केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा से स्टिंग ऑपरेशन के नाम पर 2 करोड़ रुपये मांगने के मामले में मुख्य आरोपित प्रतिनिधि चैनल के मालिक आलोक के ग्रुप में एक नहीं, बल्कि 2 महिलाएं शामिल थीं। उसने घर वालों को बताए बगैर नोएडा के सेक्टर-92 में एक फ्लैट भी किराए पर ले रखा था, जहां ग्रुप में शामिल दोनों महिलाओं समेत बाकी लोगों की मीटिंग होती थी।
गिरफ्तार निशु दिल्ली के नरेला की है। उसके पिता की मौत हो चुकी है। परिवार में केवल विधवा मां है। घर का खर्च चलाने और पत्रकार बनने का शौक पूरा करने के लिए वह एक साल पहले यू-टयूब के प्रतिनिधि चैनल से जुड़ी। मूलरूप से बिहार के भागलपुर के आलोक सेक्टर-134 नोएडा में मां, पत्नी और 2 बच्चों के साथ रहता है। उसके चैनल में एक और महिला काम कर रही थी। सेक्टर-92 के फ्लैट में निशु, दूसरी महिला और जामिया नगर में रहने वाले खालिद का अधिकतर वक्त बीतता था।
पुलिस की एक टीम ने सेक्टर-134 में आलोक के परिवार से पूछताछ की। आलोक की पत्नी ने पूरे मामले से अनभिज्ञता जताई। मां ने गोलमोल जवाब दिए। सूत्रों के मुताबिक, आलोक की पत्नी को शायद सेक्टर-92 वाले फ्लैट की जानकारी नहीं है। एक टीम ने निशु की मां से भी पूछताछ की, लेकिन वहां से कुछ ठोस जानकारी नहीं मिली। उसी टीम ने दिल्ली के पांडव नगर और अन्य क्षेत्रों में भी जांच की। पांडव नगर में आलोक ने एक और ऑफिस बना रखा था, जहां उसने कई रिपोर्टरों की भर्ती कर रखी थी, लेकिन यहां का ऑफिस बंद मिला। पुलिस को उम्मीद थी कि इस ऑफिस से ब्लैकमेलिंग से संबंधित अन्य सीडी या सबूत मिल सकते है।
उधर, फरार चल रहे आलोक और खालिद के इलाहाबाद में गिरफ्तारी से बचने के लिए स्टे लेने के प्रयासों की भी चर्चा है। पुलिस की 2 टीमें इलाहाबाद और लखनऊ भी भेजी गई हैं। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि इस मामले में शामिल रिटायर्ड डीएसपी केके गौतम और समाजसेविका अभी संदेह के दायरे से बाहर नहीं हुए हैं। उनकी भूमिका की भी जांच चल रही है। इस मामले में अनिल मिश्रा नामक एक एक और व्यक्ति का नाम सामने आया था। उसने 2 दिनों तक प्रतिनिधि चैनल में आलोक के साथ काम किया था। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई लेकिन उसका इस प्रकरण में कोई हाथ नहीं मिला। उसे छोड़ दिया गया।
इस प्रकरण को लेकर अमर उजाला के नोएडा संस्करण में लगातार खबरें छप रही हैं जिसकी कटिंग और उपर और नीचे पढ़ सकते हैं-