जी न्यूज करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा है

Sheel Shukla : ज़ी न्यूज़ से एक सवाल… आपको को कैसा लग रहा है जब आप अपनी बेइज्जती खुद ही कर रहे हैं? आजकल ज़ी न्यूज़ पर राम मंदिर निर्माण के सन्दर्भ में एक कार्यक्रम चल रहा है “ग्रेट डिबेट शो”. इसमें आम जनता के साथ कुछ राम मंदिर समर्थित राजनेता एवं कुछ राम मंदिर विरोधी राजनेता के साथ साथ प्रतीकात्मक तौर कोई व्यक्ति श्री रामचंद्र भगवान कोई सीता तो कोई हनुमान बनकर बैठा है। करोड़ों लोगो की श्रद्धा के ये भगवन बोलते भी हैं।

हिंदू धर्म में सम्मान नहीं मिला तो बन गए बौद्ध… देखें वीडियो….

कपिल वस्तु घूम आया. वहां बौद्ध स्तूप के सामने बैठे भिक्छुओं ने साफ-साफ कहा कि वे हिंदू धर्म इसलिए छोड़ दिए क्योंकि वहां उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा था. इनकी बातें आंखें खोलने वाली हैं.  देखें वीडियो….

हिंदू राजाओं पर विजय के प्रतीक के रूप में निर्मित है कुतुब मीनार! (देखें वीडियो)

कुतुब मीनार भारत में दक्षिण दिल्ली शहर के महरौली में स्थित है. यह ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊंची मीनार है. इसकी ऊँचाई 72.5 मीटर (237.86 फीट) और व्यास 14.3 मीटर है जो ऊपर जाकर शिखर पर 2.75 मीटर (9.02 फीट) हो जाता है. इसमें 379 सीढियां हैं. कहा जाता है कि दिल्‍ली के अंतिम हिन्‍दू शासक की हार के तत्‍काल बाद 1193 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने कुतुब मीनार को बनवाया. कुतुब मीनार पुरातन दिल्ली शहर, ढिल्लिका के प्राचीन किले लालकोट के अवशेषों पर बनी है. ढिल्लिका अन्तिम हिन्दू राजाओं तोमर और चौहान की राजधानी थी.

हिन्दू और मुसलमान दोनों पानीपत की तीसरी लड़ाई के घाव आज तक सहला रहे हैं

किसी व्यक्ति परिवार या समाज में कुछ घटनाएं ऐसी हो जाती हैं कि वे सब कई पीढियों तक उस घटना से प्रभावित होते रहते हैं। ये प्रभाव अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी। ऐसी ही एक घटना है सन १७६१ में हुई पानीपत की तीसरी लड़ाई। इस लड़ाई के बारे में जानने से …

यूपी की चुनावी तैयारियों का हिस्सा न बन जायें isis के हरामखोर!

ये तो नही पता कि isis के लोगों का धर्म क्या है… किसी को तो छोड़ दो isis के हरामखोरों…

हाँलाकि उनके संगठन के नाम में ‘इस्लाम’ नाम का शब्द जुड़ा है, जैसा कि मथुरा के कंस रामवृक्ष ने नेता जी सुभाषचंद्र बोस जी की आजाद हिन्द फौज के नाम से दहशतगर्दो का कुनबा तैयार करने की गुस्ताखी की थी। पर हाँ इस बात में कोई दो राय नही है कि इन्सानियत के दुश्मन इन वहशी दरिन्दों ने अब तक सबसे ज्यादा नुकसान मुसलमानों को ही पहुँचाया है। आकड़े बताते है कि इन हरामखोरों (Isis) ने  ईसाइयों, यहूदियो, कुर्दों, यजीदियों इत्यादि से ज्यादा जान-माल का नुकसान मुसलमानों को ही पहुँचाया है। यही नहीं, मुसलमानो के धार्मिक स्थल (मुख्य तीर्थ स्थल भी) तोड़ना isis का मुख्य लक्ष्य है।

