सूरत एयरपोर्ट पर गुरुवार को स्पाइस जेट के विमान से भैंस टकराने के बाद से हवाईअड्डा परिसर में जांच टीम के साथ बैठकों और फील्ड सर्वे का दौर चल रहा है। तीसरे दिन एयरपोर्ट प्रशासन ने मीडिया पर सेंसर लगा दिया। हवाईअड्डा पहुंचे मीडियाकर्मियों को गेट पर ही रोक लिया गया। उधर, एरियल सर्वे से एअरपोर्ट परिसर में घुसे जानवरों को तलाशने की कवायद दूसरे दिन भी जारी रही। हालांकि रविवार को एक भी जानवर पकड़ा नहीं जा सका।
रविवार दिनभर एयरपोर्ट परिसर में गहमा-गहमी का दौर रहा। अधिकारियों की टीम ने बंद कमरे में स्थानीय प्रशासन से जहां विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की, मौके पर जाकर हालात भी समझे। रविवार को एअरपोर्ट प्रशासन ने मीडिया को परिसर के बाहर ही रोक दिया। हालांकि एअरपोर्ट अधिकारी इसकी वजह बताने से बचते रहे, लेकिन किसी को अंदर नहीं आने दिया गया। अंधेरे के कारण शनिवार को रोका गया सर्च अभियान रविवार सुबह फिर शुरू हो गया। दिनभर एरियल और फील्ड सर्वे कर लापता गाय और अन्य जानवरों को खोजने की कवायद चलती रही, लेकिन उनकी ठीक लोकेशन नहीं मिल पाई। अभियान के दूसरे दिन सूरत मनपा और एअरपोर्ट अथॉरिटी की टीम एक भी जानवर को नहीं पकड़ पाई। मनपा के मार्केट विभाग ने दोपहर बाद करीब दो बजे एक टीम कुत्तों को पकड़ने के लिए भेजी थी, जो बैरंग लौटी।
सूरत हवाईअड्डे पर विमान से भैंस टकराने के बाद से वड़ोदरा एअरपोर्ट प्रशासन भी सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। विमानन अधिकारियों के सूरत हवाईअड्डा पहुंचने की सूचना मिलने पर रविवार को वड़ोदरा एअरपोर्ट के अधिकारी भी यहां पहुंच गए। उन्होंने वड़ोदरा हवाईअड्डे पर कई जरूरी संसाधनों की कमी बताते हुए उन्हें पूरा कराने की मांग की। इस संबंध में एक मांगपत्र भी अधिकारियों को सौंपा गया।
विमानन अधिकारियों ने बंद कमरे में बैठक कर पूरे मामले में एअरपोर्ट प्रशासन का पक्ष समझा। उन्होंने एअरपोर्ट परिसर की बाउंड्रीवाल छोटी होने और फैंसिंग के जर्जर होने को लेकर स्थानीय प्रशासन से सवाल-जवाब किए। उन्होंने पूछा कि इस मामले को लेकर एअरपोर्ट प्रशासन ने अब तक क्या कार्रवाई की है और किसके साथ कब-कब पत्राचार किया है। उन्होंने एअरपोर्ट के पीछे झींगा तालाब होने पर भी एतराज जताया। एअरपोर्ट निदेशक ने सभी मुद्दों पर सिलसिलेवार अपना पक्ष रखा।
स्पाइस जेट एअरक्राफ्ट से भैंस के टकराने के बाद सूरत एअरपोर्ट की हालत में सुधार तय है। पूरे मामले को लेकर केद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय निगाह बनाए हुए है। एअरपोर्ट की सुरक्षा को चौकस करने के लिए बाहरी दीवारों को ऊंचा करने के साथ ही फैंसिंग की जगह नई दीवार बनाने समेत अन्य जरूरी संसाधनों पर जल्दी फैसला किया जा सकता है। विमानन अधिकारियों के साथ ही रविवार दोपहर स्पाइस जेट की एक टीम भी सूरत हवाईअड्डे पहुंची। दिल्ली से आए विमानन कंपनी के अधिकारियों ने स्पाइस जेट के स्टाफ के साथ एअरपोर्ट प्रशासन के साथ भी बातचीत की। दुर्घटना में क्षतिग्रस्त विमान की रिपेयरिंग का काम एअरपोर्ट पर चल रहा है और कंपनी के तकनीशियन सूरत आए हुए हैं।
