Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

शोर नहीं सरोकार! तो ये सरोकार पत्रकारिता के प्रति होगा या सत्ता के प्रति?

परमेंद्र मोहन-

सभी मीडियाबंधुओं को एक और नेशनल हिंदी न्यूज़ चैनल खुलने की बधाई। देश के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में शुमार टाइम्स ग्रुप के इस हिंदी चैनल में कई मित्रों ने ज्वाइन किया है, उन सभी को विशेष रूप से बधाई। चैनल की लांचिंग का एक अपना अलग रोमांच होता है, एक ख़ास अनुभव होता है, टीम में कई ऐसे लोग होंगे, जो पहले भी अनुभव कर चुके हैं, उनके लिए ये नया अनुभव है तो कई के लिए पहला अनुभव। सभी को शुभकामनाएं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

ये नया चैनल इस वादे के साथ आया है कि शोर नहीं, सरोकार की बात होगी। सुनने में ये अच्छा लगता है क्योंकि सरोकार शब्द की बात आजकल होती नहीं। देखने वाली बात भी यही होगी कि नई बोतल में शराब भी नई होगी या पुरानी ही परोसी जाएगी क्योंकि सरोकार के मायने पत्रकारिता में बदल चुके हैं, परिभाषा बदल चुकी है। ये सरोकार जनता के प्रति होगा, पत्रकारिता के प्रति होगा, सत्ता के प्रति होगा या फिर टीआरपी के प्रति, ये देखने वाली बात होगी।

मैंने चैनल तो नहीं देखा है अभी तक, अभी फेसबुक देखा तो उस चैनल में कार्यरत मित्रों के पोस्ट से पता चला कि आज सुबह 10 बजे लांचिंग हुई है। एक तस्वीर ट्विटर पर ज़रूर देखी थी, जिसे चैनल की एडिटर इन चीफ ने प्रधानमंत्री जी के साथ मुलाकात पर पोस्ट की थी, ये तस्वीर अगर चैनल के कंटेंट की भी तस्वीर बनती है तब तो फिर दर्जनों चैनलों में से बस एक गिनती भर बढ़ी है, लेकिन मैं उम्मीद ये करूंगा कि नाम के मुताबिक संतुलित रहने की कोशिश हो तो अलग पहचान बन सकती है, हालांकि ये आसान नहीं होगा, लेकिन कोशिश ज़रूर की जानी चाहिए।

एक-दो मित्रों ने लांचिंग की जो तस्वीरें शेयर की हैं, उनसे लगता है कि शायद चैनल ने मसूद अज़हर की किसी ख़बर से शुरुआत की है। पाकिस्तान, मुसलमान वगैरह टॉपिक्स भारतीय न्यूज़ दर्शकों की पसंद के होते हैं तो चैनल ने पहले ही शो से दर्शकों की पसंद का ख्याल रखा है। ये चैनल के जल्दी पॉपुलरिटी रैंकिंग की सीढ़ी चढ़ने की कोशिश का संकेत देता है वर्ना महंगाई, डीज़ल-पेट्रोल, तीसरी लहर, किसान आंदोलन, बाढ़ जैसे मुद्दों से अगर शुरुआत करते तो डाउन मार्केट कंटेंट के संकेत आते, जबकि लांचिंग भव्य दिखनी चाहिए तो उसका ख्याल रखा गया दिखता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

संसद सत्र चल रहा है, असम-मिजोरम तनाव चल रहा है, ओलंपिक चल रहा है, एक पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के पद से हटते ही संन्यास को लेकर पोस्ट चल रहा है, यूपी में राजनीतिक सरगर्मियां चल रही हैं, अखबारों में बेरोजगारी के नए डेटा चल रहे हैं, नई जनसंख्या नीति पर बहस चल रही है यानी ख़बरिया दुनिया के लिए भरपूर सामग्री उपलब्ध है, कसौटी पर एडिटोरियल टीम होगी, जिसके पास खुद को साबित करने का बेहतरीन मौका है। एक बार फिर से पूरी टीम को, नए चैनल को, मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएं।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement