Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

मीडिया भी उसकी अंगुलियों पर नाच रहा

यह ‘सुपर पंच’ है! ‘मैं हिंदुओं को मारने आया था… मुझे हिंदुओं को मारने में मजा आता है…!’ तमाम खबरों के माथे पर बैठे इस हेडिंग ने एक झटके में वह काम कर दिया, जो पिछले कई दिनों से लगातार कभी अचानक कलाम की मौत का संयोग तो उसके बरक्स सचेतन कभी याकूब को फांसी, कभी डीएनए तो कभी पोर्न जैसे शिगूफ़ों की कूथम-कुत्था नहीं कर पा रही थी…! अब ललित-गेट क्या था… व्यापमं का व्यापक घोटाला क्या था… जाति जनगणना का सवाल कहां गया… इन सब सवालों को गहरी नींद में सुला दिया जा चुका है…!

<p>यह 'सुपर पंच' है! 'मैं हिंदुओं को मारने आया था... मुझे हिंदुओं को मारने में मजा आता है...!' तमाम खबरों के माथे पर बैठे इस हेडिंग ने एक झटके में वह काम कर दिया, जो पिछले कई दिनों से लगातार कभी अचानक कलाम की मौत का संयोग तो उसके बरक्स सचेतन कभी याकूब को फांसी, कभी डीएनए तो कभी पोर्न जैसे शिगूफ़ों की कूथम-कुत्था नहीं कर पा रही थी...! अब ललित-गेट क्या था... व्यापमं का व्यापक घोटाला क्या था... जाति जनगणना का सवाल कहां गया... इन सब सवालों को गहरी नींद में सुला दिया जा चुका है...!</p>

यह ‘सुपर पंच’ है! ‘मैं हिंदुओं को मारने आया था… मुझे हिंदुओं को मारने में मजा आता है…!’ तमाम खबरों के माथे पर बैठे इस हेडिंग ने एक झटके में वह काम कर दिया, जो पिछले कई दिनों से लगातार कभी अचानक कलाम की मौत का संयोग तो उसके बरक्स सचेतन कभी याकूब को फांसी, कभी डीएनए तो कभी पोर्न जैसे शिगूफ़ों की कूथम-कुत्था नहीं कर पा रही थी…! अब ललित-गेट क्या था… व्यापमं का व्यापक घोटाला क्या था… जाति जनगणना का सवाल कहां गया… इन सब सवालों को गहरी नींद में सुला दिया जा चुका है…!

मुद्दों के शतरंज पर खेलना है तो आरएसएस-भाजपा के बरक्स जितनी भी ताकतें हैं, उन्हें अभी बहुत सीखना है! आरएसएस-भाजपा अपने विरोधियों को बच्चा समझ कर उनके साथ खेल रही है और उसके विरोधियों के साथ मीडिया भी उसकी अंगुलियों पर नाच रहा है!

Advertisement. Scroll to continue reading.

कोई उपाय नहीं है। आप कह के देखिए कि इस कथित पकड़े गए आतंकवादी ने जो बयान दिया है, वह शक करने लायक है… वह दोनों में से किसी भी पक्ष की ओर से प्लांटेड हो सकता है…, आपको सीधे-सीधे ‘हिंदू विरोधी’ घोषित किया जाएगा और अगर आप कथित मुख्यधारा की राजनीति से परहेज नहीं करते तो आप अपना मुंह बचाते फिरेंगे। कर लीजिए सामना इस आरोप का कि ‘आप हिंदू विरोधी’ हैं। कोई भी प्रशिक्षित ‘मुसलमान’ आतंकवादी इतना अधकचरा नहीं होगा कि वह पकड़े जाने के बाद यह कहेगा कि ‘मुझे हिंदुओं को मारने में मजा आता है…!’ अगर उसने ऐसा अपनी मर्जी से कहा है तो दो ही बातें होंगी- पहली, कि बेशक उसका दिमाग थोड़ा गड़बड़ होगा! अगर नहीं तो दूसरी कि यह सबूत है कि धार्मिकता के हथियार से किस हद तक दिमाग को नफरत और जहर से भर दिया जा सकता है। 

इस बयान के वीडियो में पीछे की साजिशों को अगर छोड़ भी दें तो राष्ट्रवाद की बेमानी दीवानगी के बरक्स यह धर्म के जहर से तैयार हुआ दिमाग है, जो खुद को गुलाम बनाने वालों के इशारों पर नाचते हुए एक गलीज मौत मरने को तैयार होकर कहता है कि ‘मुझे हिंदुओं को मारने में मजा आता है!’

Advertisement. Scroll to continue reading.

असल में यह मुद्दों के शतरंज पर उन बाकी तमाम मुद्दों से ध्यान भटकाने की चाल है, जो फिलहाल कामयाब हुई है। अब देखना यह है कि इसका जोर धीमा पड़ते ही अगला कौन-सा मुद्दा हवा में उछाले जाने को तैयार रखा गया है। लेकिन एक बात तय है कि मुद्दों के मैदान में पेवेलियन में बैठा ‘सट्टेबाज’ अपने राज के मुद्दे फेंकता है और मैदान में मौजूद खिलाड़ी उसी मुद्दे को फुटबॉल की तरह खेलने लगते हैं। वह सट्टेबाज बस थोड़े अंतराल पर सीटी बजाता रहता है।

अरविंद शेष के एफबी वाल से

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement