मुंबई से अपने गाँव ओटिया, थाना शिवरतनगंज, जनपद अमेठी आये नफीस खान से आम का एक हरा पेड़ कटता नहीं देखा गया. उन्होंने 02 अक्टूबर 12 बजे एएसपी अमेठी मुन्ना लाल के सीयूजी नंबर 1977 पर इसकी सूचना दी और कोई कार्यवाही नहीं होने पर 03 तारीख को सुबह 10 बजे फिर से बताया. करीब 1.30 बजे पुलिस चौकी इन्होना, थाना शिवरतनगंज की पुलिस आई और ठेकेदार ताज मोहम्मद उर्फ़ तजऊ को पकड़ कर ले गयी. तजऊ चौकी इंचार्ज महेश चंद्रा को 15,000 रुपये दे कर छूटा और उसने पुलिस द्वारा बताये नफीस के फोन पर उसे भला-बुरा कहा.
नफीस ने एसपी अमेठी हीरा लाल को उनके सीयूजी मोबाइल नंबर 0427 पर लगभग 3.00 बजे पूरी बात बतायी तो एसपी ने कहा कि आप ये सब बात मुझे क्यों बता रहे हैं, ये बात भी आप एएसपी को ही बता देते. साथ ही यह भी कहा कि इस सब से आपको क्या मिलता है. इसके बाद अत्यंत मायूसी की दशा में नफीस ने मुझे फोन कर पूरी बात बतायी और मौके के फोटो भेजे. नफीस ने मेरी ठेकेदार तजऊ से भी बात कराई जिसने बताया कि उसने पेड़ काटने के पहले 2,000 चौकी इंचार्ज महेश चंद्रा को दिया था पर शिकायत पहुँचते ही उसने रेट बढ़ा कर 50,000 कर दिया और अंत में 15 हज़ार रुपये में बात बनी.
मैंने 04 सितम्बर को आईजी ज़ोन लखनऊ सुभाष चंद्रा को फोन पर पूरी बात बताते हुए उन्हें लिखित शिकायत भेजी है. उन्होंने घटना पर आक्रोश जताते हुए कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया. मैंने मामले की शिकायत डीजीपी यूपी से भी की. मैंने मौके पर जा कर मामले की खुद पड़ताल की. नफीस और ठेकेदार खुलेआम पूरी बात बता रहे हैं. करीबी पंद्रह दिन पहले दोनों के बयान भी एएसपी अमेठी ने ले लिए हेइँ. अभी तक कार्यवाही नहीं हुई है. लेकिन बयान देने के दिन से आज तक ठेकेदार तजऊ और नफीस पर भारी पुलिसिया दवाब बनाया गया है. नफीस तो मुंबई चले गए हैं, इस गरीब ठेकेदार को इलाके के तमाम दबंगों के रोजाना धमकी मिल रही है कि ये अपना बयान बदल लें. ठेकेदार अब घर में नहीं रह पा रहे हैं, भागे-भागे फिर रहे हैं. इनकी और नफीस की गलती मात्र यह है कि इन्होने अपनी आवाज़ उठायी. आज बहुत परेशान हो कर तजऊ मेरे पास लखनऊ आये और मैंने इन्हें आईजी लोक शिकायत अशोक मुथा जैन के सामने ले जा कर प्रस्तुत किया है. मैं चाहता हूँ कि इस मामले में सभी जिम्मेदार दोषियों को उनके आपराधिक तथा/अथवा प्रशासनिक दुष्कृत्यों के लिए दण्डित किया जाये ताकि इस कार्यवाही का एक सही सन्देश समाज में जाए.
सेवा में,
आईजी लोक शिकायत,
पुलिस महानिदेशक कार्यालय,
उत्तर प्रदेश,
लखनऊ
विषय- शिकायतकर्ता के जान के लाले पड़ने की शिकायत
महोदय,
कृपया इस कार्यालय को दिए मेरे पत्र संख्या- AT/Comp/01/14 दिनांक 11/10/2014 तथा इससे पूर्व श्री सुभाष चंद्रा, आईजी ज़ोन, लखनऊ को दिए पत्र दिनांक 04/10/2014 के परिप्रेक्ष्य में इस मामले के गवाह श्री ताज मोहम्मद के साथ पुलिस द्वारा की जा रही ज्यादती के तथ्य सहित उन्हें ले कर आपके पास इस निवेदन से उपस्थित हो रहा हूँ कि कृपया इस स्थिति को तत्काल रोके जाने और मामले में कठोर कार्यवाही किये जाने के निर्देश निर्गत करने, प्रकरण में पूर्ण न्याय करने और समस्त दोषियों को आपराधिक तथा/अथवा प्रशासनिक दुष्कृत्यों के लिए दण्डित कराये जाने की कृपा करे.
