वर्ष 2015 में टर्मिनेट किए गए लोगों की नोएडा लेबर कोर्ट में सुनवाई थी. कोर्ट में सहाराकर्मियों और उनके वकीलों ने सहारा प्रबंधन के वकीलों को पानी पिला दिया. कोर्ट में ही नारे लगने लगे. पढ़िए एक सहाराकर्मी द्वारा फेसबुक पर लिखी गई टिप्पणी….
Sumnesh Kumar Chaturvedi : “कहाँ से अनपढ़ लोगों को ले आते हैं, जो बिना तैयारी कोर्ट में आ जाते हैं।” दिनांक 24 / 09 / 2018 को लेबर कोर्ट नोएडा का नजारा देखने लायक़ था। मजीठिया मामले में पेश श्री सेबेसटिन साहब, श्री उमेश शर्मा जी तथा श्री संजय कुमार अपने सहारा कर्मचारियों के साथ उपस्थित थे।
दूसरी तरफ सहारा प्रबंधन के वकील न्यायिक मुद्दों के निर्धारण हेतु माननीय न्यायाधीश के समक्ष थे।
सहारा के वकील ने हर मुद्दे पर अदालत को गुमराह करने की पुरज़ोर कोशिश की। लेकिन उमेश शर्मा जी, सबेसटिन साहब और संजय के नपे तुले तर्क मजबूत व तार्किक थे। अतः सहारा प्रबंधन व उनके वकील अपनी शातिर चालबाजी में सफल नहीं हुए।
न्यायाधीश महोदय ने प्रबंधन के वकील के सभी तर्कों को सिरे से खारिज कर दिया। अंततोगत्वा न्यायाधीश महोदय ने Issue frame on basic point पर कार्यवाही पूरी की। साथ ही प्रबंधन के वकील के व्यवहार से क्षुब्ध हो कर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप लोग सहारा को तो बेवकूफ बना रहे हो, साथ ही आप लोगों का प्रयास होता है कि अदालत को भी गुमराह करते रहें, यह प्रक्रिया सही नहीं है।
अगली तारीख पर सहारा को अपने कारोबार की Yearly balance sheet लाने को कहा ताकि श्रेणी निर्धारण कर अगली कार्यवाही संपन्न हो।
सहारा मीडिया से जुड़े सुमनेश कुमार चतुर्वेदी की फेसबुक वॉल से.