Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

नभाटा सबसे बेशर्म, हिन्दुस्तान ने खबर छापने की औपचारिकता भर निभाई है

राफेल पर सीएजी रिपोर्ट के बहाने सरकार की सेवा

भास्कर की खबर, डेस्क की मेहनत

रफाल पर सीएजी की रिपोर्ट कल संसद में पेश की गई और आज इसकी खबर सभी अखबारों में पहले पन्ने पर है। सीएजी जो हैं सो और इसलिए इसपर चला विवाद और फिर यह रिपोर्ट सबके राजनीतिक मायने हैं और ऐसे में यह खबर आज कैसे कितनी छपी यह देखना दिलचस्प होगा। आइए देखें।

नवोदय टाइम्स में यह खबर तीन कॉलम में लीड है। शीर्षक है, “कैग रिपोर्ट : एनडीए की डील 2.86 सस्ती”। दैनिक हिन्दुस्तान ने दो कॉलम में टॉप पर छापा है। फ्लैग शीर्षक है, संसद में रिपोर्ट पेश। मुख्य शीर्षक है, “राफेल सौदा यूपीए से सस्ता : कैग”। राजस्थान पत्रिका में यह खबर पहले पन्ने पर लीड है। फ्लैग शीर्षक है, राज्य सभा में पेश यूपीए के मुकाबले एनडीए की डील 2.86 प्रतिशत सस्ती। मुख्य शीर्षक है, रफाल पर कैग की रिपोर्ट से सरकार और विपक्ष दोनों को मिला हथियार। अमर उजाला में यह खबर लीड है। पांच कॉलम में छपी इस खबर का फ्लैग शीर्षक है, कैग रिपोर्ट इसके साथ छोटे फौन्ट की दो लाइन का फ्लैग शीर्षक है, राज्य सभा में पेश 157 पन्नों की रिपोर्ट में 16 पेज में लड़ाकू विमान के सौदे का जिक्र …. पर कीमत का खुलासा नहीं, नए सौदे से विमान भी जल्दी मिलेंगे। हालांकि, मुख्य शीर्षक यहां भी वही है, राफेल सौदा यूपीए से 2.86% सस्ता।

दैनिक जागरण में यह खबर चार कॉलम में लीड है। फ्लैग शीर्षक है, संप्रग सरकार की तुलना में 2.86 फीसदी सस्ती पड़ी राजग सरकार की डील। मुख्य शीर्षक है, राफेल पर केंद्र को क्लीन चिट। जागरण में इसपर राहुल गांधी की टिप्पणी भी प्रमुखता से छपी है जिसका शीर्षक है, चौकीदार द्वारा लिखी गई रिपोर्ट है : राहुल। पूरी प्रतिक्रिया पढ़ने-जानने लायक है और इस प्रकार है, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कैग की रिपोर्ट को चौकीदार ऑडिटर जनरल रिपोर्ट करार दिया और कहा कि यह बेकार है। यह नरेन्द्र मोदी की रिपोर्ट है। यह चौकीदार की, चौकीदार के लिए और चौकीदार द्वारा लिखी गई रिपोर्ट है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

नवभारत टाइम्स ने इस खबर को छह कॉलम में लीड बनाया है। शीर्षक है, ऑडिटर की रिपोर्ट ने कहा – मोदी का राफेल सस्ता, फिर भी कांग्रेस ने तानी मिसाइलें। एनबीटी ब्यूरो की खबर के साथ नभाटा ने तीन लाइन में छह कॉलम का इंट्रो भी छापा है जो इस प्रकार है, आम चुनाव से पहले संसद का आखिरी सत्र बुधवार को खत्म हो गया लेकिन राफेल का मुद्दा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस डील पर नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट संसद में रखी गई जिसके मुताबिक मोदी सरकार की फ्रांस से 36 राफेल खरीदने की डील 2007 में तब की यूपीए सरकार की ओर से 126 विमानों के लिए की गई सौदेबाजी से सस्ती है।

सरकार ने रिपोर्ट में अपनी जीत देखते हुए आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस पर वार तेज कर दिए हैं। वहीं, कांग्रेस ने रिपोर्ट के कुछ तथ्यों को अपना हथियार बनाकर मोदी सरकार पर हमलावर मिसाइलें दागीं। दैनिक भास्कर ने भी इस खबर को छह कॉलम में छापा है और प्रस्तुति देखकर लगता है कि इसमें कितनी मेहनत की गई है। इसके मुकाबले बड़े अखबारों में इस खबर की प्रस्तुति बहुत ही लचर और पक्षपातपूर्ण या औपचारिकता निभाने भर है। अखबारों की खबर में जब पूरी रिपोर्ट का जिक्र नहीं है तो इससे संबंधित अन्य तथ्यों की बात करना बेमानी है। पाठकों को न भी मालूम हो तो सभी शीर्षक और दैनिक भास्कर की प्रस्तुति से पता चल जाएगा कि खबर के खास अंश क्या है और आपके अखबार ने क्या छापा और क्या नहीं छापा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

