सर मैं ज्ञान रंजन मिश्रा, वर्तमान में जामिया विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहा हूं. मैंने जी मीडिया में इंटर्नशिप के तहत दाखिला लिया. इसमें उन्होंने हमसे कहा था कि 15 दिन आप काम करिए, आपको जोड़ लिया जाएगा. मैंने लगातार इसी उम्मीद में 15 दिन नाइट शिफ्ट में काम किया. करते-करते लगभग 2 महीने बीत गए. इसमें लगभग मेरे दस हजार रुपये तक खर्च हो गए, किराया भाड़ा आदि में.
जब कल मैं इन सब चीजों को अपने सीनियर को बताया तो उन्होंने मुझे वहां से निकाल दिया. कहा कि सर्टिफिकेट लेकर जाओ और यहां दोबारा मत आना. सर जी मीडिया में लोगों का शोषण हो रहा है. मैंने नौ नौ घंटे काम किया. कभी भी मैंने शिकायत का मौका नहीं दिया. लेकिन जब थोड़ी सी पैसे की बात आई जिससे मेरा खर्चा चल सके या किराया भाड़ा ही मिल सके तो उन्होंने मुझे वहां से निकाल दिया.
सर मैं आपसे अपनी बातों को इस उम्मीद से शेयर कर रहा हूं कि कृपया मेरी बातों को लोगों को बताएं क्योंकि जिस तरह से मीडिया में नए युवक युवतियों का शोषण हो रहा है, वह जमाने के सामने आना चाहिए. मैं अपना आई कार्ड और सर्टिफिकेट का फोटो खींचकर आपको भेज रहा हूं.
इस जाब के चक्कर में मैं किसी प्रतियोगिता परीक्षा में बैठ नहीं पाया. अपना सारा समय जी मीडिया में दिया. आज मैं मानसिक रूप से इतना पीड़ित हो गया हूं कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है मैं क्या करूं. मैं क्या सोच कर इस मीडिया जगत में आया था और मेरे साथ क्या हो गया.
ज्ञान रंजन मिश्रा
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हरीश
January 20, 2019 at 11:56 am
सबसे पहले मीडिया की नौकरी करना छोड़ दो ये सपना आज ही टूट जाए तो अच्छा…वरना भविष्य में पछताने के लिए भी कुछ नहीं बचेगा.