मीडिया का दमन करने की कोशिश, केंद्रीय गृह मंत्रालय में अब पत्रकारों के प्रवेश पर पाबंदी

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रवक्ता को छोड़कर अपने दूसरे अधिकारियों से पत्रकारों के मिलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब मीडिया तक सूचनाएं पहुंचाने के दिशानिर्देश तय किए गए हैं. पत्रकारों ने विरोध जताते हुए कहा है कि यह मीडिया का दमन करने की कोशिश है.

मजीठिया वेतनमान : चंडीगढ़ का श्रम विभाग नहीं रखता मीडिया कर्मियों का कोई लेखा-जोखा

मजीठिया वेज बोर्ड की संस्तुतियों के क्रियान्वयन की जांच-पड़ताल के लिए नोडल अफसरों/इंस्पेक्टरों की नियुक्ति/तैनाती/मनोनयन/नामजदगी की खातिर निर्धारित अवधि पूरी होने में करीब डेढ़ हफ्ता रह गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में इस काम के लिए 28 अप्रैल 2015 से चार हफ्ते का समय दिया था। यह आदेश राज्य सरकारों को जारी किया गया था जो अपने मुख्य सचिवों के मार्फत काम-कार्यवाही करती हैं। कुछ या कई राज्य सरकारें इस आदेश पर अमल की दिशा में सक्रिय हो गई हैं। मसलन, हरियाणा के मुख्य सचिव ने श्रम विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक, विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।

इस तरह से होंगे लेबर विभाग में शिकायत के फॉरमेट और आरटीआई के फॉरमेट

मजीठिया वेज बोर्ड पाने की जंग अब कायदे से शुरू हो चुकी है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सभी प्रदेशों के श्रम विभागों से तीन माह में जो स्टेट्स रिपोर्ट तलब की हैं, उसे अपने पक्ष में करने के लिए गेंद अब कर्मचारियों के पाले में है। लिहाजा अब अपने-अपने राज्य के श्रम विभाग को हरकत में लाने का समय आ गया है। इसके लिए सबसे पहले तो संबंधित यूनिटों के कर्मचारियों को अपने श्रम निरीक्षक या श्रम अधिकारी को अपने संस्था में मजीठिया वेज बोर्ड न दिए जाने व माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सात फरवरी 2014 को आए निर्णय को लागू न किए जाने को लेकर शिकायत पत्र देना होगा। इसी के आधार पर श्रम निरीक्षक संबंधित संस्थान के संबंध में जांच पड़ताल शुरू कर पाएगा। इसके अलावा आरटीआई को भी हथियार बनाना पड़ेगा। इसके जरिये राज्य श्रम विभाग के निदेशालय से यह जानकारी मांगी जा सकती है कि विभाग ने अपने राज्य में प्रकाशित हो रहे समाचार पत्रों व यहां चल रही न्यूज एजेंसियों में मजीठिया वेज बोर्ड लागू करवाने के लिए क्या कदम उठाए हैं। साथ ही विभाग के रिकार्ड के अनुसार कौन-कौन सा समाचारपत्र या न्यूज एजेंसी वेज बोर्ड के तहत एरियर व वेतन का भूगतान कर चुकी है। कुछ साथियों ने इसके लिए आवेदन के फारमेट पर असमंजस है। लिहाजा मैं इस संबंध में अपने अनुभव के आधार पर निम्म जानकारियां पहले एकत्रित करने की सलाह दूंगा। 

आयकर विभाग अंग्रेजी थोपने पर आमादा, देश के लाखों करदाता परेशान

मुंबई के सेक्टर-30ए, वाशी निवासी विधि जैन ने प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, सचिव, राजभाषा विभाग, संयुक्त सचिव, राजभाषा विभाग, निदेशक (शिकायत), राजभाषा विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली को लिखे एक गंभीर शिकायती पत्र में कहा है कि आयकर विभाग द्वारा ऑनलाइन सेवाएँ आम जनता पर केवल अंग्रेजी थोपने पर आमादा हैं। विभाग द्वारा ऑनलाइन आयकर विवरिणी की हिन्दी वेबसाइट https://incometaxindiaefiling.gov.in/eFiling/index_hindi.html पर ऐसे शब्दों का प्रयोग बार-बार किया गया है, जिनका अर्थ किसी शब्दकोश में नहीं मिला है। तुरंत आयकर के सम्बन्ध में इन शब्दों का अर्थ जनता को बताया जाए ताकि आम कर निर्धारिती अपनी विवरिणी सही तरह से दाखिल कर सकें। 

होशियार ! मजीठिया मामले पर मीडिया हाउसों और लेबर डिपॉर्टमेंट के बीच दलाल हरकतें तेज, चार लाख की घूसखोरी !!

लखनऊ : ताजा सूचना है कि यहां से प्रकाशित एक अखबार के अधिकारी ने लेबर डिपार्टमेंट के एक दलाल को चार लाख रुपए दिए हैं। इसी दलाल ने कुछ दिन पहले मजीठिया मामले से संबंधित आरटीआई के जवाब में गोल-मटोल कर फाइल को लौटा दिया था।