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सियासत

तीन तलाक बिल फ़तवा फैक्टरियों से निकलने वाले 90 फीसदी फ़तवा बमों को फुस्स कर देगा : डॉ. हुदा

डॉ. हुदा
तीन तलाक के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने वाले समाजसेवी, चिंतक, प्रखर वक्ता और बीजेपी नेता डॉ. हुदा ने कहा- यह ऐतिहासिक दिन है, यह जश्न का मौका है! आने वाली नस्लें 31 जुलाई के दिन को “जश्न-ए-तहफ़ूज़” के तौर पर सेलिब्रेट करेंगी… ये बिल सिर्फ़ परिवार को जोड़ने का काम ही नहीं करेगा बल्कि “फ़तवा फैक्टरियों” से निकलने वाले 90 प्रतिशत फ़तवा बमों को भी फुस्स कर देगा!

ऐतिहासिक दिन…. जश्ने यौमे तहफ़्फ़ुज़… एक लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार मोदी जी ने तीन तलाक़ बिल को राज्यसभा में पारित करा कर मुस्लिम मोअशरे से अपना किया हुया वादा निभा दिया। इसके लिये सिर्फ़ मुस्लिम ख़्वातीन ही नही बल्कि हिंदुस्तान का हर वो मुसलमान जो प्रोग्रेसिव ख्यालात का हामिल है, भारतीय जनता पार्टी और मोदी जी का एहसानमंद रहेगा। आज के दिन को मैं मुस्लिम मोअशरे और उनके मुस्तक़बिल के लिये गोल्डन डे के तौर पर सेलिब्रेट करना चाहूंगा।

दूसरे अल्फाज़ो में “तीन-तलाक” बिल का ऐवाने स्टेट काउंसिल (राज्यसभा) में पास होना पंद्रह अगस्त को यौमे आज़ादी के जश्न से पहले मुस्लिम मोअशरे के लिये मज़हबी ठेकेदारों, मनगढ़त फ़तवों की फैक्ट्री चलाने वालों और मुस्लिम वोट माफियाओं के चुंगल से आज़ादी का दिन है। मुझे उम्मीद हैं आने वाली नस्लें 31 जुलाई के दिन को “जश्न-ए-तहफ़ूज़” के तौर पर सेलिब्रेट करेंगी… इन्शा अल्लाह! मैं ज़ाती तौर से वज़ीर-ए-आज़म आली जनाब मोदी जी की काविशो को सलाम करता हूं, और दिली मुबारकबाद पेश करती हूं जिन्होंने अपनी हिकमते अमली से मुख़ालिफ़ों को शिकस्त दे कर तीन तलाक़ बिल को अमली जामा पहनाया।

ये बिल आने वाले मुस्तक़बिल में मुस्लिम मोअशरे के तालीमी और मोआशी फ़लाह के लिये नुमायां क़िरदार अदा करेगा। क्योंकि एक ख़्वातीन के मज़बूत होने का मतलब पूरे खानदान का मज़बूत होना है। बड़ी ज़िम्मेदारी के साथ मैं ये बात अर्ज़ करना चाहता हूं कि ये बिल सिर्फ़ परिवार को जोड़ने का काम ही नहीं करेगा बल्कि “फ़तवा फैक्टरियों” से निकलने वाले 90 प्रतिशत फ़तवा बमों को भी फुस्स कर देगा।

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क़ुरान शरीफ में इरशाद फरमाया गया है… वतोइज़्ज़ो मन्तशाओ वतोज़िल्लो मन्तशा यानी बेशक़ इज़्ज़त और ज़िल्लत अल्लाह के हाथ है, बेशक़ अल्लाह जब चाहे जिससे चाहे अपनी मखलूक की फ़लाह का काम ले लेता है। और, मैं ये कहूंगा की अल्लाह ने मुस्लिम मोअशरे की हिंदुस्तान में दशा और दिशा को सुधारने के लिये मोदी जी को मन्सूख़ किया। जो काम बड़े बड़े नामनेहाद क़ौम के क़ायद नही कर पाए अल्लाह ने वो काम मोदी जी के हाथ से लिया और अल्लाह ने अपनी बेआवाज़ लाठी से नामनेहाद कौमी ठेकेदारों को ये भी पैग़ाम दे दिया कि “मैं उसी को सर बुलंदी आता फरमाता हूँ जो राहे हक़ पर हो”…

