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न्याय पाने से वंचित आकाशवाणी के सैकड़ों कैज़ुअल एनाउंसर फिर जंतर-मंतर पहुंचे

जंतर-मंतर एक अगस्त 2016 को एक बार फिर गवाह बना उस आंदोलन का, जिसमें शामिल थे आकाशवाणी में काम करने वाले कैज़ुअल उद्घोषक / कमपियर और आर. जे. यानि रेडियो जॉकी, पिछले साल भी तीन और चार अगस्त को जंतर मंतर से आवाज़ दी गई थी आकाशवाणी महानिदेशालय और प्रसार भारती के उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों को. हैरत की बात है आकाशवाणी महानिदेशालय और प्रसार भारती न सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मान रही है और ना उसकी नज़रों में संसद के संसदीय समिति द्वारा पारित आदेश का कोई सम्मान है। इतना ढीठ, जिद्दी, अभिमानी, अहंकारी कोई कैसे हो सकता है और वो भी एक ऐसा संस्थान जो देश की आवाज़ कहलाता है।

जंतर-मंतर एक अगस्त 2016 को एक बार फिर गवाह बना उस आंदोलन का, जिसमें शामिल थे आकाशवाणी में काम करने वाले कैज़ुअल उद्घोषक / कमपियर और आर. जे. यानि रेडियो जॉकी, पिछले साल भी तीन और चार अगस्त को जंतर मंतर से आवाज़ दी गई थी आकाशवाणी महानिदेशालय और प्रसार भारती के उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों को. हैरत की बात है आकाशवाणी महानिदेशालय और प्रसार भारती न सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मान रही है और ना उसकी नज़रों में संसद के संसदीय समिति द्वारा पारित आदेश का कोई सम्मान है। इतना ढीठ, जिद्दी, अभिमानी, अहंकारी कोई कैसे हो सकता है और वो भी एक ऐसा संस्थान जो देश की आवाज़ कहलाता है।

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आकाशवाणी में शोषण इस समय अपने चरम पर है और वहां अंडरटेकिंग नाम का जो खेल चल रहा है उसके कारण हज़ारों कैज़ुअल एनाउंसर, कमपियर और आर. जे.अपने काम से हमेशा के लिए निकाले जा रहे हैं। आकाशवाणी में काम करने वाले कैज़ुअल एनाउंसर / कमपियर और आर. जे.P-5 नाम का कॉन्ट्रैक्ट साइन करते हैं, जो भारत के महामहिम राष्ट्रपति जी की ओर से निर्गत होता है, उसी कॉन्ट्रैक्ट के पीछे ड्यूटी से सम्बंधित आदेश भी छपे होते हैं, लेकिन उन आदेशों में कही भी अंडरटेकिंग देने की बात नहीं है, यहाँ महत्वपूर्ण  तथ्य ये है कि जब कैज़ुअल ड्यूटी के लिए हम P-5 नाम का कॉन्ट्रैक्ट साइन कर रहें हैं, तो फिर एक अलग से अंडरटेकिंग देने की क्या ज़रुरत है, एक ही काम के दो दो कॉन्ट्रैक्ट नहीं होते हैं, ये ग़लत है पूर्णतः illegal है। P-5 कॉन्ट्रैक्ट प्रोडक्शन असिस्टेंट को भी दिया जाता है, समान शर्तों पर काम करने वाले कई प्रोडक्शन असिस्टेंट को नियमित किया जा चुका है जबकि एनाउंसर को नियमित नहीं किया गया। 

एक जैसे शर्तों पर काम करने के बाद भी इतना बड़ा भेदभाव आकाशवाणी एनाउंसर के साथ करती आ रही है,जब काम का सम्पूर्ण प्रारूप एक है फिर एनाउंसर के अधिकार को हाशिये पर क्यों डाला गया? मेरे मित्रों ये गलत अवैध और illegal अंडरटेकिंग धरल्ले से आदेशानुसार आकाशवाणी महानिदेशक पूरे देश के आकाशवाणी केन्द्रों में भेजा गया है और जिन लोगो ने इस अंडरटेकिंग पर साइन नहीं किया है उनकी ड्यूटी हमेशा के लिए बंद कर दी गई है।

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आवाज़ की दुनिया में आज एनाउंसर की ही आवाज़ उनकी पहचान है, मनोरंजन की दुनिया में आज एनाउंसर अपने अधिकार के लिए स्टूडियो से बाहर निकल जंतर मंतर पर अपनी आवाज़ आप तक पंहुचा रहे हैं, आशा है आप सभी का सार्थक सहयोग हमें मिलेगा। हमें आशा है हमारी आवाज़ में आप की भी आवाज़ शामिल होगी और जब यूँ ही आवाज़ों का एक कारवां बन जायेगा तो हमारे नियमितीकरण को कोई नहीं रोक पायेगा।

जाने माने उदघोषक अशोक अनुराग से इस आंदोलन के बारे में ज्यादा जानकारी ले सकते हैं. उनकी मेल आईडी [email protected] है.

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