मणिका मोहिनी-
पता नहीं, डायवोर्स को सेलिब्रेट करके क्या होगा? और कितने आधुनिक बनोगे? रिश्तों का मरना सेलिब्रेट करोगे? चलो, फिर सबका मरना सेलिब्रेट करो, माता-पिता का, भाई-बहन का, बेटा-बेटी का, किसी को न छोड़ना। और हां, सिर्फ़ डायवोर्स को सेलिब्रेट करोगे? पति के मरने को नहीं? चुभा ना? लौट जाओ पीछे। इतनी आधुनिकता नहीं चाहिए।
Tamil TV actress Shalini celebrates divorce with unique photoshoot.
यह शोशेबाजी ग्लैमर की दुनिया से जुड़ी एक टी वी अभिनेत्री की है। जितने लोग इसका समर्थन कर रहें हैं, उन्हें मेरी खुली चुनौती है कि ईश्वर न करे, यदि उनके घर परिवार में कभी ऐसी आपदा, नहीं नहीं, खुशी का अवसर आए तो वे इसे जरूर celebrate करें और फोटोशूट फेसबुक पर डालें ताकि मित्र भी इस खुशी में शामिल हो सकें।
सुजाता चोख़ेरबाली-
तलाक़ को औरत के लिए कलंक मानना सिखाया समाज ने, ऐसे में यह देखकर चिढ़ होना स्वाभाविक है कि औरतें उस कलंक और मानसिक त्रास से मुक्त होने की कोशिश करें। थोड़ा उदार बनिए। सबसे अच्छा है कौन कैसे जीवन में कोप करता है उससे मतलब ही न रखिए। आप उनके लिए कुछ नहीं कर सकते। इसलिए किसी को भी आपकी राय की परवाह क्यों करनी चाहिए?
मृत्युंजय कुमार-
दो तीन दिन से ये फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल है। इसमें एक मोहतरमा अपना तलाक फोटोशूट करवा रही हैं। जिस पार्टनर के साथ कभी उन्हें जीने मरने की कसमें खाई होंगी, उसकी फोटो को लतियाते हुए डाइवोर्स सेलिब्रेट किया जा रहा है।
मुझे लगता है कि आजकल की पीढ़ी सूतिया है, जिसे न प्रेम करना आता है और न ही प्रेम से अलग होना। कितनी अभागी महिला होगी वह जो एक पार्टनर के साथ बिताए सुंदर यादों को सहेज नहीं पाई और कितना नकारा होगा वह पार्टनर जो इसके दिल में छोटी सी जगह भी नहीं बना पाया। कितना खोखला रहा दोनों का प्रेम और नासमझ रही दुनिया जो दोनों की इस चोंचलेबाजी को प्रेम मान बैठी।
कोई राह चलते बस, ट्रेन में मिल जाए तो लोग नंबर अदला-बदली कर लेते हैं। इस उम्मीद के साथ विदा होते हैं कि ईश्वर ने चाहा तो फिर किसी मोड़ पर मिलेंगे। लेकिन इनके कथित प्रेम और लिवइन में इतनी भी गुंजाईश नहीं रही।
हम किसी बोझिल रिश्ते को ताउम्र ढोने की सलाह नहीं दे रहे।
राधा और कृष्ण भी अलग हुए। लौट आने का वादा करके कृष्ण वृंदावन से भाग गए। राधा को भी पता था कि ये लौटेंगे नहीं। सो जाते-जाते कह सुनाया- वृंदावन से भाग सकते हो, मेरे मन से नहीं।
आगे कृष्ण और राधा दोनों ने अपनी-अपनी जिंदगी बसाई। ब्रह्मावैवर्त पुरान में जिक्र मिलता है कि राधा ने वृंदावन के ही एक यादव से शादी कर ली। उधर, कृष्ण भी अपनी रानी-पटरानियों संग रहने लगे। दोनों अटूट प्रेम करते थे, लेकिन पता था कि साथ रहना अब संभव नहीं, तो प्रेम से अलग हो गए। अलगाव के बाद भी प्रेम बना रहा, लांछन, आरोप गौण रहे।
आज के शब्दों में कहें तो राधा और कृष्ण का ब्रेकअप हो गया। दोनों फिर कभी नहीं मिले। लेकिन आज भी दोनों के प्रेम का उदाहरण दिया जाता है।
आजकल के लड़के-लड़कियां खाली चाट-पकौड़ी और पेड़ा खाने वृंदावन जाते हैं। ऐसी पीढ़ी प्रेम का शीघ्रपतन ही करा सकती है। इनके प्रेम में न कोई अंजाम होगा और न ही ये इसे सुंदर मोड़ देकर छोड़ सकते हैं।
कोई सद्गुरू हो जो इन नासमझों को प्रेम करना और प्रेम में नफरत करना सिखाए। हीर-रांझा, एडम-ईव, बैजू बावड़ा और मीराबाई की कहानी सुनाए। प्रेम में प्रेम से अलग होना, बिछोह के बाद भी प्रेम करना सबसे बड़ी कला है।
आभा शुक्ला-
किसी महिला ने डिवोर्स यानी तलाक का फोटोशूट कराया… लोग जजमेंटल हो गए कि लो औरत होकर तलाक की खुशियां मना रही है…. क्या जमाना आ गया है…. राम राम राम….
पर ये किसी ने नहीं सोचा कि हो सकता है उसकी शादीशुदा जिंदगी इतनी खराब हो कि तलाक उसके लिए नया जन्म लेकर आई हो…. सोशल मीडिया पर बैठकर मै या आप ये तय नहीं कर सकते कि उस महिला का उसके पति से ताल्लुक कितना जिल्लत भरा था जिसके टूटने पर वो खुशी मना रही है….
शायद ये तलाक का फोटोशूट वो याद है जो उसको हमेशा याद दिलाएगा कि कब और किस तरह वो एक टॉक्सिक हो चुकी रिश्ते से बाहर निकली थी….
क्यों दुखी होना चाहिए तलाक के बाद महिला को….? क्योंकि वो महिला है….? जिंदगी में टॉक्सिक रिश्तों के टूटने को हमेशा सेलिब्रेट करना चाहिए…. और शायद यही किया इस महिला ने…. बड़ी हिम्मत का काम किया….. ये महिला जो भी है इसको मेरा ढेर सारा प्यार…. जीवन को देखने के इसके नजरिए को मेरा सलाम….
इसे कहते हैं जीवन का हर लम्हा खुलकर जीना……