पत्रांक संख्या- AT/Comp/01/14
दिनांक – 30/10/2014
(अमिताभ ठाकुर)
5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ
# 94155-34526
संलग्नक-
1. डीजीपी, यूपी और आईजी ज़ोन, लखनऊ को प्रेषित शिकायत की छायाप्रति
2. श्री ताज मोहम्मद का मेरे सामने दिया बयान
सेवा में,
श्री ए एल बैनर्जी,
पुलिस महानिदेशक,
उत्तर प्रदेश,
लखनऊ
विषय- एसपी और एएसपी, अमेठी को हरा पेड़ कटने की सूचना देने के बाद भी कार्यवाही नहीं होने विषयक
महोदय,
कृपया निवेदन है कि दिनांक 03/10/2014 रात्रि करीब 8.52 बजे मेरे मोबाइल नंबर 094155-34526 पर मोबाइल नंबर 096281-10502 से श्री नफीस खान पुत्र श्री अज़ीम निवासी ग्राम ओटिया पुलिस चौकी इन्होना, थाना शिवरतनगंज, जनपद अमेठी का फोन आया जिन्होंने मुझे दिनांक 02/10/2014 को उनके गाँव और बगल के गाँव शेखनगाँव के बीच में ईदगाह पर एक पुराने बड़े हरा पेड़ कटने के बारे में दिनांक 02/10/2014 को समय लगभग 12-12.30 बजे तथा 03/10/2014 को सुबह लगभग 10 बजे पर एएसपी अमेठी के सीयूजी नंबर 1977 पर फोन कर सूचना देने के बाद पुलिस चौकी इन्होना द्वारा ठेकेदार श्री ताज मोहम्मद उर्फ़ तजऊ पुत्र श्री इन्साद निवासी ग्राम पुरे नवाज़पूर को पकड़ कर ले जाने और 15,000 रुपये ले कर छोड़ देने के बारे में बताया. श्री नफीस ने एसपी अमेठी को उनके सीयूजी मोबाइल नंबर 0427 पर लगभग 3.00 बजे फोन करने पर एसपी द्वारा उनकी बात बड़े ही अनमने ढंग से सुनने और सुनने के बाद झिड़कने के बारे में भी बताया.
श्री नफीस ने अगले दिन मुझे व्हाट्सएप पर मौके की कुछ तस्वीरें सबूत के तौर पर भेजीं. उन्होंने मुझे ठेकेदार श्री तजऊ (मोबाइल नंबर 096708-88713) से भी बात कराई जिन्होंने मुझे बताया कि एएसपी को सूचना देने के बाद चौकी इंचार्ज इन्होना ने तजऊ से 50,000 रुपये मांगे, जो बातचीत में 20,000, फिर 18 हज़ार, 16 हज़ार से होते हुए अंत में सौदा 15 हज़ार रुपये में पक्का हुआ. इस तरह एएसपी से शिकायत करने पर दो हज़ार का घूस 15,000 रुपये पर पहुँच गया.
मैंने इन सभी तथ्यों से श्री सुभाष चंद्रा, आईजी ज़ोन, लखनऊ को उनके सीयूजी नंबर पर बताया और फिर अपने पत्रांक संख्या- AT/Comp/01/14 दिनांक 04/10/2014 द्वारा विस्तार से अवगत कराया. श्री चंद्रा ने तत्काल कार्यवाही का आश्वासन भी दिया.
मैं दिनांक 05/10/2014 को स्वयं मौके पर गया था और मैंने मौके पर कटे पेड़ के फोटो लिए और तमाम लोगों से बात की. मैंने श्री नफीस और श्री तजऊ के अलावा श्री सग्गू (जिन्होंने श्री तजऊ की तरफ से चौकी इंचार्ज को पैसे दिए थे) से भी बात की. गांववालों ने यह भी बताया कि अमेठी में हरा पेड़ काटने का तय रेट दो हज़ार रुपये प्रति पिकअप और चार हज़ार रुपये ट्राली है, जो पेड़ कटने के पहले पहुँच जाना चाहिए. मेरे पास इन सभी बातों की वीडियो रिकॉर्डिंग है.
