Samar Anarya : जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पर आरोपों के बारे में कुछ खरी खरी… कल तक लोगों पर पीड़िता का चरित्रहनन करने का आरोप लगाने वाली कविता कृष्णन जैसी फर्जी टीआरपी खोर नारीवादी इस मामले में शिकायतकर्ता को दूसरी पार्टियों का सदस्य बता के उसका चरित्रहनन कर रही हैं. सच यह है कि वह लेफ्ट सर्कल्स की ही नहीं,बल्कि उनकी पार्टी आइसा की ही करीबी रही है. दूसरी बात यह कि GSCASH शिकायत लेने के पहले स्क्रीनिंग करता है और प्रथम दृष्टया सबूत होने पर ही केस स्वीकार करता है. फिर अध्यक्ष और संयुक्त सचिव को इस्तीफ़ा क्यों देना पड़ा? कुछ तो है जो कविता कृष्णन गैंग छुपा रहा है?
Kavita Krishnan
तीसरी यह कि कामरेड खुर्शीद अनवर के मामले में मधु किश्वर का बनाया वीडिओ देश भर बंटवाने वाली ही नहीं बल्कि इंडिया टीवी के शो में मधु किश्वर के साथ बैठने वाली कविता कृष्णन अब खामोश क्यों हैं? भारत में बलात्कार करने का लाइसेंस देने प्राधिकार उन्हीं के पास है क्या? माने उनके साथ हो तो बलात्कार करो, मैडम बचा लेंगी? ठीक वैसे जैसे इसके पहले भी हिंदी के एक प्रोफ़ेसर को पार्टी मेंबर होने के चलते बचाया था? भरी यूजीबीएम में? और अंत में, कितने कामरेडों की हत्या करेगा यह गैंग? इलाहाबाद में पति के दूसरी वामपंथी पार्टी ज्वाइन कर लेने की वजह से एक महिला कामरेड को उनके पार्टी ऑफिस से धक्के मार के निकाल देने से लेकर पोलित ब्यूरो तक में मर्दवादी लोगों का बचाव करने तक कहाँ तक जायेगा यह गैंग? [यह पूरी जिम्मेदारी से बोल रहा हूँ. कविता कृष्णन गैंग और उसके मुख्य गुर्गे दिल्ली यूनिवर्सिटी के जहरीले प्रोफ़ेसर आशुतोष कुमार तक को मेरे ऊपर आपराधिक मानहानि के मुकदमे की चुनौती के साथ. कामरेड खुर्शीद का न्याय लेने के लिए मुझे कुछ भी गँवाना मंजूर है हत्यारों, बाकी तुमसे मुकदमा हो न पायेगा]
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारवादी अविनाश पांडेय ‘समर’ के फेसबुक वॉल से.
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Comments on “जेएनयू यौन शोषण कांड : कुछ तो है जो Kavita Krishnan गैंग छुपा रहा है…”
JNU is a hub of anti social or anti national elements.I had once an opportunity to go to this university and I found students in the age group of 35-45. It was amazing and so I tried to know how’s this.I was told that they are all admitted in some of the faculties just for the sake of getting a place to live in and they are all activists of left.This is high time GOI should look into it before situation escalates one day.