एक बड़ी खबर तिहाड़ जेल से आ रही है. वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र राय को जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से बीती रात साढ़े नौ बजे निकलने के तुरंत बाद प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी की टीम ने फिर से उठा लिया है.
तिहाड़ जेल के गेट पर उपेंद्र राय के परिजन और समर्थक खड़े थे. दोपहर से ही प्रवर्तन निदेशालय की टीम तिहाड़ गेट पर मौजूद थी. उपेंद्र राय की पत्नी डॉ रचना राय ने जांच एजेंसियों की टीमों से पूछा कि आखिर वो अब क्यों वहां खड़े हैं. इस पर एजेंसीज के लोग केवल अपनी तानाशाही दिखाते बताते रहे.
धीरे धीरे उपेंद्र राय समर्थकों की टीम तिहाड़ गेट पर बढ़ती गई. जांच एजेंसीज की तानाशाही भरे रवैये को देखने के बाद जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारे उपेंद्र राय के पक्ष में और प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ लगने लगे.
इसी बीच ईडी के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने उपेंद्र राय के परिजनों और उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज कर दिया. इसी दरम्यान उपेंद्र राय जब जमानत पर रिहा किए जाते हुए जेल गेट से निकले तो उन्हें जांच एजेंसीज की टीम ने सारे नियम कानूनों को धता बताते हुए जबरन गिरफ्तार कर लिया और उन्हें एक गाड़ी में ठूंसकर ले गए.
इस पूरे घटनाक्रम को देखकर उपेंद्र राय के परिजनों के आंसू निकल आए और उन्होंने मोदी सरकार को जमकर बददुवाएं दी.
जब उपेंद्र राय को दो दिन की लंबी बहस के बाद कोर्ट ने जमानत देने का आदेश कर दिया तो फिर कैसे जांच एजेंसीज तिहाड़ जेल के गेट पर पहुंच कर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए आमादा थीं… ये सवाल हर किसी के दिल और जुबान पर था.
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