आज का दिन ज़ाती तौर से मेरे लिये और ख़ास और भावुक इसलिये हो जाता है कि कई वर्षों से लगातार तीन तलाक़ के ख़िलाफ़ मुहिम चला रहा हूँ, अपनी कलम की मार्फत लगातार इस कुप्रथा के खिलाफ आवाज़ तो उठाता ही रहा हूँ साथ ही डॉक्टर होने के नाते सालों से तीन तलाक़ पीड़िताओं का मुफ्त इलाज भी कर रहा हूँ। एक लंबे संघर्ष से गुज़र कर यहाँ तक पहुँचा हूँ।अपने ही समाज के बीच किस दर्द से गुज़रा हूँ उसको अल्फाज़ो में बयान करना नामुमकिन है।

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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और उससे ताल्लुक रखने वाले “कौमी दलाल” जो मुस्लिम पर्सनल लॉ के नाम पर अभी तक दिगर सियासी जमातों पर अपने ज़ाती कारोबार, वक़्फ़ की जमीनों पर नाजायज़ कब्ज़ों,मनी लांड्रिंग जैसे कारोबारों को चलाने के लिये 70 साल से हुकुमतों पर दवाब बनाते आये थे वो भी क़ौम के सामने बेनक़ाब हो गए। जो सियासी तंजीमें अगर इस बिल का विरोध कर रही थीं तो उसके पीछे उनकी अपनी वोट बैंक और तसक़ीन(तुष्टीकरण) की सियासत थी मक़ासिद के दर पेश मुसलमानों के वोट का इस्तेमाल “बिरयानी में काली मिर्च” से ज़्यदा कुछ नही था।जिनको मुस्लिम मोअशरे के रोज़गार, सरकारी नौकरियों में नुमाईंदगी, सामाजिक सरोकार और मुसलमानों के मेन स्ट्रीम में आने की क़वायत से कोई सरोकार नही था, जिस पर आज मोदी जी की हुक़ूमत ने उनके मंसूबो के ताबूत में आख़री कील ठोकने का काम किया है।

सबसे ख़ास बात ये है कि तीन तलाक़ कानून पास होने से न सिर्फ़ तीन तलाक़ जैसी “डायन-कुप्रथा” का अंत होगा बल्कि मुस्लिम समाज से जुड़े हुये सामाजिक व् आर्थिक पहलुओं पर भी इसके दूरगामी अच्छे नतायज सामने आएंगे, इस बात को मुस्लिम समाज को समझने की ज़रूरत है कि राज्यसभा में “तीन-तलाक़” बिल पास होना शरीयत की मुख़ालफ़त नही बल्कि “ताहफ़ूज़-ए-शरीयत” है और आने वाली नस्लों के लिये राष्ट्रवादी सोच के साथ मुल्क़ की मुख्य धारा से जुड़ने का एक बेहतर रास्ता भी है।

“मेरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा,इसी सियाह समंदर से नूर ज़रूर निकलेगा”…

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जय-हिंद
डॉ. सयैद एहतेशाम-उल-हुदा
प्रखर वक्ता एवं राष्ट्रवादी चिंतक
प्रचारक-भारतीय जनता पार्टी
मोबाइल 9837357723
मेल [email protected]

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2 Comments

2 Comments

  1. M.Shakil Anjum

    August 1, 2019 at 8:03 pm

    Dr.S.E.Huda sahab apki bat wajib hai lekin yeh qaum ke alambardaro ko huzm nhi hogi kyunki inki aankho par jo chashma chadha hua hai woh insaniyat ko nhi dekhta hai. yeh woh dekhta hai jisme koi mufaad ho. itihaas me ek sahi kaam ho gya jiska kafi arse se logo ko intezar thaa. kash hukumat isme aur gehraai se doob kar dekhti. maslan jisne talaaq dedi aur woh qanoon ki giraft me aa kar jail chala gaya. ab auske bachho ki kaun kifalat karega.kaun authayega zati kharch. jail jane wale ke aziz to auske bachho ko raisne se rahe woh to aunki janib dekhna bhi pasand nhi karenge. kharch to bahut door ki bat rahi.dekhiye kiya side effect honge is qanoon se.

    • Dr Syed Ehtesham-ul-Huda

      August 3, 2019 at 1:50 am

      बहुत शुक्रिया जनाब

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