यदि पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) का पांच खरब रूपयों वाला घोटाला आज न उजागर हुआ होता, तो असली खबर होती कि सुदूर दक्षिण अफ्रिका के भ्रष्टतम राष्ट्रपति जेकब जुमा के पतन का कारण पश्चिम उत्तर प्रदेश के शहर सहारनपुर का एक खुदरा दुकानदार अतुल गुप्ता है। बासमती, आम और काठ की कृत्तियां के लिये जानाजाने वाला यह शहर देवबंद के दारुल उलूम (Darul Uloom Deoband) का केन्द्र है। आज से यह समूचे अफ्रीकी महाद्धीप में कुख्यात हो गया।
इस गाथा का खलनायक है 47-वर्षीय अतुल गुप्ता जिसने स्थानीय रानी बाजार के एक खस्ता दुमंजिले मकान में बचपन गुजारा। वह केपटाउन (दक्षिण अफ्रीका) दो दशक पूर्व गया, व्यापार किया और देश का सातवां सबसे धनी व्यक्ति बना। राष्ट्रपति जुमा की अफ्रीका नेशनल कांग्रेस की आर्थिक सहायता कर के वह खरबपति बन गया। कभी “जीवित शहीद” नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) अफ्रीका कांग्रेस के पुरोधा और राष्ट्रपति थे।
फिर उत्तर प्रदेश का प्रसंग ले। इतनी उत्तुंग शिखरों पर सवार होकर भी इन गुप्त बंधु (अजय-अतुल-राजेश) ने अपने गृह प्रदेश का पूरा ख्याल रखा। ये लोग 30 अप्रैल 2013 को दक्षिण अफ्रीका की वायुसेना की आरक्षित पट्टी पर भारतीय जेट एयरवेस के ए-330 नामक विशाल वायुयान में नई दिल्ली से अपने अतिथि समूह को लाये थे। इसमें नामी गिरामी राजनेता, सांसद, व्यापारी, खिलाड़ी, फिल्मीजन आदि थे। गुप्त-बंधु के पारिवारिक पाणिग्रहण समारोह में वे बराती बनकर आये थे। उस वक्त की आखिलेश यादव-नीत समाजवादी सरकार के गणमान्य जन भी इसमें शामिल थे। राष्ट्रपति जुमा ने दिलखोल कर शासकीय मददी इस समारोह को दी। भ्रष्टाचार का यह चरम था।
फिलहाल जुमा के उत्तराधिकारी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने पद संभालते ही घोषणा की कि वे जैकब जुमा के शासनकाल के घपले तथा घोटालों की जांच करायेंगे और दण्ड दिलवायेंगे। सूची में यूपी के गुप्त-बंधु शीर्ष पर शोभित हैं।
K Vikram Rao
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