दैनिक भास्कर, कोटा के कई मीडियाकर्मी ने अवैध तरीके से खुद को नौकरी से हटाए जाने और मजीठिया वेज बोर्ड के तहत सेलरी-बकाया देने की लड़ाई लड़ रहे हैं. इन लोगों ने अलग अलग ग्रुप बनाकर केस दायर किया हुआ है.
पिछले दिनों दैनिक भास्कर, कोटा के कर्मचारी दिनेश शर्मा, गुमानी शंकर, हेमंत और सुनील मेहेंदले के मामले में फैसला आ गया. इसमें दैनिक भास्कर प्रबंधन की करारी हार हुई है. इससे पूर्व 3 साथी रामविशाल नागर, विष्णु बालोदिया व कुंज बिहारी के मामले में भी आए निर्णय में दैनिक भास्कर को पराजय का सामना करना पड़ा।
ताजा फैसले में जज ने हटाए जाने की अवधि से लेकर अब तक पचास फीसदी सेलरी देने और आगे से नौकरी कांटीन्यू करने का आदेश दैनिक भास्कर प्रबंधन को दिया है. इस आदेश का पालन दो महीने में करने को कहा गया है.
इस फैसले से दैनिक भास्कर तथा उनके वकील की ओर से असत्य व अन्याय की पैरवी किए जाने की बहुत बुरी हार हुई. कर्मचारियों के वकीलों का अनुभव और दूरदर्शिता का फायदा कर्मचारियों को मिला. सिद्ध हुआ कि सत्य और न्याय में देर है लेकिन अंधेर नहीं है.
कोटा से अब तक 7 लोगों का फैसला आ चुका हैं जिसमें भास्कर पराजित हुआ है. इन फैसलों से यह साफ है कि दैनिक भास्कर के अंदर बैठे चापलूस कर्मचारी सेठ जी की साख को तबीयत से बत्ती लगा रहे हैं.
देखें विष्णु बालोदिया मामले में आए आर्डर की कापी… नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें…
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कोटा से आलोक की रिपोर्ट.