किसी हिंदू की मौत पर ‘RIP’ लिखना गलत, जानिए क्या कहा जाना चाहिए

Sarjana Sharama : What is Rest in Peace ( ‪#‎RIP‬) ये “रिप-रिप-रिप-रिप” क्या है? आजकल देखने में आया है कि किसी मृतात्मा के प्रति RIP लिखने का “फैशन” चल पड़ा है, ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि कान्वेंटी दुष्प्रचार तथा विदेशियों की नकल के कारण हमारे युवाओं को धर्म की मूल अवधारणाएँ या तो पता ही नहीं हैं, अथवा विकृत हो चुकी हैं… RIP शब्द का अर्थ होता है “Rest in Peace” (शान्ति से आराम करो), यह शब्द उनके लिए उपयोग किया जाता है जिन्हें कब्र में दफनाया गया हो, क्योंकि ईसाई अथवा मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार जब कभी “जजमेंट डे” अथवा “क़यामत का दिन” आएगा, उस दिन कब्र में पड़े ये सभी मुर्दे पुनर्जीवित हो जाएँगे…

आजतक में कार्यरत शम्स ताहिर खान, रेहान अब्बास, मुहम्मद अनस जुबैर और शादाब मुज्तबा की फेसबुक पर क्यों हो रही है तारीफ, आप भी पढ़िए

Vikas Mishra : मेरे दफ्तर में शम्स ताहिर खान, रेहान अब्बास, मुहम्मद अनस जुबैर, शादाब मुज्तबा हैं, उच्च पदों पर हैं ये लोग, बेहद जहीन। जानते हैं कि इनमें एक समानता क्या है, इन सभी की एक ही संतान है और वो भी बेटी। वजह क्या है, वजह है इनकी तालीम, इनकी शिक्षा। क्योंकि इन्हें पता है कि जिस संतान के दुनिया में आने के ये जरिया बने हैं, उसके पालन-पोषण में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। इन्हें नहीं रटाना है कम संतान-सुखी इंसान।

पैगम्बर के घर पर बुलडोजर क्यों चला?

अभी हाल में सऊदी अरब का दौरा करके लौटे हैं। सुना है उन्होंने अरब के बादशाह सलमान बिन अब्दुल अजीज को एक गजब का तोहफा दिया। वह केरल में दुनिया में अरब के बाहर बनी दुनिया की पहली मस्जिद की प्रतिकृति थी। इस मस्जिद को केरल के एक हिंदू राजा ने मुहम्मद साहेब के जीवनकाल में ही 629 ईसवी में बनवाया था। 14वीं सदी में मशहूर यात्री इब्नाबतूता वहां गया था और उसने लिखा कि मुसलमान वहां कितने सम्मानित हैं।

द हिंदू के संपादक पद से मालिनी पार्थसारिथी का इस्तीफा, सुरेश नंबठ को अंतरिम प्रभार

इस प्रकरण के बारे में द हिंदू अखबार में छपी खबर इस प्रकार है>

Resignation of Editor & interim arrangements in place

Malini Parthasarathy has resigned as Editor of The Hindu with immediate effect. Suresh Nambath, National Editor, The Hindu, has been entrusted with the responsibility of managing the news and editorial operations of The Hindu until a new Editor is appointed.

धार्मिक जनगणना के डाटा पर टीओआई और द हिंदू के इन शीर्षकों को गौर से पढ़िए

See how two of India’s leading newspapers have today reported the same data (of the latest Census)

Nadim S. Akhter : इसे देखिए, पढ़िए और समझिए. देश के दो प्रतिष्ठित अखबारों निष्ठा. किसकी निष्ठा पत्रकारिता के साथ है और किसकी चमचई में घुली जा रही है, खबर की हेडिंग पढ़ के समझा जा सकता है. मैंने कल ही फेसबुक की अपनी पोस्ट में लिखा था कि अलग-अलग चम्पादक, माफ कीजिए सम्पादक धार्मिक जनगणना के इस डाटा का अपने अपने हिसाब से इंटरप्रिटेशन करेंगे. आज फेसबुक पर एक ही खबर के दो एंगल, बिलकुल जुदा एंगल तैरता हुआ देखा तो आपसे साझा कर रहा हूं.