दैनिक भास्कर का फ्लैग शीर्षक है, “रफाल पर कैग की रिपोर्ट संसद में पेश; विमान की कीमतों का जिक्र नहीं, ऑफसेट विवाद पर रिपोर्टट बाद में आएगी”। मुख्य शीर्षक है, “रफाल डील 2.86% सस्ती; नेगोशिएशन टीम की बात मानते तो डील 14% सस्ती होती, 20% की बैंक गारंटी भी मिलती : कैग”। इसके अलावा, अखबार ने यह भी छापा है, “कैग की रिपोर्ट के जरिए ऐसे समझिए विपक्ष के आरोप और सरकार के दावे कितने सही हैं?” अखबार ने सिंगल कॉलम की एक खबर छापी है, कैग ने यूपीए और एनडीए सरकार की डील का ब्यौरा रखा। मेरा ख्याल है इस एक खबर से ही सीएजी की रिपोर्ट संसद में रखने का मकसद समझ में आ जाता है।

मूल बात यही है कि सबने यह बात छापी है कि राजग की डील 2.86 प्रतिशत सस्ती है जबकि उसी रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक गारंटी नहीं है। कोई भी समझ सकता है कि बैंक गारंटी मुफ्त में नहीं मिलती और इसके बिना सौदा 2.86 प्रतिशत सस्ता होने का कोई मतलब नहीं है। यही नहीं, कल हिन्दू ने रिपोर्ट दी थी कि भारतीय निगोशिएटिंग टीम के तीन सदस्यों ने सौदे के खिलाफ नोट लिखा था और उसकी खास बात यही थी कि सौदा सस्ता नहीं है। आज के अखबारों में उसकी चर्चा तो नहीं ही है, डील को सस्ता बताकर सरकार की भरपूर सेवा की गई है और इसमें नभाटा की कोशिश उल्लेखनीय है जबकि हिन्दुस्तान ने खबर छापने की औपचारिकता भर निभाई है।

Advertisement. Scroll to continue reading.
https://www.facebook.com/bhadasmedia/videos/284379545568483/

अंग्रेजी अखबारों में हिन्दुस्तान टाइम्स में यह खबर पांच कॉलम में लीड है। दो लाइन का शीर्षक है, रफाल जेट्स 2.86% चीपर, सीएजी रेजज लार्जर क्वेश्चन (रफाल जेट्स 2.86% सस्ते, सीएजी ने बड़े सवाल उठाए )। इस खबर का उपशीर्षक है, ऑडिट रिपोर्ट : यूपीए डील हैड गारंटीज दैट एनडीए वन डजन्ट; गवरन्मेंट कांग्रेस बोथ क्लेम विक्ट्री। टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी इस खबर को लीड बनाया है। अखबार ने यह खबर राजेश आहूजा के हवाले से छापी है। टाइम्स ऑफ इंडिया में यह खबर प्रदीप ठाकुर की बाईलाइन से है और शीर्षक है, रफाल डील चीपर बाई 2.86%, नॉट 9% ऐज गवरन्मेंट क्लेम्ड : “सीएजी (रफाल सौदा 2.86% सस्ता न कि 9% जैसा सरकार ने दावा किया : सीएजी”।

इंडियन एक्सप्रेस ने इस खबर को चार कॉलम में लीड छापा है। सुशांत सिंह की खबर का फ्लैग शीर्षक के साथ तीन लाइन में मुख्य शीर्षक है। फ्लैग शीर्षक, रिपोर्ट डज नॉट डिसक्लोज प्राइसिंग डीटेल (रिपोर्ट में कीमत का ब्यौरा नहीं है) और मुख्य शीर्षक एनडीए रफाल डील प्राइस 2.86% लेस दैन यूपीए रेट, डसॉल्ट गेट्स बेनीफिट्स टू : सीएजी रिपोर्ट, भी कुछ खास नहीं है। हिन्दू ने भी वही शीर्षक लगाया है पर आगे लिखा है कि डसॉल्ट बेनीफिटेड विदाउट बैंक गारंटी। यानी बैंक गारंटी देने की आवश्यकता न होने से डसॉल्ट को फायदा हुआ। द टेलीग्राफ ने इस खबर को दो कॉलम में लीड बनाया है। शीर्षक है, पोस्ट – सीएजी रफाल स्टिल अ रिडिल (सीएजी के बाद, रफाल अब भी एक पहेली)। इसपर बसंत कुमार मोहंती और अनीता जोशुआ की बाईलाइन है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वरिष्ठ पत्रकार और अनुवादक संजय कुमार सिंह की रिपोर्ट। संपर्क : [email protected]

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement