मुंबई के सेक्टर-30ए, वाशी निवासी विधि जैन ने प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, सचिव, राजभाषा विभाग, संयुक्त सचिव, राजभाषा विभाग, निदेशक (शिकायत), राजभाषा विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली को लिखे एक गंभीर शिकायती पत्र में कहा है कि आयकर विभाग द्वारा ऑनलाइन सेवाएँ आम जनता पर केवल अंग्रेजी थोपने पर आमादा हैं। विभाग द्वारा ऑनलाइन आयकर विवरिणी की हिन्दी वेबसाइट https://incometaxindiaefiling.gov.in/eFiling/index_hindi.html पर ऐसे शब्दों का प्रयोग बार-बार किया गया है, जिनका अर्थ किसी शब्दकोश में नहीं मिला है। तुरंत आयकर के सम्बन्ध में इन शब्दों का अर्थ जनता को बताया जाए ताकि आम कर निर्धारिती अपनी विवरिणी सही तरह से दाखिल कर सकें।
उन्होंने इन शब्दों का अर्थ जनता को बताने का आग्रह किया है – कालकुलाटोर, तसला, आर्टिफिसियाल, पर्सोन, रेसिडेंटिअल, वापसी, क्षेत्राधिकार ए.ओ., आ. टी. आर, ओफ़ -फ़िन् , डोवंलोअड्स, धूप-ताम्रता, वेब्पग, परदे, रेगिस्ट्रशन, किल्क।
विधि जैन का कहना है कि इन सभी शब्दों को वेबसाइट से चुना गया है, जो केवल नमूने के तौर पर हैं। ऐसे अनेक शब्द हैं। (कृपया सभी अनुलग्नक देखें) साथ ही उस अधिकारी का नाम -पता, ईमेल-फोन संपर्क सार्वजनिक करें जिसने इस वेबसाइट के लिए अभूतपूर्व वेबसाइट ‘गूगल महाराज’ की कृपा से तैयार की है ताकि लोग समझ सकें कि लिखा क्या गया है? बात स्पष्ट है हिंदी के नाम पर गूगल से अनुवाद करके सामग्री डाल दी गई है और जिसने डाली है उस अधिकारी ने उसे पढ़ने की भी जहमत नहीं उठाई है. सवाल यह है कि इतनी लापरवाही क्यों और लगातार क्यों जारी है? इसी वेबसाइट पर हिन्दी वेबसाइट के लिए हिंदी में लिखा गया है. जबकि सही : हिन्दी में में होता है. गलती है छोटी, पर गलती तो गलती है.
उनकी अन्य प्रमुख शिकायतें हैं –
1.आयकर विभाग एवं केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर मंडल की सभी ऑनलाइन सेवाएँ (आयकर विवरणी जमा करना, पैन कार्ड का ऑनलाइन आवेदन, टीडीएस विवरणी ऑनलाइन जमा करना, ऑनलाइन टीडीएस प्रमाण-पत्र निकालना आदि) केवल अंग्रेजी में उपलब्ध करवाई गई हैं, इस तरह अंग्रेजी न जानने वाले नागरिकों को इन सेवाओं का लाभ लेने से वंचित किया जा रहा है.
2. आयकर विभाग की हिन्दी वेबसाइट का समय पर अद्यतन नहीं की जाती है.
3. विशेष: आयकर विभाग ने अभी एक और कारनामा किया है ऑनलाइन आयकर विवरणी दाखिल करने की वेबसाइट पर हिन्दी सामग्री ‘गूगल हिन्दी अनुवादक’ का प्रयोग करके डाली गई है जो राजभाषा कानून के अनुपालन के नाम पर किया गया एक बेहूदा मजाक है, हिन्दी वेबसाइट की पाठ्य सामग्री भगवान भी नहीं समझ सकते क्योंकि वह केवल दिखावे के लिए बनाई गई है।
4. आयकर विभाग ने सभी आयकर विवरणी दाखिल करने के ऑनलाइन फॉर्म केवल अंग्रेजी में तैयार किए हैं जबकि नियम द्विभाषी प्रारूप बनाने का है, इसलिए सभी पीडीएफ एवं ऑनलाइन फॉर्म अलग-2 हिन्दी अंग्रेजी में ना तैयार किए जाएँ, सभी फॉर्म द्विभाषी तैयार करवाए जाएँ।
5. आयकर के ऑनलाइन फॉर्म जमा करने पर अभिस्वीकृति केवल अंग्रेजी में जारी होती है और आयकर सम्बन्धी सभी ईमेल भी अंग्रेजी में मिलते हैं. जिन्हें देश की 95 % जनता पढ़ भी नहीं पाती।
6. मेरे एक पत्र के जवाब में आयकर विभाग ने बताया था कि पैनकार्ड को हिन्दी-अंग्रेजी द्विभाषीय बनाने के निर्देश कर दिए गए हैं, उस को शीघ्र अमल में लाया जाए.
7. आयकर विभाग द्वारा अपने सभी प्रतीक-चिह्न (जैसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, टीडीएस, विभाग की स्वर्ण जयंती आदि के लोगो) अंग्रेजी में बनाए गए हैं, अथवा द्विभाषी ना बनाकर हिन्दी, अंग्रेजी में अलग-२ बनाए गए हैं ताकि अंग्रेजी का चिह्न इस्तेमाल किया जाता रहे.
उनका आग्रह है कि इन शिकायतों को दूर करवाने के प्रभावी कदम उठाएँ। आवेदक एवं अनेक नागरिक इन मुद्दों पर पिछले कई वर्षों से माँग कर रहे हैं पर अब तक कोई हल नहीं निकला है, कोई सुधार नहीं हुआ। अब उन्होंने सरकार और संबंधित विभागों से इस दिशा में शीघ्र कार्यवाही की अपेक्षा की है।
विधि जैन ईमेल संपर्क : vk.vidhi@gmail.com