पत्रकार विश्व दीपक
नेशनल हेराल्ड अखबार में प्रिंसिपल करेस्पांडेंट के रूप में काम कर रहे पत्रकार विश्व दीपक जज लोया मृत्यु प्रकरण को लगातार कवर करते रहे हैं और इसकी कई परतों को उजागर करते हुए स्टोरीज लिख चुके हैं. ताजी सूचना ये है कि महाराष्ट्र पुलिस विश्व दीपक की गिरफ्तारी के वास्ते दिल्ली में टहल रही है.
बहाना है मानवाधिकार कार्यकर्ता जीएन साईंबाबा पर प्रेस क्लब आफ इंडिया में कार्यक्रम कराने हेतु हाल बुक करवाने के वास्ते विश्व दीपक द्वारा पहल किया जाना. जीएन साईंबाबा को नक्सलवादी होने के आरोप में गिरफ्तार कर काफी समय से जेल में रखा गया है. विश्व दीपक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अब गिरफ्तारी की तैयारी को देखते हुए पत्रकारों ने राज्य सत्ता के इस उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है. पढ़ें कुछ प्रतिक्रियाएं….
Abhishek Srivastava : An urgent info… Today Maharashtra Police reached Press Club Of India, Delhi and asked for hall booking records and whereabouts of one of its members Vishwadeepak, a bonafide journalist working with English weekly National Herald as principal correspondent. The Police claimed that the scribe had endorsed hall booking for a press conference called in defense of jailed DU teacher GN Saibaba. We fear that the journalist may be detained or arrested anytime.Pls spread the word…
Dilip Khan : विश्व दीपक के ख़िलाफ़ तीन धाराओं में महाराष्ट्र पुलिस ने मुक़दमा दर्ज किया है. IPC की धारा 152(बी) के अलावा 503 (1) (बी) और 117 में एफआईआर है. FIR संख्या है 04118. मतलब, प्रेस क्लब में हॉल बुक करना इतना बड़ा गुनाह हो गया है इस मुल्क में. आपातकाल की बरसी ताज़ा-ताज़ा मनी है और मोदी जी ने उसे तुरंत लागू कर दिया. जीएन साईंबाबा पर प्रेस क्लब में एक प्रोग्राम हुआ. प्रेस क्लब का हॉल कोई मेंबर ही बुक कर सकता है. सो Vishwa Deepak के नाम पर बुकिंग हुई. अगर VD बुकिंग नहीं करता, तो मेरे-आपके नाम पर होती. अब महाराष्ट्र पुलिस इस बुकिंग के आधार पर उसे गिरफ़्तार करने दिल्ली पहुंच गई. प्रेस क्लब से बुकिंग वाली पर्ची वगैरह उठाकर ‘ख़तरनाक दस्तावेज़’ की तरह ले गई है. शहरी माओवादी वाले खेल में अभी बहुत कुछ बाक़ी है. माहौल बना रही है सरकार. महाराष्ट्र पुलिस सबसे ज़्यादा होशियारी ये करती है कि वो वीकेंड्स पर लोगों को गिरफ़्तार करती है ताकि कम से कम सोमवार तक ज़मानत न हो. अभी गिरफ़्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस पूरा ज़ोर लगा रही है.
Ipsa Shatakshi : शहरी माओवादी नेटवर्क की तलाश में दिल्ली पहुंची महाराष्ट्र पुलिस के खोजबीन के तरीकों को लेकर पत्रकारों में सवाल उठने लगे हैं और पत्रकारों का साफ तौर पर कहना है कि तलाशी में आई पुलिस का रवैया पत्रकारों और उसकी सबसे बड़ी संस्था प्रेस क्लब आफ इंडिया को डराने वाला है। हांलाकि प्रेस क्लब ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार किया है। पुलिसिया पूछताछ के बाद बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि किसी कार्यक्रम के लिए हॉल बुक कराना कौन सा अपराध है? आखिर हॉल बुक कराने वाले नेशनल हेराल्ड के पत्रकार विश्वदीपक के बारे में संदिग्ध तरीके से पूछताछ का क्या मतलब है? कहीं ऐसा तो नहीं कि जज लोया मामले से लेकर लगातार सरकार की असलियत उजागर करने वाली खबरों को प्रमुखता से करने वाले पत्रकार विश्वदीपक और उन जैसे पत्रकारों को सरकार इस बहाने डराना चाहती है?
Urmilesh Urmil : अभी-अभी हमने, सरकार और मुख्यधारा के मीडिया, खासकर टीवी चैनलों ने महज चार पांच दिन पहले ‘इमरजेंसी’ को जोर-शोर से याद किया! पर इन चैनलों ने 30 जून और 1 जुलाई को यह बताना ‘वाजिब’ नहीं समझा कि एक कांफ्रेंस के लिए ‘जगह की बुकिंग’ के चलते एक श्रमजीवी-पत्रकार विश्व दीपक को ‘देशद्रोही’ घोषित करने की तैयारी पूरी हो चुकी है! देखिए, The Telegraph की यह खबर। दिल्ली की घटना है। पर दिल्ली के अखबारों में आज कोई खबर नहीं! देश आज तरक्की पर है, ‘सबका साथ है-सबका विकास है’! वो तो पुरानी बात है, एक समय देश में ‘इमरजेंसी’ लागू हुई थी, उस वक्त ‘अनुशासन-पर्व’ था!
Ujjwal Bhattacharya : आपात काल विधिवत् शुरू हो चुका है. डॉयचे वेल्ले में रहे साथी विश्व दीपक के खिलाफ़ प्रेस क्लब में हॉल बुक करने के कारण राजद्रोह का मुकदमा.
Pyoli Swatija : जो ताक़तें २६ जून को इमर्जन्सी का प्रलाप कर रही थीं उन्होंने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ़्रेन्स के लिए प्रेस क्लब बुक करवाने के जुर्म में पत्रकार विश्व दीपक पर राजद्रोह का मुक़दमा दायर कर दिया है।
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