प्रसून जोशी की हरकत से एक नया फिल्म निर्माता-निर्देशक रो पड़ा!

प्रसून जोशी के सेंसर कार्यकाल में पहला विवाद, जेडी के निर्माता-निर्देशक ने लिखी खुली चिट्ठी… शुक्रवार को रिलीज होने जा रही फिल्म जेडी के निर्माता-निर्देशक शैलेन्द्र पाण्डेय ने सेंसर बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष प्रसून जोशी को खुला पत्र लिख कर कहा है कि सीबीएफसी की कार्यपद्धति में सुधार करें। उसे नए निर्देशक-निर्माताओं के लिए आसान बनाएं। प्रसून को लिखे एक मार्मिक पत्र में पाण्डेय ने कहा कि बीती छह सितंबर को उन्होंने फिल्म के प्रोमो-ट्रेलर के सेंसर के लिए आवेदन भेजा था, मगर अभी तक यह काम नहीं हुआ है।

पत्रकारों के सीट पर बैठने की टाइमिंग नोट करने वाले डिवाइस को लेकर द डेली टेलीग्राफ में बवाल

लन्दन के ‘द डेली टेलीग्राफ’  के पत्रकारों ने उनके डेस्क पर लगाए गए OccupEye नामक मोशन सेंसर एक ही दिन में हटाने पर मज़बूर कर दिया। ये सेंसर इस बात को रेकॉर्ड करते थे कि पत्रकार अपनी डेस्क पर कितने घंटे, मिनट और सेकण्ड्स बैठे। अख़बार प्रबंधन ने यह हिमाक़त कार्यालय में एसी / बिजली की खपत का अंदाज़ लगाने  के बहाने की थी। भारी विरोध के चलते सोमवार की सुबह लगाये गए मोशन सेंसर एक ही दिन में हटा लिए गए। 1855 में शुरू हुआ था लन्दन का  ‘द डेली टेलीग्राफ एंड कोरियर’, लेकिन उसके ‘मालिकों’ की मानसिकता आज भी 1855 की ही है।  अखबार के नाम, मालिक और सदियाँ बदल गईं, पर मानसिकता नहीं।

जेटली का चाबुक और मीडिया घरानों का घुटने टेकना… : चौथे खंभे का ‘आपरेशन’ शुरू

: इमरजेंसी के विद्याचरण भी पानी मांगे : वित्तमंत्री अरुण जेटली नये प्रयोगकर्ता के तौर पर सामने आए हैं। उन्होंने डीडीसीए में अगर ‘चारा मॉडल’ को आगे बढ़ाया है। तो सूचना प्रसारण मंत्रालय के जरिये ‘लोकतंत्र में इमरजेंसी’ का नया माडल दिया है। जेटली जी ने छह महीने के भीतर ही चौथे खंभे की ऐसी कमर तोड़ी है कि फिर से उठने में उसे सालों लग जाएंगे। यह सब कुछ सरकारी कोड़े से संभव हुआ है। जेटली की चाबुक क्या चली एक-एक कर सारे मीडिया घराने घुटने टेक दिए। विरोध जताने वाले सरकारी कहर का सामना कर रहे हैं। पत्रकारिता का यह हाल उन जेटली साहब ने किया है जो इमरजेंसी की पैदाइश हैं। सरकारी शिकंजा ऐसा है कि संजय गांधी और विद्याचरण शुक्ल की जोड़ी भी शरमाने लगे।

सेंसर बोर्ड ने ‘ग्रैंड मस्ती’ पर चलायी 218 बार कैंची

केंद्र और सेंसर बोर्ड ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि बॉलीवुड फिल्म ‘ग्रैंड मस्ती’ पर 218 बार कैंची चलायी गयी और फिर उसे निर्बाध सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए पुनर्प्रमाणित किया गया। केंद्र सरकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की ओर से मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ के सामने दायर हलफनामे में यह जानकारी दी गयी। पीठ टीवी पर इस फिल्म के प्रदर्शन पर स्थगन की मांग संबंधी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

केंद्र सरकार ने केबल एक्ट 1995 में चुपचाप संशोधन कर चैनलों को नोटिस जारी कर दिया, हम सब कब जगेंगे!

Mukesh Kumar : केंद्र सरकार ने केबल एक्ट 1995 में चुपचाप संशोधन करके 21 मार्च को गज़ट में अधिसूचना जारी कर दी और उसके आधार पर तीन चैनलों को नोटिस भी दे दिया। ख़ैर सरकार से इससे बेहतर की उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि वह तो पहले दिन से मीडिया को नाथने में लगी हुई है। एडिटर्स गिल्ड और बीईए ने ठीक ही सरकार की इस सेंसरशिप का कड़ा विरोध किया है।

Delhi Journalists & Press Workers Protest Against Invisible Press Censorship

Journalists, press workers, and union leaders connected with the profession called for an end to invisible press censorship of trade union movements in general and even of struggles pertaining to court cases of journalists and press workers. The meeting called by the Delhi Union of Journalists and the Delhi Press Unity Centre 2014 expressed grave concern at the fact the curious happenings in the newspaper industry like mass scale victimization, non-implementation of statutory awards and even locking of union offices was becoming a pattern against a targeted witch hunt of union activists with the government central and labour departments remaining prisoners of indecision or acting in a stupor.

जहाज-भैंस टक्कर कांड : सूरत एयरपोर्ट पर मीडिया के लिए अघोषित सेंसर

सूरत एयरपोर्ट पर गुरुवार को स्पाइस जेट के विमान से भैंस टकराने के बाद से हवाईअड्डा परिसर में जांच टीम के साथ बैठकों और फील्ड सर्वे का दौर चल रहा है। तीसरे दिन एयरपोर्ट प्रशासन ने मीडिया पर सेंसर लगा दिया। हवाईअड्डा पहुंचे मीडियाकर्मियों को गेट पर ही रोक लिया गया। उधर, एरियल सर्वे से एअरपोर्ट परिसर में घुसे जानवरों को तलाशने की कवायद दूसरे दिन भी जारी रही। हालांकि रविवार को एक भी जानवर पकड़ा नहीं जा सका।