छत्तीसगढ़ में पाठ्य पुस्तक निगम के घोटाले की जांच कछुआ गति से जारी है. नई सूचना ये है कि निगम के पूर्व महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनकी गिरफ्तारी तीस जून को आंध्र प्रदेश के गुंटूर से की गई है.
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उधर एक अन्य मामले में ईओडब्ल्यू भ्रष्टाचारी संपादक सुभाष मिश्रा का चार्जशीट कोर्ट में नहीं कर पा रही पेश… 13 साल पहले 2013 में ईओडब्ल्यू ने धोखाधड़ी समेत कई धाराओ में दर्ज किया था केस… सवाल है कि इन घपलेबाजों पर राज्य सरकार क्यों है मेहरबान!
छत्तीसगढ पाठ्य पुस्तक निगम के करोड़ों रुपए की हेराफेरी करने वाले अफसरों को ईओडब्ल्यू यानि आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो ने दबोचना शुरु कर दिया है. पर कुछ पर मेहरबानी जारी है.
पाठ्य पुस्तक निगम में भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन कर रायपुर और दुर्ग के दो मुद्रकों को बिना निविदाके ही मुद्रण कार्य देने और कई बार दरों में संशोधन, दस्तावेजों में हेरा-फेरी कर 4 करोड़ रुपये डकारने वाले आरोपी सुभाष मिश्रा समेत अन्य पर ईओडब्ल्यू के अफसर मेहरबान हैं. शासन से आरोपी सुभाष मिश्रा और संजय पिल्ले के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति 20 सितंबर 2021 को मिल चुकी है. 13 साल की विवेचना के पश्चात अभियोग पत्र तैयार कर लिया गया है, जिसे न्यायालय में प्रस्तुत किया जाना है. पर सब कुछ लटका दिया गया है ताकि आरोपी जेल जाने से बच सकें.
दरअसल सुभाष मिश्रा दैनिक आज की जनधारा और वीआईपी न्यूज चैनल फ्रेंचाइली का मालिक है. सरकारी अफसर रहा है और सरकार के अफसरों से तालमेल बैठाकर मामले को लटका देता है.
क्या है मामला
शिकायत के अनुसार छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम ने क्लास 3 और 4 के बच्चों के लिए एमजीएमएल कार्ड की छपाई का कार्य प्रबोध एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड गीता नगर जीई रोड रायपुर और छत्तीसगढ़ पैकेजर्स प्राइवेट लिमिटेड 4/1 नेहरू नगर को तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निर्देश पर तत्कालीन प्रबंध संचालक जेके मिंज, तत्कालिक महाप्रबंधक सुभाष मिश्रा, तत्कालीन राज्य संचालक राज्य शैक्षणिक संस्था एंव प्रशिक्षण परिषद रायपुर, तत्कालीन उप प्रबंधक मुद्रण विविध की मिलीभगत से दिया गया. लगभग 4 करोड रुपए का घोटाला हुआ था. इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू में की गई थी.
राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा उस समय अपराध क्रमांक 40/2013 धारा 420, 120 बी भारतीय दंड संहिता एवं धारा 13(1) डी, 13(2)भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अपराध दर्ज किया गया था. साल 2020 में विवेचना पूरी कर ली गई. लेकिन आरोप पत्र कोर्ट में पेश नही किया जा रहा है.
सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया
छत्तीसगढ़ लोक आयोग में भी इस प्रकरण की शिकायत दर्ज कराई गई थी. प्रकरण क्रमांक 275/2012 में माननीय प्रमुख लोकायुक्त जस्टिस पीपी शर्मा ने भी भ्रष्टाचार के आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश सचिव स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन को दिया था. आदेश दिनांक 29/03/ 2019 को पारित किया गया था. इसके बाद भी सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया.
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