मीडिया भी उसकी अंगुलियों पर नाच रहा

यह ‘सुपर पंच’ है! ‘मैं हिंदुओं को मारने आया था… मुझे हिंदुओं को मारने में मजा आता है…!’ तमाम खबरों के माथे पर बैठे इस हेडिंग ने एक झटके में वह काम कर दिया, जो पिछले कई दिनों से लगातार कभी अचानक कलाम की मौत का संयोग तो उसके बरक्स सचेतन कभी याकूब को फांसी, कभी डीएनए तो कभी पोर्न जैसे शिगूफ़ों की कूथम-कुत्था नहीं कर पा रही थी…! अब ललित-गेट क्या था… व्यापमं का व्यापक घोटाला क्या था… जाति जनगणना का सवाल कहां गया… इन सब सवालों को गहरी नींद में सुला दिया जा चुका है…!

शामली में बजरंगदल के गुंड़ों द्वारा मुस्लिम युवक की पिटाई!

लखनऊ । रिहाई मचं ने जिला शामली में रियाज नाम के नौजवान को बजरंगदल के गुंडों द्वारा गोकशी के फर्जी आरोप में पुलिस की मौजूदगी में दो घंटे तक पूरे शहर में घुमा-घुमाकर बेल्ट, लात-घूंसों से पीटने को पूरे शहर को फिर से सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंकने की ताजा कोशिश बताया है। वहीं मुजफ्फरनगर में शहर कोतवाली बड़कली में गोविंद नाम के दलित युवक को पीटने, मुंह में पेशाब पिलाने और हाथों में कील ठोकने की घटना को सरकार की संरक्षण में सामंती उत्पीड़न बताया है।

औवेसी बंधुओं की एमआईएम ने यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी फायदा पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी!

Saleem Akhter Siddiqui :  औवेसी बंधुओं की एमआईएम उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है। इस सिलसिले में उसके जिला स्तरीय नेता जगह-जगह सभाएं कर रहे हैं। कल ऐसी ही एक सभा में जाने का इत्तेफाक हुआ। वक्ताओं की उम्र 20 से 25 साल के बीच थी। उनका अंदाज-बयां सुनकर तोगड़ियाओं, साध्वियों, साक्षियों और भागवतों की याद आ गई।

उमेश उपाध्याय कल तक पर्दे के पीछे से रोल निभा रहे थे, अब सामने आ गए हैं

S.a. Naqvi : सीएनएन-आइबीएन नेटवर्क 18 के प्रेसिडेंट उमेश उपाध्‍याय तो शायद दिल्ली भजपा के प्रदेश अद्यक्ष सतीश उपाध्याय के भाई और मुकेश अम्बानी के मुलाज़िम हैं. कभी खबरदार करने वाले आईबीएन की चाल ही अब बदल गई है. उमेश कल तक पर्दे के पीछे से अपना किरदार अदा कर रहे थे, आज सामने आये तो चौंकने वाली बात नहीं. वंदना शिवा का इस मंच पर पहुंचना भी नहीं चौंकाता. एक पुरानी देसी कहावत है “कुछ लोगों के फितरत होती है जहाँ देखा तवा-परात वहीं गुज़ारी सारी रात” यानी सेल्फ स्टाइल्ड स्वम्भू मौका परस्त कभी भी और कहीं भी दिख सकते हैं. उनकी उपस्थति कभी चौंकाती नहीं.

विश्‍व हिंदू कांग्रेस के कुछ माननीय वक्‍ताओं में अंबानी के पत्रकार उमेश उपाध्याय भी!