इसके बाद मैंने श्री चंद्रा से पुनः फोन पर बात की लेकिन मेरी जानकारी में अब तक इस मामले में उनके स्तर से कोई भी जांच आदेशित नहीं की गयी है. संभवतः इस प्रकरण की जांच एसपी अमेठी ने एएसपी अमेठी को सौंपी है. जाहिर है कि यह जांच प्रथमद्रष्टया ही दूषित कही जायेगी क्योंकि मैंने जो तथ्य आईजी ज़ोन, लखनऊ के सम्मुख रखे थे उसमे अन्य लोगों के अतिरिक्त एसपी, अमेठी की भूमिका की भी चर्चा है. ऐसे में यह जांच एएसपी द्वारा किया जाना किसी प्रकार से औचित्यपूर्ण नहीं जान पड़ता.
साथ ही यह भी बताना चाहूँगा कि मेरे मौके पर जाने के बाद चौकी इंचार्ज श्री महेश चंद्रा ने ठेकेदार श्री तजऊ के तेरह हज़ार रुपये श्री सग्गू के माध्यम से वापस कर दिए हैं. चौकी इंचार्ज ने ठेकेदार पर अपने बयान बदलने का भी दवाब दिया है और वे लगातार ठेकेदार को अपना बयान बदलने के दिए अलग-अलग प्रकार से दवाब बना रहे हैं. मेरे पास ठेकेदार और उनके प्रत्यक्षदर्शी साथी का वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है जिसमे ठेकेदार श्री तजऊ कह रहे हैं कि चौकी इंचार्ज ने तेरह हज़ार रुपये लौटा दिए और दो हज़ार इसीलिए नहीं लौटाए कि वह लकड़ी काटने का चौकी का अनधिकृत आधिकारिक रेट है.
श्री नफीस ने मुझसे लखनऊ में मिल कर बताया है कि मेरे वापस आने के बाद उन्हें एसपी अमेठी द्वारा कई प्रकार से धमकी दी गयी है, थानाध्यक्ष शिवरतनगंज को उनके क्राइम हिस्ट्री खंगालने के आदेश दिए गए हैं और श्री नफीस को बर्बाद कर देने की बातें कही गयी हैं.
निवेदन करूँगा कि उपरोक्त सभी बातें अत्यंत गंभीर हैं क्योंकि-
1. इसमें कोई शंका नहीं है कि एक हरा पेड़ कटा
2. इसमें कोई शंका नहीं कि मेरे आईजी ज़ोन को शिकायत किये जाने तक इस मामले की एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी
3. श्री नफीस कह रहे हैं और यह बात फोन रिकॉर्ड से आसानी से तस्दीक की जा सकती है कि उन्होंने एएसपी और एसपी को शिकायत की या नहीं
4. प्रथमद्रष्टया यह सही जान पड़ता है कि श्री नफीस ने पेड़ काटने की शिकायत की क्योंकि एएसपी को शिकायत होने के बाद ही चौकी की पुलिस ठेकेदार को चौकी ले गयी
5. ठेकेदार श्री तजऊ खुलेआम कह रहे हैं कि पेड़ काटने के पहले ही उन्होंने चौकी पर दो हज़ार रुपये जमा कर दिए थे
6. ठेकेदार श्री तजऊ खुलेआम कह रहे हैं कि एएसपी को शिकायत करने पर उन्हें चौकी पर ले जाने के बाद अर्थदंड (घूस) दो हज़ार रुपये से तुरंत पचास हज़ार हो गया जो अंत में पंद्रह हज़ार पर पक्का हुआ
7. ठेकेदार श्री तजऊ खुलेआम कह रहे हैं कि मेरे मौके पर जा कर जांच करने के बाद चौकी इंचार्ज ने तेरह हज़ार रुपये वापस कर दिए, दो हज़ार इसलिए नहीं वापस किये गए क्योंकि यह अवैधानिक सरकारी रेट है
8. मैंने इस मामले की दो बार फोन से और एक बार लिख कर आईजी ज़ोन, लखनऊ को शिकायत की है
9. यद्यपि शिकायत में एसपी अमेठी की भूमिका का भी उल्लेख है पर जांच संभवतः एएसपी अमेठी द्वारा की जा रही है
10. इस गंभीर शिकायत के अब एक सप्ताह बीत चुके हैं
इन स्थितियों में मेरे पास इस बात के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं दिखता कि अब मैं यह प्रकरण स्वयं आपके संज्ञान में लाऊं और आपसे यह निवेदन करूँ कि इस मामले की डीजीपी कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से उच्च-स्तरीय जांच करा कर इस प्रकरण में आवश्यक विधिक तथा प्रशासनिक कार्यवाही कराये जाने की कृपा करें. साथ ही यह भी निवेदन करूँगा कि श्री नफीस तथा ठेकेदार श्री ताज मोहम्मद उर्फ़ तजऊ की आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित कराये जाने की कृपा करें ताकि पुलिस अथवा किसी अन्य की ओर से उन्हें किसी भी प्रकार की कोई भी क्षति नहीं पहुंचे. पुनः निवेदन करूँगा कि इस मामले में मेरे पास अपनी कही गयी बातों के लिए फोटो तथा वीडियो के रूप में पर्याप्त साक्ष्य हैं जिन्हें मैं किसी भी जांच अधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत करने को निरंतर तत्पर रहूँगा.
