गुरुग्राम और फरीदाबाद परीक्षा केंद्र दिखाकर दिल्ली और आसपास के छात्रों से धोखा, दिल्ली NCR के छात्रों का परीक्षा केंद्र गुरुग्राम की जगह हिसार बनाया, 3 दिसंबर से शुरू होगी परीक्षा, 12 दिन पहले परीक्षा केंद्र बदला, दिल्ली NCR के छात्रों की परीक्षा छूटेगी, पत्रकारिता में मास कॉम के हैं प्रभावित दिल्ली के सैंकड़ों छात्र…
हरियाणा का गुरु जामेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी हिसार की मनमानी से दूर शिक्षा के माध्यम से पढ़ रहे दिल्ली और छात्रों का भविष्य बीच में अधर में लटक गया है। ये छात्र पत्रकारिता में मास कॉम से एम ए- एम सी सत्र 2019-21 के छात्र हैं.
पीड़ित छात्रों ने बताया की वे लोग दिल्ली और NCR में हैं और एडमिशन के वक्त परीक्षा केंद्र गुरुग्राम के लिए फॉर्म भरा था. परीक्षा तिथि 3 दिसंबर के 12 दिन पहले परीक्षा केंद्र को बदलकर गुरुग्राम से 200 किलोमीटर दूर हिसार में कर दिया है.
दिल्ली और इसके आसपास सैंकड़ों छात्रों ने इस मामले की जानकारी कुलपति, कुलाधिपति (राज्यपाल ), मुख्यमत्री खट्टर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को मेल ट्वीट और फ़ोन के माध्यम से परीक्षा केंद्र गुरुग्राम में आयोजित करने की गुहार लगायी है.
छात्रों के अनुसार अधिकांश छात्र कहीं न कहीं मीडिया हाउस में काम कर रहें हैं या फिर कई महिला छात्रों के बच्चे दिल्ली और आसपास में पढाई कर रहें है. वैसी हालत में दिल्ली से 200 किलोमीटर दूर हिसार परीक्षा केंद्र में जाकर परीक्षा देना संभव नहीं होगा.
छात्रों के अनुसार विश्वविद्यालय के इस मनमानी करने की जानकारी थोड़ी भी होती तो यहाँ पर नामांकन नहीं लेते. अब जबकि फीस देकर धोखा का शिकार हुआ हूँ, आगे फिर कोई छात्र फिर इसका शिकार नहीं हो, इसको लेकर सभी स्तर पर लोगों को जागरूक करेंगें. छात्रों ने बताया कि कुलपति से लेकर कोई भी अधिकारी इस निर्णय को लेकर बात करने को तैयार नहीं हैं।
छात्रों को समझ में नहीं आ रहा है कि यहां एडमिशन लेकर उन्होंने कौन सी गलती कर दी। दिल्ली-एनसीआर सहित देश के दूसरे भागों के छात्रों ने गुरुग्राम और फरीदाबाद में परीक्षा केंद्र देखकर यहां एडमिशन ले लिया, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी बदकिस्मती उन्हें बुला रही है। विश्व विद्यालय पूरी तरह से मनमानी पर उतर आया है…
परीक्षा के 12 दिन पहले परीक्षा केंद्र को गुरुग्राम और फरीदाबाद से बदलकर हिसार कर दिया, लगभग 200 कि मी दूर।
परीक्षा के दो महीने पहले सिलेबस बदल दिया।
स्टडी मेटरियल के नाम पर नेट/यूजीसी की किताबें भेज दी जिसका सिलेबस से मैचिंग मुश्किल है।
हिंदी माध्यम के छात्रों को इंग्लिश की किताबें भेज दी।