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आम आदमी का आक्रोश फूटा ‘सरकारी दफ्तर’ में

आम दिनों की तरह ‘सरकारी दफ्तर’ में गहमा-गहमी का माहौल था। बाबू अपने ढर्रे पर काम कर रहे थे। तभी परेशानहाल एक आम आदमी आया। सरकारी दफ्तर का चक्कर काटते परेशान हो चुके इस आम आदमी आक्रोश अचानक फूट पड़ा। आम आदमी के इस तेवर को देखकर सरकारी दफ्तर के तमाम लोग भी सन्न रह गए। दरअसल यह एक छोटा सा दृश्य था छत्तीसगढ़ भिलाई में पले-बढ़े युवा निर्देशक केडी सत्यम की हिंदी फिल्म ‘मुंबई डायरी’ का।

<p>आम दिनों की तरह 'सरकारी दफ्तर' में गहमा-गहमी का माहौल था। बाबू अपने ढर्रे पर काम कर रहे थे। तभी परेशानहाल एक आम आदमी आया। सरकारी दफ्तर का चक्कर काटते परेशान हो चुके इस आम आदमी आक्रोश अचानक फूट पड़ा। आम आदमी के इस तेवर को देखकर सरकारी दफ्तर के तमाम लोग भी सन्न रह गए। दरअसल यह एक छोटा सा दृश्य था छत्तीसगढ़ भिलाई में पले-बढ़े युवा निर्देशक केडी सत्यम की हिंदी फिल्म ‘मुंबई डायरी’ का।</p>

आम दिनों की तरह ‘सरकारी दफ्तर’ में गहमा-गहमी का माहौल था। बाबू अपने ढर्रे पर काम कर रहे थे। तभी परेशानहाल एक आम आदमी आया। सरकारी दफ्तर का चक्कर काटते परेशान हो चुके इस आम आदमी आक्रोश अचानक फूट पड़ा। आम आदमी के इस तेवर को देखकर सरकारी दफ्तर के तमाम लोग भी सन्न रह गए। दरअसल यह एक छोटा सा दृश्य था छत्तीसगढ़ भिलाई में पले-बढ़े युवा निर्देशक केडी सत्यम की हिंदी फिल्म ‘मुंबई डायरी’ का।

रविवार की दोपहर ‘मुंबई डायरी’ का यह दृश्य शूट किया गया सुपेला भिलाई स्थित हरिभूमि ब्यूरो कार्यालय में और आम आदमी का किरदार जीवंत किया मशहूर अभिनेता आशीष विद्यार्थी। आशीष पिछले 10 दिन से भिलाई में ‘मुंबई डायरी’ की शूटिंग कर रहे थे। निर्देशक सत्यम ने सरकारी दफ्तर का दृश्य हरिभूमि कार्यालय में शूट किया। इसके लिए सत्यम और उनकी टीम दोपहर में दफ्तर पहुंची। यहां सत्यम ने अपनी जरुरत के मुताबिक दफ्तर में बदलाव करवाया और उसके बाद पहुंचे आशीष विद्यार्थी।

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हरिभूमि परिवार की ओर से आशीष विद्यार्थी का स्वागत किया गया। एक आम आदमी के किरदार में ढले हुए आशीष ने पूरे दफ्तर का नजारा घूम कर देखा और उसके बाद निर्देशक  सत्यम के साथ जरुरी जानकारी ले ली। फिर शुरू हुआ लाइट्स, कैमरा और एक्शन का दौर। यह छोटा सा दृश्य फिल्माने करीब 2:30 घंटे का वक्त लगा। जिसमें कभी चपरासी से के चलने का ढंग गलत होता तो कभी सरकारी बाबूओं के बीच की बातचीत में वो बात नहीं आ पाती जैसा निर्देशक सत्यम चाहते थे। कई बार दृश्य में निखार लाने भी सत्यम ने रि-टेक करवाए। अंतत: जब आशीष विद्यार्थी अपने संवाद बोलने खड़े हुए तो चारों तरफ सन्नाटा था और शॉट ओके होते ही तालियंो की गूंज थी। आशीष ने शॉट के बाद मौजूद लोगों से अपनी भूमिका को लेकर राय भी ली।

इस पूरे दृश्य की खास बात यह रही कि इसमें सरकारी बाबू से चपरासी तक के सारे किरदार भिलाई, दुर्ग और रायपुर के रंगमंच-फिल्म के कलाकारों ने निभाए। इनमें मुख्य रूप से अनिल शर्मा, कौशल उपाध्याय, सुब्रत शर्मा, शकील अहमद, बुद्धि सागर शर्मा, बलदेव सिंह पाटिल, दीपक ताम्रकार, योगेश पांडेय और हेमलाल शामिल हैं। इन सभी कलाकारों ने आशीष विद्यार्थी के साथ हरिभूमि कार्यालय के अलावा 32 बंगले में भी दो दिन तक शूटिंग की। 10 दिन के भिलाई शूट के बाद आशीष विद्यार्थी 27 अक्टूबर की सुबह मुंबई रवाना हो गए।

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लेखक और पत्रकार मोहम्मद जाकिर हुसैन की रिपोर्ट.

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