पत्रांक संख्या- AT/Comp/01/14
दिनांक – 11/10/2014
(अमिताभ ठाकुर)
5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ
# 94155-34526
संलग्नक- आईजी ज़ोन, लखनऊ को प्रेषित शिकायत की छायाप्रति
सेवा में,
श्री सुभाष चंद्रा,
पुलिस महानिरीक्षक,
लखनऊ ज़ोन,
लखनऊ
विषय- एसपी और एएसपी, अमेठी को हरा पेड़ कटने की सूचना देने के बाद भी कार्यवाही नहीं होने विषयक
महोदय,
कल (03/10/2014) रात्रि करीब 8.52 बजे मेरे मोबाइल नंबर 094155-34526 पर मोबाइल नंबर 096281-10502 से एक फोन आया जिनसे मेरी करीब 25 मिनट तक बात हुई. वे काफी घबराये और परेशान से जान पड़ते थे और उन महोदय ने शुरुआत इस बात से की कि वे बहुत ही दुखी और डिस्टर्ब हैं और चूँकि उन्होंने मेरे बारे में अच्छा सुन रखा है, मेरे कार्यों से परिचित हैं और उनके मित्र यूपी के पूर्व आईपीएस अफसर श्री किरण जाधव मेरी काफी प्रशंसा करते हैं अतः वे इस कष्ट की घडी में मुझसे अपनी बात कहना चाहते हैं.
मेरी सहमति प्राप्त होने पर उन्होंने बताया कि वे ग्राम ओटिया, थाना शिवरतनगंज, जनपद अमेठी के रहने वाले हैं. वे आम तौर पर मुंबई में रहते हैं और वर्तमान समय में अपने गाँव आये हुए हैं. दिनांक 02/10/2014 को उन्होंने अपने गाँव और बगल के गाँव शेखनगाँव के बीच में ईदगाह पर एक पुराने और बड़े आम का हरा पेड़ कटते हुए देखा. सुबह पेड़ कटना शुरू हुआ. स्वयं को सामाजिक रूप से जागरूक और जिम्मेदार आदमी समझने के कारण उन्होंने इसे अपना कर्तव्य समझा कि वे इस तरह नाजायज़ तरीके से हरे आम का पेड़ कटने की सूचना पुलिस को दें. उन्होंने दिनांक 02/10/2014 को समय लगभग 12-12.30 बजे एएसपी अमेठी के सीयूजी नंबर 1977 पर फोन कर इस मामले की सूचना दी. एएसपी ने इस सूचना पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया लेकिन इसके बाद भी दिनांक 02/10/2014 को मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई और पेड़ पूर्ववत कटता रहा. जब अगले दिन भी पेड़ इसी तरह कटता रहा तो उन्होंने दिनांक 03/10/2014 को सुबह लगभग 10 बजे एएसपी, अमेठी को पुनः फोन कर बताया. इसके बाद करीब 1.30 बजे पुलिस चौकी इन्होना, थाना शिवरतनगंज की पुलिस आई और मौके पर पेड़ कटवा रहे ठेकेदार को करीब दो बजे दिन में अपने साथ पकड़ कर पुलिस चौकी ले गयी.