रविवार को दिनभर अफवाहों का दौर चला। पहले सूचना मिली कि एअरपोर्ट प्रशासन ने स्पाइस जेट स्टाफ को तुरंत अपना काउंटर हटाने का नोटिस दिया है। बाद में जानकारी मिली कि उन्हें काउंटर हटाने के लिए एक दिसम्बर तक का समय दिया गया है। शाम होने तक खबर की पुष्टि नहीं हुई। बाद में पता चला कि यह कोरी अफवाह थी। हादसे वाले दिन गुरूवार को एअरपोर्ट प्रशासन विमान से कुत्ते के टकराने की बात कर रहा था। मीडिया और अन्य एजेंसियों को भी यही बताया जा रहा था कि स्पाइस जेट एअरक्राफ्ट के टेक ऑफ के समय कुत्ता रन-वे पर आ गया था और हादसा हुआ। बाद में जब मनपा स्टाफ हवाईपट्टी से जानवर को हटाने पहुंचा तो पता चला कि जिस जानवर के विमान से टकराने की बात कही जा रही है, वह दरअसल भैंस है।
हवाईपट्टी पर विमान से भैंस टकराने के बाद एअरपोर्ट परिसर के पीछे पशुपालन कर रहे लोग भी दबाव में आ गए हैं। हादसे के बाद जिस तरह से मनपा प्रशासन और पुलिस ने उनपर दबाव बढ़ाया है, वह पशुओं को खुला नहीं छोड़ रहे हैं। एअरपोर्ट परिसर के पीछे जिस तरह पशुओं को खुला छोड़ने की प्रवृत्ति है, गुरूवार को रन-वे पर हुआ हादसा उसी का नतीजा है। एअरपोर्ट प्रशासन की सुरक्षा में चूक के साथ ही पशुपालकों के पशुओं को बांधकर न रखने के कारण भैंस चरते-चरते रन-वे तक पहुंच गई थी। उसके बाद एअरपोर्ट प्रशासन ने जिस तरह अज्ञात भैंस मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कराया और मनपा प्रशासन और पुलिस सक्रिय हुई, पशुपालकों ने अपने पशुओं को लेकर सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। मनपा ने कई पशुपालकों को नोटिस जारी किए हैं। गवियर में पशुपालक कानजीभाई सोमाजी भाई को नोटिस जारी होने के बाद से पशुपालकों की चिंता और बढ़ गई है। गौरतलब है कि हादसे के बाद से मनपा प्रशासन ने एअरपोर्ट परिसर के पीछे और आसपास के इलाके में चल रहे तबेलों का सर्वे शुरू किया है।
एअरपोर्ट पर हादसे को लेकर डूमस पुलिस तीन दिन से खानापूर्ति में ही लगी है। पुलिस अभी तक यह पता नहीं लगा पाई है कि भैंस किसकी थी, कहां से एअरपोर्ट परिसर में दाखिल हुई तथा उसे रोकने की जिम्मेदारी किसकी थी। मामले की जांच कर रहे एस.जे. पंवार का कहना है कि पशुपालकों और तबेलों पर पूछताछ की गई, लेकिन भैंस के मालिक के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई। उन्होंने कहा कि रन-वे की सुरक्षा का जिम्मा एअरपोर्ट ऑथोरिटी के कर्मचारियों के पास है। वे वॉकीटॉकी व बैंटन के साथ टेक ऑफ व लैन्डिंग के समय रन वे पर मौजूद रहते है। इस संबंध में विभागीय जांच चल रही है जांच में जिनकी जिम्मेदारी तय होगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि एअरपोर्ट परिक्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी सूरत शहर पुलिस के कंधों पर है। यहां अन्य किसी एजेन्सी के जवान तैनात नहीं हैं। पुलिस ने यहां एक निरीक्षक के नेतृत्व में 80 जवानों को तैनात कर रखा है। इसके अलावा आधुनिक हथियारों से लैस करीब एक दर्जन चेतक कमाण्डो भी हैं, जो तीन शिफ्ट में एअरपोर्ट के दो मुख्य द्वारों और चार वॉच टॉवर पर तैनात रहते हैं। सूत्र बताते हैं कि परिक्षेत्र में मवेशियों के घुसने का सिलसिला लंबे समय से चल रहा था। बड़ी संख्या में प्रतिदिन मवेशी चरने के लिए आते थे, लेकिन इसे कोई गंभीरता से नहीं ले रहा था। एअरपोर्ट पर हादसा होने के बाद एअरपोर्ट के प्रभारी पुलिस निरीक्षक पी.एन. पटेल छुट्टी पर चले गए हैं।