Abhishek Srivastava :  आपने आखिरी वक्‍त में मुसलमां होना सुना होगा। अब पहली ही घड़ी में हिंदू होने वालों को भी देख लें। इसरो के पूर्व अध्‍यक्ष माधवन नायर, सीबीएसई के चेयरमैन विनीत जोशी, सीएनएन-आइबीएन नेटवर्क 18 के प्रेसिडेंट उमेश उपाध्‍याय, फिल्‍मकार प्रियदर्शन, स्पिक-मैके के संस्‍थापक किरन सेठ, पर्यावरणविद् वंदना शिवा, अर्थशास्‍त्री बिबेक देबरॉय और सुरजीत भल्‍ला समेत आइआइटी और आइआइएम के प्रेोफेसरों की लंबी कतार है जिन्‍होंने अपने ‘हिंदू’ होने की घोषणा कर दी है, जबकि ”हिंदू राष्‍ट्र” का दबाव अभी इतना नहीं है। ये तमाम लोग परसों संपन्‍न हुई तीन दिवसीय विश्‍व हिंदू कांग्रेस में वक्‍ता रहे।

मोदी की तरह मुलायम ने भी मुस्लिम विहीन गांव गोद लिया!

लखनऊ : मुलायम सिहं यादव द्वारा आजमगढ़ के मुस्लिम आबादी विहीन तमौली गांव को गोद लिए जाने पर रिहाई मंच ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुलायम सिंह भी मोदी की राह पर चल रहे है। मंच ने आरोप लगाते हुए कहा कि आरएसएस के सर्वे के आधार पर मोदी ने जिस तरह से वाराणसी के मुस्लिम आबादी विहीन जयापुर गांव को गोद लिया ठीक उसी सर्वे पर मुलायम ने भी मुस्लिम विहीन आबादी वाले गांव को ही चुना।

क्या हिंदू ब्राह्मणों ने भी कर्बला की लड़ाई में हिस्सा लिया था ?

हिंदुस्तान के सभी धर्मों में हज़रत इमाम हुसैन से अकीदत और प्यार की परंपरा रही है. घटना कर्बला के महान त्रासदी ने उदारवादी मानव समाज हर दौर में प्रभावित किया है. यही कारण है कि भारतीय समाज में शहीद मानवता हज़रत इमाम हुसैन की याद न केवल मुस्लिम समाज में रही है बल्कि ग़ैर मुस्लिम समाज में मानवता के उस महान नेता की स्मृति बड़ी श्रद्धा के साथ मनाई जाती है. भारतीय सभ्यता जिसने हमेशा मज़लूमों का साथ दिया है घटना कर्बला के महान त्रासदी से प्रभावित हुए बगैर ना रह सकी. भारतीय इज़ादारी एक व्यक्तिगत स्थिति रखता है, जो सांस्कृतिक परंपरा न केवल मुसलमानों में स्थापित है बल्कि हिन्दो हज़रात भी इसमें भाग लेते हैं. भारतीय पूर्व राजवाड़ों में हिन्दो हज़रात यहाँ इमाम हुसैन से अकीदत की ऐतिहासिक परंपरा मिलती हैं जिसमें राजस्थान, ग्वालियर “मध्य प्रदेश”, बंगाल मुख्य है.

कुछ ईसाइयों ने कुछ कुत्सित हिंदुओं के साथ मिल कर दुर्गा को ‘वेश्या’ साबित करने की कोशिश की है

( File Photo Samarendra Singh )

Samarendra Singh : इन दिनों मेरे पास कुछ ई-मेल आ रहे हैं महिसासुर के बलिदान को लेकर। यह किसी दंगाई की सोच रही होगी जिसे लगता होगा कि वह इतिहास दुरुस्त कर देगा। ठीक वैसे ही जैसे कुछ लोग अयोध्या में इतिहास दुरुस्त करना चाहते हैं। अरे भई अब तक कोई ऐसा क्रांतिकारी पैदा ही नहीं हुआ जो अतीत को करेक्ट कर सके। फिर यह तो अतीत भी नहीं … अतीत का एक धार्मिक मिथक है। मैं इस दंगाई सोच का विरोध करता हूं और उन तमाम क्रांतिकारियों से अपील करता हूं कि मुझे ई-मेल नहीं भेजा करें। मुझे शांति से जीने दें। इस ई-मेल में संविधान का हवाला दिया गया है। तो क्या संविधान यह इजाजत देता है कि कोई मूर्ख किसी के भगवान या खुदा का अपमान करे? क्या यह अधिकार मुझे है कि किसी दिन मैं किसी भी धर्म के नायक को अपराधी करार देते हुए उसके विरोधियों को खुदा घोषित कर दूं?