फिर करीब 3.00 बजे उन्हें उस ठेकेदार का फोन आया जो उनसे काफी नाराज़ था. उसने पूछा कि उनकी ठेकेदार से क्या दुश्मनी थी जो इस प्रकार उसकी शिकायत पुलिस से की. ठेकेदार ने बताया कि उसे पुलिस ने 15,000 रुपये ले कर छोड़ दिया और कहा कि सिर्फ उनके चक्कर में 15,000 का नुकसान हो गया. ठेकेदार ने कहा कि यह सब करने से उनका क्या फायदा हुआ? ठेकेदार ने उन्हें भविष्य में देख लेने की धमकी भी थी. जब उन्होंने ठेकेदार से पूछा कि उनका नाम और फोन नंबर उसे कैसे ज्ञात हुआ तो ठेकेदार ने बताया कि चौकी के ही एक सिपाही ने उन्हें यह सब बताया था.
वे सज्जन इन बातों से काफी आहत हुए कि एक तो पुलिस ने मामले में कोई कार्यवाही नहीं की, ऊपर से उनका नाम भी सामने रख दिया जिसके कारण उनकी नाहक ठेकेदार से दुश्मनी हो गयी है. उन्हें इस बात का भी बेहद मलाल था कि उनके साथ यह सब एएसपी जैसे सीनियर पुलिस अफसर को सूचना देने के बाद हो रहा था.
इसी मनःस्थिति में उन्होंने एसपी अमेठी को उनके सीयूजी मोबाइल नंबर 0427 पर लगभग 3.00 बजे फोन किया और उन्होंने तब तक की पूरी बात बतायी. लेकिन उन्हें बेहद कष्ट तब हुआ जब एसपी ने उनकी बात बड़े ही अनमने ढंग से सुनी और सब कुछ सुनने के बाद कहा कि आप ये सब बात मुझे क्यों बता रहे हैं, ये बात भी आप एएसपी को ही बता देते. साथ ही यह भी कहा कि इस सब से आपको क्या मिलता है. एसपी द्वारा इस तरह की बात सुन कर वे एकदम से मायूस और डिस्टर्ब हो गए. उन्होंने कहा कि मुझसे गलती हो गयी और फोन काट दिया.
उनके अनुसार उन्होंने सपने में नहीं सोचा था कि इस प्रकार की सूचना एसपी और एएसपी जैसे सीनियर अफसरों को देने के बाद उन्हें ऐसी प्रतिक्रिया मिलेगी और उनके साथ इस प्रकार की स्थितियां आएँगी जिसमे एक तो कोई कार्यवाही नहीं होगी, पैसे ले कर हरा पेड़ काटने वाला ठेकेदार छोड़ दिया जायेगा, ठेकेदार से दुश्मनी हो जायेगी और जिले का एसपी ऊपर से यह कहेगा कि आपको इस तरह के काम से क्या मिलता है.
फिर उन्होंने देखा कि शाम लगभग 6.00 बजे उस जगह दो ट्रेक्टर लगे थे और लकड़ी लोड हो रही थी. तब से वे अत्यंत आहत थे और परेशान भी लेकिन उनकी हिम्मत दुबारा एसपी से बात करने की नहीं हुई. उन्होंने रात में बड़ी हिम्मत करके मुझे फोन किया और पूरी बात बतायी.
मैंने उनसे कहा कि मैं इस मामले को सीनियर अफसरों तक ले जाऊँगा तो क्या वे सामने आना चाहेंगे. पहले वे हिचके क्योंकि उन्हें यह डर था कि इससे ठेकेदार के साथ तमाम पुलिसवालों से भी दुश्मनी हो जायेगी पर मैंने अपने स्तर पर उनका हौसला बढ़ाया. मेरे थोडा सा कहने पर ही वे तैयार हो गए. उन्होंने अपना नाम श्री नफीस खान पुत्र श्री अज़ीम निवासी ग्राम ओटिया थाना शिवरतनगंज बताया और कहा कि वे अब हर स्तर पर अपनी बात कहने को तैयार हैं.
आज सुबह मैंने लगभग 08.15 पर उनसे दुबारा बात की और कहा कि वे मुझे मौके की कुछ तस्वीरें सबूत के तौर पर भेजें जो उन्होंने व्हाट्सएप के जरिये भेजी हैं.
