित करती है कि यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली छात्रा का जानबूझ कर और साजिशन उत्पीड़न किया जा रहा है ताकि वह हार मान ले और चुप बैठ जाए… देखें खबर… http://goo.gl/yGnxtW
Satyaprakash Gupta हाथों को हवा में उड़ा -उड़ा कर और हथेलियों को बंद मुठ्ठियों में तब्दील कर ज़ोर-ज़ोर से नारा लगाने का काम JNU परिसर में हम सबने किया है ! बहुत दुख होता है की ऐसी शर्मनाक घटना होती है और उसे कम्यूनल रंग दिया जाता है ! मैने अपने समय में कयी ऐसे cadres को देखा है, जिन्होनें गलतियाँ की और संगठन ने तुरंत उन्हें निलंबित कर दिया या बाहर का रास्ता दिखा दिया ! एक वामपंथी क्रांतिकारी संगठन को ऐसे लोगों को बचाने के लिये मार-पीट करना पड़े, पीड़िता को trauma-centre जाना पड़े, पूरे प्रसंग को साम्प्रदायिक रंग दे दिया जाये …ना बाबा ना ..ये तो JNU नहीं है लगता है देश का कोई कस्बाई कॉलेज बन गया हो ! भाई लोग, ये वही campus है जहां कुत्तों या उनके पिल्लों को लात से मारने या उनपर चिल्लाने पर pamphlet निकलता हो, वहा मारपीट होती है और उस पर भी पीड़िता को. AISA इस campus को दक्षिणपंथियों के हाथ सौंप देगा ..अब अहसास हो गया है ! JNU को जानदार लेफ्ट-डेमॉक्रेटिक, हिंसा-मुक्त और निर्भीक परिसर में तब्दील करने में बहुत ही प्रगतिशील, जनवादी, जनतांत्रिक और आधुनिक छात्र-छात्रों, शिक्षकों का हाथ रहा है, वो दूर से देख रहे हैं और हम भी देख रहे हैं की किस तरह से AISA इस मूविंग campus को fossilized campus में तब्दील कर दिया है ! किस तरह इसके क्रांतिकारी पोलित ब्यूरो के सदस्य कविता कृष्णन ने इस campus से alumni कॉमरेड खुर्शीद अनवर की जान ले ली ! दिल्ली में मुम्बई कहाँ है तो हम गर्व से कहते हैं, चले जाओ JNU CAMPUS, छात्र-छात्राएं CAMPUS में निर्भीकता से रात-रात भर घूमते हैं, सब महफूज़ लेकिन AISA ने इसे एक गिरोह में तब्दील कर दिया है जिसे दक्षिणपंथ के हाथों में देने की सारी तैयारियां कर दी गयी है! कुछ लोग कहते हैं कि Is this conspiracy against AISA? The victim was an AISA member when she was sexually molested by the great ultra-leftist President and Jt Secretary. Later on, she left AISA and joined NSUI. So politics will prevail over it and AISA has initiated this trend only. AISA has given entire episode a communal colour too. I got information from Campus and that’s why, I am writing it over here.
साभार- फेसबुक
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