यशवंत-
चर्चा तेज है कि शशि शेखर की विदाई हो गई है. सूत्रों का कहना है कि उन्हें सम्मानजनक तरीके से रिटायर किया जा रहा है. इसके लिए उन्हें बोला जा चुका है. बताया जाता है कि हिंदुस्तान प्रबंधन ने उनसे अगली व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने को कहा है.
दरअसल शशि शेखर ने फेसबुक पर एक ऐसी पोस्ट लिखी है, जिससे उनकी विदाई का दर्द महसूस होने लगा है. इस पोस्ट के बाद भड़ास के पास दर्जनों फोन कॉल्स आए, हिंदुस्तानियों के. सबने जानना चाहा कि शशि शेखर की इस एफबी पोस्ट का असली मर्म क्या है?
भड़ास ने जब अपने स्तर पर पड़ताल की तो नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर हिंदुस्तान प्रबंधन में शीर्ष स्तर पर पदस्थ एक शख्स ने दावा किया कि शशि शेखर हिंदुस्तान से विदा हो गए हैं. उन्होंने जो फेसबुक पोस्ट लिखा है वो एक तरह से अपने लोगों को मानसिक तौर पर तैयार करने के लिए विदाई पूर्व का इशारा है. तभी तो ढेर सारे लोग उनकी इस पोस्ट पर उन्हें शुभकामनाएँ दे रहे हैं. अब सवाल ये नहीं रह गया है कि शशि शेखर जा रहे हैं या नहीं… अब बड़ा सवाल ये है कि उनकी जगह पर किसे लाया जा रहा है… हिंदुस्तान प्रबंधन पोस्ट कोराना पीरियड के लिए ग्रुप एडिटर किसी ऐसे शख्स को बनाना चाहता है जो डिजिटल में रचा-बसा हो और भविष्य के अखबार की परिकल्पना कर पा रहा हो. इसके लिए करीब दर्जन भर लोगों के इंटरव्यू हुए हैं. अब ये हिंदुस्तान अखबार की मालकिन और उनकी खास कोर टीम को मिल-जुल कर फाइनल करना है कि हिंदुस्तान का भविष्य का लीडर कौन होगा…
ज्ञात हो कि शशि शेखर के नेतृत्व में हिंदुस्तान प्रबंधन ने पूरे ग्रुप में बड़े पैमाने पर छंटनी की. हजार से ज्यादा लोग निकाले गए. इस कत्लेआम पर शशि शेखर चुप्पी साधे रहे. संपादकीय पेज पर बड़े-बड़े बौद्धिक आर्टकिल लिखने वाले शशिशेखर ने अपने लोगों के पेट पर लात पड़ने की परिघटना का किसी स्तर पर तनिक भी विरोध नहीं किया. वे अपनी कुर्सी बचाने में लगे रहे. उन्हें उम्मीद थी कि प्रबंधन उन्हें बख्श देगा. लेकिन जिसे थोड़ी बहुत भी समझ है, उसे पता है कि ऐसे ही मृणाल पांडेय के कार्यकाल में उनसे छंटनी कराने के बाद उनको भी चलता कर दिया गया था. यही हश्र शशि शेखर को भी होना था. एक महीने से शशि की विदाई की चर्चाएं चल रही हैं.
अब ये जाकर पता चल पाया है कि संभवत: उनसे कह दिया गया है कि उनकी विदाई आने वाले दिन-महीने में हो जाएगी. फिलहाल पहले जैसा कामकाज देखने के लिए कहा गया है सो वह अभी भी सब कुछ देख रहे हैं। आफिसियली विदा नहीं किए गए हैं. पर उनने एफबी पोस्ट डालकर अपनी विदाई के संकेत देने का काम शुरू कर दिया गया है. शशि शेखर के स्थान पर कौन आएगा, अभी तय नहीं हो सका है.
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चिरकुट पत्रकार
September 26, 2020 at 7:27 am
बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होए। शशि जी टिपिकल हिंदी एडिटर निकले, जो अपने और अपनी सुख सुविधाओं के लिए किसी भी स्तर तक जा सकता है। उनको कुम्भ मेले में हिस्सा लेने के लिए एस्कॉर्ट चाहिए होता था। पीने के लिए बेहतरीन विदेशी शराब। अपना रिसोर्ट बना लिया। तमाम संपति अर्जित कर ली। एक बार तो पद्म पुरस्कार हासिल करने के लिए अपनी ही एडिटोरियल टीम को उन्होंने झोंक दिया था। हिंदुस्तान का मैनेजमेंट जानता सब था लेकिन एक्शन कुछ नहीं लेता था। दरअसल मैनेजमेंट ऐसा ही होता है जब तक मतलब निकल सके तब तक निकाल लिया और अब चलो भाई नमस्ते!!