व्हाट्सअप पर फोटो भेजने के बाद जब श्री नफीस खान ने मुझसे आज समय 10.52 पर 4 मिनट तथा समय 11.31 पर 5 मिनट बात किया तो उन्होंने अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारियां बतायीं. उन्होंने बताया कि पेड़ काटने वाले ठेकेदार आज फिर उनके गाँव आये थे और पहले उन्होंने श्री नफीस के प्रति नाराजगी दिखाई थी लेकिन जब गांववाले श्री नफीस की तरफ खड़े हो गए तो ठेकेदार शांत हुए. बाद में ठेकेदार और श्री नफीस में बातचीत हुई जिसमे ठेकेदार ने उन्हें बताया कि उन्होंने पेड़ काटने के पहले ही पुलिस चौकी जा कर चौकी इंचार्ज को दो हज़ार रुपये दे दिए थे लेकिन जब बाद में श्री नफीस ने एएसपी को शिकायत कर दी और पुलिसवाले ठेकेदार को पकड़ कर चौकी ले गए तो चौकी इंचार्ज ने यह कहते हुए कि अब ऊपर तक शिकायत हो गयी है, मुकदमे से बचत की एवज़ में 50,000 रुपये मांगने शुरू कर दिए. बातचीत पहले 20,000 रुपये तक पहुंची, फिर 18 हज़ार, 16 हज़ार से होते हुए अंत में सौदा 15 हज़ार रुपये में पक्का हुआ. इस तरह दो हज़ार के साथ ठेकेदार को 15,000 रुपये ऊपर से देने पड़े. इसके बाद चौकी इंचार्ज ने ठेकेदार को इस शर्त पर छोड़ा कि वे रातोंरात लकड़ी उठवा लेंगे. ठेकेदार की श्री नफीस की यही नाराजगी थी कि उन्होंने दो हज़ार के ऊपर 15,000 रुपये का दंड लगवा दिया.
श्री नफीस ने मुझे बताया कि ठेकेदार उनके सामने खड़े हैं और उन्होंने मुझसे फोन पर एक आदमी से बात कराया जो संभवतः ठेकेदार थे. मेरे पूछने पर उन्होंने अपना नाम श्री ताज मोहम्मद उर्फ़ तजऊ पुत्र श्री इन्साद निवासी ग्राम पुरे नवाज़पूर बताया. उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने मंगलवार को चौकी जा कर चौकी इंचार्ज को दो हज़ार रुपये दे दिए थे और चौकी इंचार्ज ने उन्हें पेड़ काटने की अनुमति दे दी थी लेकिन जब शिकायत हुई तो पुलिस ने रेट एकदम से बढ़ा कर 50,000 कर दिया जो 20, 18, 16 हज़ार से होते 15 हज़ार पर तय हुआ. श्री ताज ने अपना मोबाइल नंबर 096708-88713 बताया. उन्होंने बताया कि यह पेड़ किसी श्री शग्गु की थी जिनके घर में शादी थी और इसी मजबूरी में उन्हें अपना पेड़ बेचना पड़ रहा था. उन्होंने यह भी बताया कि वे लकड़ी का ही काम करते हैं.
मैंने श्री ताज मोहम्मद को आश्वस्त किया कि मैं पुलिस से उनका पूरा पैसा वापस कवराऊंगा जिस पर वे काफी संतुष्ट लगे.
यदि श्री नफीस और श्री ताज मोहम्मद की कही बातें सही हैं (जो उनकी आवाज़, भाव-भंगिमा और बातचीत के क्रम से मुझे व्यक्तिगत रूप से पूरी तरह सही लगती हैं) तो मुझे यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि यह प्रकरण कितना संगीन और गंभीर है. अतः मैं आपसे सादर निम्न तीन निवेदन कर रहा हूँ-
1. कृपया इस मामले की तत्काल अपने स्तर से उच्च-स्तरीय जांच करा कर इस प्रकरण में दोषी पाए गए जिम्मेदार पुलिस अफसर सहित सभी व्यक्तियों के विरुद्ध समस्त आवश्यक विधिक तथा प्रशासनिक कार्यवाही कराये जाने की कृपा करें
2. श्री नफीस से संपर्क करा कर उनकी आवश्यक सुरक्षा सुनिश्चित कराये जाने की कृपा करें ताकि ठेकेदार श्री ताज अथवा पुलिस की ओर से उन्हें किसी भी प्रकार की कोई भी क्षति नहीं पहुंचे
3. श्री ताज मोहम्मद उर्फ़ तजऊ से लिया गया 17 हज़ार रुपये (15+2 हज़ार) की धनराशि उन्हें वापस दिलवाए जाने की कृपा करें
भवदीय,
पत्रांक संख्या- AT/Comp/01/14
दिनांक – 04/10/2014
(अमिताभ ठाकुर)
5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ
# 94155-34526
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