Suman Singh : कोई ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ आदमी सही काम करने की शुरुआत करता है तो पूरा भ्रष्ट तंत्र / भ्रष्ट समाज उसके पीछे पड़ जाता है, जब तक उसे सही काम करने से रोक ना दे. लानत है ऐसी व्यवस्था पर और थू थू है ऐसे लोगों पर जो सभ्यता का आवरण ओढ़ कर, सिर्फ ‘भगत सिंह दूसरे के घर में पैदा हों’ इस बात की वकालत किया करते हैं मयनोशी की महफिलों में.. कहानी इलाहाबाद की है. यहाँ IAS अधिकारी बादल चटर्जी के मंडलायुक्त का कार्यभार सिर्फ साढे़ सात महीने हुआ और इसी दौरान शहर के सुन्दरीकरण, प्रभावशाली बंगलों के बीच दबे नालों को निकालने से लेकर स्वास्थ्य विभाग में चल रही धांधली पर लगाम लगाने में अपनी पूरी ताक़त झोंक दी. अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रा साउंड केन्द्रों को सीज कराया.
मेडिकल कालेज के वरिष्ठ चिकित्सक को प्राइवेट प्रैक्टिस करते रंगे हाथ पकड़ा. इस कार्यवाही ने दिग्गजों तक को हिला कर रख दिया. कई नामी डॉक्टरों ने VRS तक के लिए शासन को पत्र लिख दिया. मुहिम की इसी कड़ी में मंडलायुक्त ने CHC और PHC में तैनात मेडिकल अफसरों की ट्रैकिंग भी कराई और जो अपने तैनाती स्थल से दूर पाए गए, उनके खिलाफ कड़ी कारवाई भी हुई. इन सब बातों का सकारात्मक परिणाम यह हुआ कि SRN Hospital से लेकर सुदूर CHC /PHC में डॉक्टर समय से मरीज़ देखने लग गए. कई रसूखदारों के बंगलों की दीवारों को तोड़ कर गायब नालों को फिर से निकाला गया. नतीजा ये दिखने लगा था कि अपर आयुक्त स्तर के अधिकारी भी छापामारी में सक्रिय दिखने लगे.
और अचानक शुक्रवार की शाम मंडलायुक्त ‘बादल चैटर्जी’ के तबादले की खबर आती है. लोग बाग हैरान. प्रशासनिक अमला हैरान. हम जैसे आम लोग बहुत दुखी और निराश.. मगर क्या फर्क पड़ता है इससे… माना जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग / शिक्षा विभाग और रसूखदारों के मजबूत रैकेट ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके मंडलायुक्त को हटाने की अपनी साज़िश को अमली जामा पहना दिया है. इसके आगे की कहानी क्या होती है, सबको पता है. फिर भी हम सभी लोग ना शरम से मरेंगे ना सच के लिए आवाज़ उठाएंगे. हां… बड़ी बड़ी बातें करने में बेहयाई से गाल बजाते हर जगह नज़र आयेंगे. धिक्कार है ऐसी व्यवस्था पर, ऐसे समाज पर…
इलाहाबाद निवासी सुमन सिंह के फेसबुक वॉल से.